मेरी पत्नी की बहनें-3

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मैं मोनिका को चोदता रहा। थोड़ी देर में मोनिका के चूत से पानी निकलने लगा। मेरे लंड ने भी पानी छोड़ देने का सिगनल दे दिया, मैंने मोनिका से कहा- बोल कहाँ गिरा दूँ माल? वो बोली- मेरे मुँह में। मैंने अपने लंड को उसके चूत से निकाला और अभी उसके मुँह में भी नहीं डाला था कि मेरे लंड ने माल छोड़ना चालू कर दिया। इस वजह से मेरे लंड का आधा माल उसके मुँह में और आधा माल उसके गाल और चूची पर गिर गया। फिर भी वो प्यासी कुतिया की तरह मेरा लंड चूसती रही।

उसने अन्नू को अपनी चूची दिखाई और कहा- अन्नू, ले माल को चाट ! मज़ा आएगा।

अन्नू ने बिना देर किये मोनिका की चूची को चाटना शुरू कर दिया और उस पर गिरे मेरे माल को चाट चाट कर खत्म कर दिया।

मुझे काफी मज़ा आ रहा था लेकिन मैंने गौर किया कि अन्नू भी काफी अंगड़ाई ले रही थी, इसका मतलब कि अब उसकी चूत में भी खुजली हो रही थी।

मैंने मोनिका को कहा- अब तेरी छोटी बहन की बारी है। देख तो कैसा अकड़ रही है?

मोनिका अपनी चूत को साफ़ करती हुई बोली- इसकी तड़प को रोकने का एक ही उपाय यह है कि इसे भी अभी चोद दीजिये। क्यों री अन्नू? चुदवायेगी ना? बहुत मज़ा आएगा।

अन्नू बोली- लेकिन दीदी, तू तो अभी कराह रही थी, लग रहा था कि तुझे काफी दर्द हो रहा था।

मोनिका- अरी पगली, वो दर्द नहीं ..मज़ा था री ! तू भी चुदवा कर देख ना !

अन्नू ने कहा- लेकिन दीदी तूने ही तो एक दिन कहा था कि चूत पर पहला हक पति का होता है?

मोनिका- धत पगली ! साली के चूत पर पहला हक तो जीजा का ही होता है न। चल अब ये सब छोड़ और लेट जा ! देख जीजू अभी तुझे जन्नत की सैर करायेंगे।

अब मैंने अन्नू को अपने नीचे लिटाया और उसकी चूचियाँ दबाने लगा। मुझे पता था कि यह लड़की अभी गरम है। इसे काबू में करना कोई मुश्किल काम नहीं है। मैं उसकी चूची को दबाने लगा, वो कुछ नहीं बोल रही थी सिर्फ मुस्कुरा रही थी।

मैं एक हाथ उसकी चूत पर हाथ ले गया।

ओह ! उसकी चूत तो बिल्कुल गीली थी। मैंने अब कोई तकल्लुफ नहीं किया अब वो पूरी तरह से मेरी गिरफ्त में थी। मैं उसके होठों को बेतहाशा चूमने लगा। अब वो भी मुझे जोरदार तरीके से मेरे होठों को चूमने लगी। अब वो मेरा साथ देने लगी थी। वो भी मोनिका की चुदाई देख कर मस्त हो चुकी थी। उसकी चूचियाँ तो मोनिका से भी नरम थी। आखिर उसकी चूत का भी मैंने उद्धार किया और उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया।

लेकिन जैसे ही मैंने डाला, वो चीखने लगी। उसकी चूत का छेद अभी छोटा था।

मोनिका ने कहा- एक मिनट जीजू ! यह क्रीम इसकी चूत में लगा लीजिये, तब चोदिये, तब इसे दर्द नहीं होगा।

मैंने अन्नू के चूत से अपना लंड निकाल लिया, मोनिका ने वैसलिन क्रीम को अन्नू की चूत पर अच्छी तरह से मला। अन्नू चुपचाप अपने चूत पर वैसलिन लगवा रही थी।

मैंने अन्नू की चूची को दबाते हुए कहा- मोनिका, तूने तो अपनी चूत पर वैसलिन नहीं लगाई थी?

