मेरा नाम खान है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मैं 21 साल का हूँ। मैं आज आप सभी को मेरी एक दोस्त के साथ हुई सैक्स के बारे में बताने जा रहा हूँ ! यह बात लगभग एक साल पुरानी है। मैं सरकारी संस्था में संविदा के आधार पर काम करता हूँ। इसके अतिरिक्त मैं पार्ट टाईम में एक मार्केटिंग कम्पनी में भी काम करता हूँ। जहाँ मैं शनिवार और रविवार जाया करता हूँ। वहाँ मेरी मुलाकात रूबी से हुई, वो भी वहीं कार्य करती थी। वहाँ मेरे एक सीनियर ऑफिसर ने मेरी मुलाकात उससे कराई।
कुछ ही दिनों में हम दोनों में काफी अच्छी दोस्ती हो गई। उसका घर मेरे घर से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर था। तो वो मुझे अपने घर भी ले गई, अपनी मम्मी पापा से मिलवाया, उसके घर में उसके मम्मी पापा के अलावा उसके दो भाई और एक बहन हैं।
उसे मार्केर्टिंग में बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, जैसे ग्राहक से बात करना, प्रोडक्टस के बारे में सही जानकारी, यह सब उसे अच्छे से मालूम नहीं था, जबकि मैं कुछ ही दिनों में कम्पनी के प्रोडक्टस और ग्राहक से बात करने की बारे में सब जान चुका था इसलिए मेरे सीनियर ने कहा- तुम रूबी को काम सिखाया करो।
एक दिन मैं और मेरे ऑफिस का ही दोस्त संजय शनिवार को ऑफिस आये हुए थे क्योंकि हमें एक क्लाइंट के घर जाना था। तभी रूबी का फोन आया- खान कहा हो तुम?
मैंने उसे बताया कि मैं अभी एक क्लाइंट के पास जाने वाला हूँ तो उसने कहा- मैं काम से बाहर गई थी, मेरा काम खत्म हो चुका है अगर तुम कहो तो मैं भी तुमहारे साथ चलूँ?
मैंने कहा- ठीक है, तुम ऑफिस में ही आ जाओ, हम साथ चलेंगे।
वो दस मिनट में ऑफिस पहुंची तो हम दोनों बस से गए। बस में काफी भीड़ थी और बैठने के लिए सीट भी नहीं थी। हम दोनों खड़े रहे, बस के ब्रेक लगा तो वो गिरने लगी, तो मैंने उसके कमर में हाथ डालकर अपनी ओर खींच लिया। जिससे उसके स्तन मेरी छाती से चिपक गए, मुझे तो बहुत मजा आया।
फिर मैंने उससे कहा कि तुम मुझे अच्छे से पकड़ लो, नहीं तो गिर जाओगी।
उसने कहा- ठीक है।
लगभग आधे घंटे में वहाँ पहुँचे और अपना काम खत्म करके चले तो फिर मैंने उससे कहा- घर चलने के मैट्रो लेते हैं, यहाँ से मैट्रो स्टेशन नजदीक है।
सड़क पार करते समय मेरी हाथ उसकी कमर पर रखा और सड़क पार किया, उसने ऐसे करने पर मुझे कुछ नहीं कहा। हम मैट्रो में बैठे यहाँ भी हमें सीट नहीं मिली, खड़े थे, अचानक मेरे दिमाग में शैतानी सूझी, चूंकि वो मेरे से बिल्कुल पास चिपक कर खड़ी थी, मैंने हल्के से उसके स्तन पर हाथ रखा और थोड़ा दबा दिया, उसने कुछ नहीं कहा। मेरी हिम्मत बढ़ गई, मैंने झट से उसके गाल पर एक पप्पी ले ली।
वो बोली- यह क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- क्या हुआ? पप्पी ही तो ली है।
तो उसने मुस्कुराते हुए कहा- यहाँ नहीं, पब्लिक प्लेस है।
मैंने कहा- तो ठीक है, चलो कहीं और !
