मैंने दोनों को बिस्तर पर सटा कर लिटा दिया। और बारी बारी से दोनों की चूचियाँ चूसने लगा। दोनों को अपनी चूचियाँ चुसवाने में बहुत मज़ा आ रहा था।
मैंने कहा- दोनों की 19-20 ही हैं। अच्छा यह बताओ कि तुम दोनों में से किसके चूत पर बाल अधिक हैं?
मोनिका ने कहा- जीजू, खुद ही हमारी पेंटी खोल के देख लो ना !
मैंने दोनों की पैंटियों में हाथ डाला और खींच कर उतार डाली। दोनों अब मेरे सामने नंगी थी। दोनों के चूत पर घने बाल थे।
मैं दोनों की चूत सहलाने लगा। दोनों की आँखें बंद थी, दोनों की चूत गीली हो रही थी।
मैंने कहा- दोनों की चूत पर घने बाल हैं। शेव नहीं करती हो क्या?
मोनिका ने कहा- नहीं !
मैंने पूछा- तुम दोनों में से मुठ अधिक कौन मारती हो?
अन्नू ने कहा- दीदी अधिक मारती है। दिन में दो बार, वो भी बैंगन से !
मैंने कहा- तू मुठ नहीं मारती?
अन्नू ने कहा- कभी कभी ! वो भी दीदी को मुठ मारते देख कर !
मोनिका- हाँ, लेकिन यह इतनी डरपोक है कि पतले मोमबत्ती को चूत में डाल कर मुठ मारती है। मैंने कितनी बार इसे बैंगन से मुठ मारने को कहा है लेकिन मानती ही नहीं..
मैंने कहा- कभी तुम दोनों ने अपनी चूत चटवाई है?
अन्नू ने कहा- हाँ !
मैंने पूछा- किससे?
मोनिका ने कहा- हम दोनों अक्सर ही एक दूसरी की चूत चूसती-चाटती हैं। यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉम पर पढ़ रहे हैं।
मैंने कहा- अरे वाह, दोनों तो एकदम एक्सपर्ट हो। कहाँ से सीखा यह सब करना?
अन्नू ने कहा- बड़ी दीदी ने सिखाया। दरअसल हम तीनों बहनें एक दूसरी की चूत चूसती हैं।
मैंने कहा- वाह ! यह बात तो मुझे आज तक पता ही नहीं थी।
अन्नू ने कहा- जीजा जी, सिर्फ हमारी ही देखोगे क्या? अपना भी दिखाओ ना !
मैंने बिना कुछ कहे अपने अंडरवियर को को भी खोल दिया। मेरा लंड जो एक चूत और दो चूची को देख कर जितना बड़ा होता है आज दो दो चूत और चार चूची को देख कर दुगना बड़ा हो रहा था।
अनु ने मेरे लंड को देखते ही पकड़ लिया और कहा- हाय राम, जीजू आपका जूजू कितना बड़ा है। इतना बड़ा जूजू तुम दीदी के चूत में पूरा डाल देते हो? दीदी की चूत तो दर्द से बिलबिला जाती होगी?
यह सुन कर मोनिका हँसी और कहा- धत पगली, ये जूजू थोड़े ही है, ये तो लंड है। चूत में इसे डालने से दर्द थोड़े ही होता है? बल्कि मज़ा आता है। इसको चूसेगी? सुना है बहुत मज़ा आता है?
अनु ने कहा- किसने कहा?
मोनिका- दीदी ने !
मैंने कहा- तुम्हारी दीदी तुम्हें ये सब बातें बताती है?
मोनिका ने मेरे लंड को मुँह में लिया और थोड़ा चूसते हुए कहा- और नहीं तो क्या? वो मुझे अपनी चुदाई की सब बातें बताती है।
मैंने कहा- सिर्फ थ्योरी से ही काम नहीं चलेगा, कुछ प्रेक्टिकल भी करना होगा।
दोनों ने कहा- हाँ जीजू, कुछ प्रेक्टिकल कीजिये ना।
मैंने कहा- पहले किसके साथ करूँ?
मोनिका ने कहा- मेरे साथ, क्योंकि मैं बड़ी हूँ।
अन्नू ने कहा- हाँ, यह ठीक है, तब तक मैं देखती हूँ और जानूंगी कि कैसे क्या होता है।
मैंने कहा- ठीक है।
और मैं मोनिका के बदन पर लेट गया और अन्नू बगल में ही लेट कर चुपचाप देख रही थी। मैं मोनिका के नंगे मखमली बदन पर लेट कर उसके हर अंग को चाटने लगा। वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। मैंने उसकी बुर को चाटना चालू किया तो वो सिसकारी भरने लगी। लेकिन मैं उसकी बुर के रस को छोड़ भी नहीं पा रहा था। इतनी नर्म और रसीला बुर थी मानो लग रहा था कि लीची को उसका छिलका उतार कर सिर्फ उसे चाट रहा हूँ।
उसकी बुर ने पानी छोड़ दिया। मैं उसकी बुर को छोड़ फिर उसकी चूची को अपने सीने से दबाया और पूछा- अपनी चूत चुदवाओगी?