मोनिका ने कहा- मुझे तो मोटे बैंगन अपने चूत में डालने की आदत है ना ! यह अन्नू की बच्ची तो सिर्फ मोमबत्ती ही डालती है अपनी प्यारी सी चूत में। इसलिए आपका मोटा लंड इसे चुभ रहा है लेकिन अब नहीं चुभेगा। मैंने वैसलिन लगा दी है इसकी चूत में, अब आप इसकी चूत में अपना लंड बेहिचक डालिए।

मैंने फिर से अन्नू के चूत में अपना लंड धीरे धीरे डालना शुरू किया, इस बार भी वो थोड़ी चीखी लेकिन जल्दी ही अपने आप पर काबू पा लिया।

4-5 झटकों में ही उसकी भी झिल्ली फट गई और उसकी चूत से खून निकलने लगा लेकिन मैंने लंड के धक्के से उसकी चुदाई जारी रखी। थोड़ी देर में ही उसकी चूत भी खुल गई, वो भी अपनी दीदी की तरह जोश में आ गई, उसने अपने दोनों हाथों से मेरी गर्दन को लपेट लिया और मेरे होठों को चूमने लगी।

उसकी जम कर चुदाई के बाद मेरे लंड से भरपूर माल निकला जो कि उसकी चूत में ही समा गया।

मैं अपना लंड उसकी चूत से निकाल कर उसकी बगल में लेट गया।

तब मोनिका ने अन्नू की चूची को दबा कर बोली- क्यों बहना, मज़ा आया ना?

अन्नू ने कहा- हाँ दीदी ! एक बार फिर करो ना जीजू?

मोनिका ने कहा- नहीं, पहले मेरी चूत में भी रस डालिए तब अन्नू की बारी !

मोनिका मेरे बगल में लेट कर अपने दोनों टांगो को आजु-बाजू फैला कर अपनी चूत मेरे सामने पेश कर मुझे न्योता देने लगी।

मेरा लंड अभी थका नहीं था। मैं तीसरी बार चूत चोदने के लिए तैयार था। मैंने उसकी टांगों को अपने कंधे पर रखा और एक ही झटके में अपना लंड उसके चूत में प्रवेश करा दिया।

मोनिका- हाय राम ! जीजू कितना हरामी है रे तू? धीरे धीरे डाल न..

मैंने कहा- देख कुतिया, अभी मैं तेरी कैसी चुदाई करूंगा कि इस जन्म में दोबारा चुदाई का नाम ना लेगी तू।

मेरी बात सुन कर मोनिका ने हँसते हुए कहा- जा रे हिजड़े, तेरे जैसे दस लंड को मैं अपनी चूत में एक साथ डाल लूं तो भी मेरी चूत को कुछ नहीं होने वाला।

मैंने भी हँसते हुए कहा- तो ये ले.. सभाल इसे।

कह कर मैं काफी जोर जोर से उसके चूत में अपना लंड आगे पीछे करने लगा। पहले तो वो सिर्फ अपने होंठों को दांतों में दबा कर दर्द बर्दाश्त करती रही लेकिन थोड़ी देर में ही उसकी चीखें निकलने लगी, वो हल्के स्वर में चिल्लाते हुए कहने लगी- हाय रे ! मादरचोद, फाड़ डाला रे, साले जीजू, कुत्ता है तू ! एक नम्बर का रंडीबाज है। आदमी का लंड है या गधे का लंड। साले कुछ तो रहम कर मेरी नाजुक चूत पर !

मुझे उसकी गालियाँ काफी प्यारी लग रही थी। उसकी गालियाँ मेरा जोश बढ़ा रही थी। मैं जानता था कि उसे काफी मज़ा आ रहा है क्योंकि इतने दर्द होने के बावजूद वो अपनी चूत से मेरा लंड निकालने का प्रयास नहीं कर रही थी।

इस बार मैंने मोनिका के चूत को घमासान तरीके से 20 मिनट तक चोदा। इस घमासान चुदाई के बाद मेरे लंड से लावा फ़ूट पड़ा और सारा लावा उसके चूत में ही गिराया।

मोनिका की हालत देखने लायक थी। वो इतनी पस्त हो चुकी थी कि बिना कोई करवट लिए जैसे की तैसी लेटी लेटी ही सो गई।

मोनिका तो थक कर सो गई लेकिन अब अन्नू कहने लगी- मेरे मुंह में भी रस पिलाइये जैसे दीदी को पिलाया था। और मेरी भी चूत चूसिये जैसे आपने दीदी की चूसी थी।