वहाँ से हम एक पार्क में गए, तब शाम के छह बज रहे थे। हम दोनों पार्क में बैठे थे, पार्क में कुछ बच्चे ही थे तो हम एक झाड़ी के पीछे जाकर बैठ गए और मैंने उसे अपनी ओर खींचा और उसके होंठ पर अपने होंठ रखे और होंठ चूसने लगा। उसने मुझे ना नहीं कहा और वो भी मेरा साथ देने लगी। हम दोनों लगभग 10 मिनट तक एक दूसरे के होंठ चूसते रहे, उसके बाद मैं कपड़े के ऊपर से ही उसके उभार दबाने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने नीचे से उसकी कुरती के अंदर हाथ डाला और उसके स्तन दबाता रहा।
उसने अंदर सफेद ब्रा पहनी हुई थी। उसने झट से कुरती ऊपर की और ब्रा उतार दी और कुरती को ऊपर कर दिया, मेरे सामने उसके दोनों स्तन बिल्कुल नंगे थे, मैंने उसके स्तन पकड़े और दबाने लगा।
थोड़ी देर दबाने के बाद मैं उसका एक स्तन चूसने लगा। पाँच मिनट तक उसके स्तन को चूसा तो वो सिसकारियाँ लेने लगी, कहने लगी- जानू और चूसो ! बहुत मज़ा आ रहा है।
थोड़ी देर बाद मैंने अपना हाथ उसकी चूत पर रख दिया और पजामी के ऊपर से ही उसकी चूत सहलाने लगा। उसके बाद मैंने अपना हाथ उसकी पजामी के अंदर डाला। उसने इलास्टिक वाली पजामी पहन रखी थी, जिससे मेरे हाथ झट से अंदर चला गया।
मैं अपने एक हाथ से उसकी चूत सहला रहा था और दूसरा हाथ उसके स्तनों पर था और मुँह से उसके होंठ चूस रहा था। मैंने अपनी उंगली उसकी चूत के अंदर घुसा दी थी और उंगली चूत के अंदर बाहर कर रहा था, हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था।
इतने में उसकी मम्मी का फोन आ गया।
उसने कहा- रूको !
उसने अपनी मम्मी से बात की, बात खत्म करने के बाद कहा- मुझे घर जाना है, बहुत लेट हो गया है, मम्मी बहुत नाराज़ हो रही थी। उसने कपड़े सही किए और मैं उसे घर छोड़ने गया।
घर पहुँचा तो उसने चाय पिलाई। मैंने उसकी मम्मी से थोड़ी देर बात की और मैं अपने घर चला आया।
रात को उसने मेरे मोबाईल पर एस एम एस किया, हम दोनों ने एस एम एस से ही बात की।
उसने कहा- आज बहुत मजा आ रहा था लेकिन अधूरा मजा आया।
मैंने भी कहा- हाँ, अधूरा मज़ा आया। पूरा मज़ा कब दोगी? मैं अपना लंड तुम्हारी चूत में कब डालूंगा। मैं बहुत बैचेन हूँ अपना लंड तुम्हारी चूत में डालने के लिए।
उसने भी कहा- मैं भी बहुत बैचेन अपनी चूत में तुम्हारा लंड डलवाने के लिए।
उसने कहा- अब हम रात को एस एम एस से बात करेंगे। फोन पर नहीं क्योंकि आवाज सुन कर कोई उठ सकता है। एस एम एस से बात करना आसान है।
हम दोनों ने रात के 3.00 बजे तक एस एम एस के द्वारा बात की।
उसे कम्प्यूटर चलाना नहीं आता था तो उसने कहा- तुम मुझे कम्प्यूटर चलाना सीखा दो।
मैंने कहा- ठीक है।
अगले दिन मैं उसे लेकर साइबर कैफे में गया। वहाँ मैंने उसे कम्प्यूटर के बारे में बताया और साथ ही साथ इंटरनेट के बारे में बताया। उसमें मैंने उसे इंटरनेट पर एक अश्लील फिल्म दिखाई तो उसने कहा- जानू, मुझे भी ऐसे कब चोदोगे।
मैंने कहा- चोदूँगा, थोड़ा इंतजार करो।
फिर वो अपने घर चली गई और मैं अपने घर।
अगले दिन दोपहर में मैंने उसे फोन किया और कहा- मेरा एक दोस्त के घर वाले कुछ दिनों के लिए बाहर जा रहे हैं, वो घर में अकेला हैं रविवार को उसके घर जाना है, वहीं पर मजे करेंगे, घर से बहाना बना कर आ जाना।
उसने कहा- ठीक है, मैं आ जाऊँगी।
मैंने अपने दोस्त के घर का पता उसे एस एम एस किया। रविवार को उसने दोपहर 2.00 बजे मुझे फोन किया और कहा- जानू, मैं आ रही हूँ और बियर भी लेकर आ रही हूँ हम दोनों बियर पिएंगे और मजे करेंगे।
मैंने कहा- ठीक है, आ जाओ।
15 मिनट बाद वह मेरे दोस्त के घर पर आई। मैंने अपने दोस्त को बाहर भेज दिया था, घर में मैं अकेला था।
उसने अपने बैग से किंगफिसर स्ट्रांग बियर निकाली मैंने उसे कहा कि मैं बियर, शराब नहीं पीता। मैंने फ्रिज से कोल्डड्रिंक निकाली और उसने बियर ग्लास में डाली, वो जिद करने लगी- तुम भी बियर पियो !