मोनिका ने कहा- हाँ।
मैंने कहाँ- ठीक है। तो तैयार हो जा प्रैक्टिकल के लिए।
मैंने उसकी दोनों टांगों को अलग किया और चूत के छेद का मुआयना किया। उसमे उंगली डाल कर उसे फैलाया फिर अपना लंड को उसकी चूत के छेद पर रखा और और धीरे धीरे लंड को उसके चूत में घुसाना चालू कर दिया।
ज्यों ही मैंने लंड डाला, वो चीख पड़ी- आ….यी….आह…
मैंने कहा- क्यों री? चूत में बैगन डाल के मुठ मारती हो और लंड लेने में तुझे परेशानी हो रही है?
मोनिका ने कहा- हाय राम, आपका लंड किसी बैगन से कम मोटा नहीं है और यह काफी सख्त भी तो है। बैगन तो नर्म होता है।
मैंने कहा- हाँ वो तो है। लेकिन सख्त लंड से ही तुझे मज़ा आएगा। तेरी झिल्ली फटी है या नहीं अभी तक?
मोनिका ने कहा- नहीं..
मैंने कहा- फाड़ दूँ तेरी झिल्ली?
मोनिका ने कहा- अब देर ना करो जीजू। जो भी करना है जल्दी करो। मेरे चूत में अपना इतना मोटा लंड डाल कर इतने सवाल कर करके मुझे यूँ ना सताओ।
उसकी चूत एकदम कोरी थी, मैंने धीरे धीरे अपने लंड को उसकी चूत में धक्के मारना शुरू किया। मेरा लंड उसके चूत के गहराई में गया तो उसकी झिल्ली फट गई, वो पूरी तरह चीख पड़ी- आ….ह…जी….जू हाय राम…
मैंने कहा- क्या हुआ मोनिका?
मोनिका ने दर्द भरे स्वर में कहा- कुछ नहीं जीजा जी ! तुम्हारे लंड ने मेरी झिल्ली फाड़ डाली। आह…कितना मज़ा है इस दर्द में।
मैंने मोनिका को उसके दर्द की परवाह किये बगैर जोर जोर से चोदना चालू किया। थोड़ी देर में ही उसे आनन्द आने लगा। अब वो आराम से बिना किसी शर्म के जोर जोर से बोलने लगी- आह जीजा जी। हाय जीजाजी। जरा धीरे धीरे चोदिये ना। आय हाय कितना मज़ा आ रहा है। आआअ ….ह्ह्ह्ह…। वो साली ही क्या जिसने अपने जीजा से मज़े ना लूटे हों !
सुन कर मुझे उसके हिम्मत पर ख़ुशी हुई और आराम से उसके अंग अंग को देखते हुए चोदने लगा। वो भी जोर जोर से चिल्लाने लगी- हाय…आआअह्ह्ह्ह…. ओह्ह माँ ! ओह जीजू, हाय रे आःह्ह्ह….
मैं उसकी नंगे बदन पर लेट कर उसकी चुदाई कर रहा था। मैंने चुदाई करते समय अन्नू की तरफ देखा तो वो भी काफी खुश लग रही थी।
मैं उसे चोदता रहा। थोड़ी देर में मोनिका के चूत से पानी निकलने लगा। मेरे लंड ने भी पानी छोड़ देने का सिगनल दे दिया,
मैंने मोनिका से कहा- बोल कहाँ गिरा दूँ माल?
वो बोली- मेरे मुँह में।
मैंने अपने लंड को उसके चूत से निकाला और अभी उसके मुँह में भी नहीं डाला था कि मेरे लंड ने माल छोड़ना चालू कर दिया। इस वजह से मेरे लंड का आधा माल उसके मुँह में और आधा माल उसके गाल और चूची पर गिर गया। फिर भी वो प्यासी कुतिया की तरह मेरा लंड चूसती रही।
उसने अन्नू को अपनी चूची दिखाई और कहा- अन्नू, ले माल को चाट ! मज़ा आएगा।
अन्नू ने बिना देर किये मोनिका की चूची को चाटना शुरू कर दिया और उस पर गिरे मेरे माल को चाट चाट कर खत्म कर दिया।
कहानी जारी रहेगी।