मेरी भी तो अब हिम्मत नहीं हो रही थी। लेकिन मैं यह लोभ छोड़ना भी नहीं चाहता था और अन्नू को दुखी भी नहीं करना चाहता था।

मैंने कहा- अन्नू, यह मेरा लंड आपके हवाले है। आप इसे चूस कर इससे रस निकाल लीजिये।

अन्नू बोली- ठीक है।

मैं बिस्तर पर लेट गया। अन्नू मेरे बदन पर इस तरह से लेट गई कि उसकी चूत मेरी मुँह के ऊपर और वो मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी और मैं उधर उसकी चूत को चूस रहा था। जवान लड़कियों में रस की कमी नहीं रहती। उसकी चूत से लगातार रस निकल रहा था। सचमुच अद्भुत स्वाद था।

उधर मेरा लंड फिर तनतना गया, उसके चूसने का अंदाजा भी निराला था। मैंने उसे फिर से सीधा लिटाया और उसकी दोनों टांगों को अपने कन्धों पर रखा। उसकी चूत को दोनों हाथ से सहलाने के बाद अपना लंड पकड़ कर उसके चूत में डाला लेकिन मैं अन्नू को बड़े ही प्यार से धीरे धीरे चोदता रहा। वो मेरे इसी अंदाज़ पर मज़े ले रही थी। इस बार काफी देर तक उसकी चूत की चुदाई करने के बाद मेरे लंड ने चौथी बार क्रीम निकालने का सिगनल दिया।

मैंने करहाते हुए अन्नू से पूछा- माल पीना है या डाल दूँ चूत में ही?

अन्नू ने भी दर्द भरे स्वर में कहा- मुझे पीना है।

मैंने जल्दी से लंड को उसकी चूत से निकाला और अन्नू के मुँह को खोल कर उसके मुँह के पास लंड ले जा कर हाथ से 3-4 बार मुठ मारा ही था कि मेरे लंड महाराज ने चौथी बार लावा निकाल दिया।

सारा लावा अन्नू ने अपने मुँह में गटक लिया और बड़े ही चटखारे ले ले कर पिया। आखिर उसकी चूत से भी रस निकल गया जो सचमुच किसी जूस से कम नहीं था।

उसके बाद मैं भी अन्नू के साथ ही उसी के बिस्तर पर ही सो गया। रात करीब दस बजे हम लोग उठे मोनिका और अन्नू दोनों ही चल नहीं पा रही थी। मैं खाने के लिए बाहर गया और उन दोनों के लिए भी भरपूर मात्रा में खाना पैक करवाया और दो बोतल बियर और एक पैकेट सिगरेट ले लिया।

वापस आने पर उन दोनों को 2-2 गिलास बियर पिला कए खाना खिलाया। पहले तो दोनों मना करती रही। लेकिन जब मैंने कहा कि इससे कोई हानि नहीं होगी बल्कि तुम दोनों का बदन और चूत दर्द ठीक हो जाएगा तब दोनों ने बियर को पीया। फिर दोनों को एक एक सिगरेट भी पीने को दिया। पहले तो वो दोनों सिगरेट में भी ना ना करती रही लेकिन जब मैं सिगरेट पी रहा था और एक कश लेने के लिए अन्नू को दिया तो वो छोटी छोटी कश लेकर समूची सिगरेट ही पी गई। उसकी देखा देखी मोनिका भी एक सिगरेट छोटी छोटी कशों में पूरी पी गई। इस से सचमुच उन दोनों का दर्द समाप्त हो गया। शेष एक बोतल बियर और 3 सिगरेट मैं अकेले ही पी गया। हम सभी इतने में फिर से मस्त हो चुके थे। इसके बाद हम तीनों में कोई पर्दा नहीं रह गया, हम तीनों नंगे होकर रात भर सेक्स गेम खेलते रहे।

उसी रात को मैंने दोनों की गांड का भी उद्धार कर दिया। हम तीनो सुबह के सात बजे सोये। मैंने अपने लिए अलग कमरा को भी रखे रखा। जहाँ मैं कभी कभी दोनों में से किसी एक को अपने कमरे में ले जाकर एकांत में भी चोदता था।कभी कभी एकांत में भी तो चुदाई होनी चाहिए ना !

शेष सातों दिन हम तीनों ने साथ मिल कर चुदाई का तरह तरह का खेल खेला। घर वापस आने के बाद भी चुपके चुपके हम तीनों रंगरेलियाँ मना ही डालते हैं।