तो मैंने कहा- ठीक है, मेरे कोल्डड्रिंक के ग्लास में थोड़ा डाल दो !
मैंने थोड़ी पी पर उगल दिया। मुझे तो बहुत गंदी लगी। लेकिन वो तो पूरे दो ग्लास बियर पी गई। पीने के बाद वो वहीं बेड पर लेट गई। मैं भी उसके बगल में लेट गया और उसके स्तन दबाने लगा, मैं उसके होठों को चूसने लगा। लगभग 15 मिनट तक मैंने उसे चूमा, उसके बाद मैंने उसे उसके कपड़े उतारने को कहा।
उसने कहा- तुम खुद उतार लो !
मैंने उसकी कुरती उतारी, उसने काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी। बहुत खूबसूरत लग रही थी। उसके ऊपर काले रंग की ब्रा !
उसके बाद मैंने उसकी पजामी भी उतार दी। अब वो मेरे सामने केवल ब्रा और पैंटी में थी। मैं उसके स्तन ब्रा के ऊपर ही दबाने लगा। थोड़ी देर बाद उसने खुद ही अपनी ब्रा का हुक खोला और अपनी स्तनों को मुक्त कर दिया।
मैं उसके स्तन चूसने लगा, कभी दायाँ स्तन चूसा तो कभी बायां। मेरे लंड तो तन कर कब से छटपटा रहा था, उसे पेलने के लिए मैंने अपनी शर्ट और पैंट उतार दिया। अब मैं सिर्फ अंडर वियर में ही था। मैंने उसकी पैंटी उतार दी, मेरे सामने उसकी नंगी चूत थी जो बिल्कुल गीली हो चुकी थी। मैं उसकी चूत के पास मुँह ले गया।
क्या खुशबू थी उसके चूत की !
मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में अंदर घुसाई तो उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल गई और वो मेरे सर पकड़ कर चूत पर रगड़ने लगी, कहा- और अच्छे से चाटो।
थोड़ी देर बाद उसने कहा- अब नहीं रहा जाता, डाल दो अपना लंड इस चूत में ! फाड़ डालो ! अब बर्दाश्त नहीं होता।
मैंने अपना अंडरवियर उतार दिया। अब मेरा 7 इंच का लंड उसके आँखों के सामने था। उसने कहा- अब डालो ना ! तड़पा क्यों रहे हो ! फिर मैं उसकी चूत के ऊपर अपना लंड रगड़ने लगा, वो बहुत जोश में थी और कह रही थी- डालो ना ! क्यों तड़पा रहे हो।
फिर मैंने एक जोरदार झटका लगाया और उसके चूत में मेरा आधा लंड घुस गया, उसे बहुत दर्द हो रहा था, वो चिल्लाने लगी।
मैंने झट से अपना मुंह उसके होंठों पर रख दिया ताकि वो चीख ना सके और फिर धीरे धीरे अपना लंड उसके चूत के अंदर बाहर करने लगा।
थोड़ी देर बाद उसे अच्छा लगने लगा। अब मेरा लंड पूरा पूरा उसके चूत में था, रूबी की चूत में डुबकी लगा रहा था। रूबी 20 मिनट में झड़ गई। मैं उसके झड़ने कुछ देर बाद मैं भी झड़ गया।
फिर हम दोनो बाथरूम में गए, नहाए और थोड़ी देर आराम किया। फिर शाम 5.00 बजे वो अपने घर चली गई।
ऐसे मैंने रूबी के साथ अपनी पहली सैक्स का मज़ा लिया। इसके बाद हमें कभी मौका नहीं मिला, उसके कुछ दिनों बाद रूबी ने वहाँ से जॉब छोड़ दिया। फिर भी हम अक्सर फोन पर बातें किया करते थे और एस एम एस भी किया करते है। अब 6 महीने से ना तो उससे बात हो पा रही है, उसका फोन भी ऑफ रहता है।
उसके बाद मैंने किसी भी लड़की के साथ नहीं किया।