Maa ki chut ko choda maine

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मैं एक हैण्डसम लड़का हूँ, लंड साइज़ 8 इंच और मेरी फॅमिली में मैं, माँ और पापा है जो की एक मल्टी नेशनल कंपनी के डायरेक्टर है और वो मंगलोर में रहते है यानी की घर में मैं और मेरी हसीन सेक्सी मम्मी. मेरी मम्मी का नाम रेखा सिन्हा है जो एक हसीन सेक्सी और भरी हुई बदन की मालकिन है. उम्र 43 साल और साइज़ 36-34-40 है..

मम्मी के चुचियां ना टाइट ना लटके हुए और गांड का तो जवाब ही नहीं है, क्या चुतड है की कोई देख ले तो चोदने के लिए तड़प जाए.. मम्मी साडी, कुर्ती टाइट पजामी और मैक्सी पहनती है.

बात उन दिनों की है जब मैं 12th पास करके बी.टेक में एडमिशन लिया और घर पर ही रहता था, मेरे मन में कभी मम्मी के लिए गंदे विचार नहीं थे लेकिन उस एक दिन की रात ने सब बदल के रख दिया.

एक दिन रात को मैं सोया था और अचानक सुसु करने के लिए और बाथरूम से वापस आ रहा था की माँ की रूम की नाईट बल्ब जल रही थी और दरवाजा व अन्दर से लॉक नहीं था. मैंने अन्दर देखा तो आँखे खुली रह गयी.



माँ मैक्सी पहन के सोयी थी जो की जन्घो तक उठी थी और अन्दर में कुछ नहीं पहनी थी. माँ के फ्लेशी चिकनी जांघे चमक रही थी जिसे देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं चुपके से रूम में घुसा और बेड के नीचे बैठ गया.

माँ ने पेंटी नहीं पहनी थी जिस से उनकी मस्त गांड की शेप नजर आ रही थी और मेरा लंड उनको देखते हुए फन फ़ना गया और मैं अपनी निकर उतार के नंगा हो के बैठ गया और माँ की जन्घो और गांड को देखते हुए लंड सहला रहा था. थोड़े देर बाद मेरा मुठ निकल गया और मैं वाशरूम जा के अपने रूम में सो गया.

सोते समय माँ को पूरा नंगा देखने का सोंच रहा था और एक आईडिया आया. मैं उठ के बाथरूम के पीछे तरफ गया, जहाँ से नल की पाइप जाती है वहां एक छेड़ कर दिया ताकि अन्दर का दिख सके और सो गया.

सुबह उठा तो देखा माँ किचन में नाश्ता बना रही थी और क्या गांड लचका रही थी. माँ किचन का काम ख़तम कर के नहाने के लिए बाथरूम गयी और मैं दरवाजे के पीछे गया और छेड़ वाली जगह लंड हाथ में पकड़ कर बैठ गया.

अन्दर देखा तो क्या बताऊ दोस्तों माँ पूरी नंगी खाड़ी थी और उसके चिकनी चूत और गांड देखकर पागल हो गया. जब वो साबुन लगा रही थी चुचिया लटक के हिल रही थी और देखते हुए मैंने मुठ मारी और वहां से चला गया.

अब रोज माँ को नंगा नहाते देखता और रात को सोयी रहती तो उसके मैक्सी गांड तक उठा देता था.

एक रात जब मैं माँ के रूम में जाने को गया तो रूम से अह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह की आवाजे आ रही थी और दरवाजा अन्दर से बंद नहीं था. मैंने दरवाजा एकदम धीरे से खोल के देखा तो मेरी क्या बताऊ दोस्तों क्या नजारा था.

माँ अपनी अपने कमर तक उठाई थी और अपनी चूत रगड़ रही थी और उंगली कर रही थी, माँ बहुत दिन से चुदी नहीं थी इसलिए उनकी शरीर की आग भड़की हुई थी और ऐसा करते करते चूत से पानी निकल आया और वैसे ही सो गयी. मैंने सोच लिया आज अच्छा मौका है माँ को चोदने का..

करीब 10 मिनट बाद मैं पूरा नंगा हो कर अपना 8 इंच का फन फ़नाता हुआ लंड ले कर रूम में गया और बेड पर माँ के पीछे से लेट गया और लंड उसके गांड में सटा के जोर से माँ को अपनी बाँहों में जकड लिया. माँ डर के उठ गयी और अपनी मैक्सी ठीक करते हुए बोली..

माँ- ये क्या कर रहा है.. छोड़ मुझे.. (नजर मेरे लंड पे के आई)

मैं- माँ तुम बहुत सेक्सी हो प्लीज एक बार चोदने दो. मैं जनता हूँ तुम बहुत दिन से नहीं चुदी हो और तुम्हारी सेक्स की आग भर गयी है जो तुम अभी अपनी चूत रगड़ रही थी और उंगली कर रही थी.

माँ(अचंभित)- तुम्हे कैसे पता ये सब.. और नजर अभी भी मेरे 8 इंच के खड़े लंड पे थी.

मैं- मैं रोज़ तुम्हे बाथरूम में नंगे नहाते हुए अपनी चूत रगड़ते हुए देखता हूँ.

माँ- छोड़ मुझे, मैं तेरी माँ हूँ और ये सब गलत है.

मैं- कुछ गलत नहीं है माँ, और तुम्हे भी चुदाई की जरुरत है और बहार किसी को पता भी नहीं चलेगा और घर की इज्जत भी बदनाम नहीं होगी.

ये कहते हुए मैंने माँ को पूरी तरह अपनी बाहों में जकड लिया और होठ चूसते हुए दूध को दबाने लगा. माँ की छुड़ाने की कोशिश नाकाम हुई और वो भी गरम हो गयी और सिसकियाँ भरने लगी.

फिर माँ मेरे 8 इंच के कड़क लंड को हाथ में ले कर हिलाने लगी. मैं समझ गया की माँ पूरी गरम है और आज इसकी जबरदस्त चुदाई करूँगा.

मैंने माँ की मैक्सी उतार दी और नंगा कर दिया. पहली बार सामने से पूरा नंगा देखा, क्या दूध थे जैसे की रस भरा हुआ हो और मैं एक चूची को मुह में ले कर चूसने लगा और हाथो से दूसरी चूची को मुह में ले कर चूसने लगा और हाथो से दूसरी चूची को मसल रहा था, माँ जोर से सिसकियाँ ले रही थी.

माँ- चूस मेरे राजा, पी जा सारा रस और आज मेरी प्यास बुझा दे. बहुत दिन से चूत भी प्यासी है.

मैं- हाँ मेरी रानी आज से तू सिर्फ मेरी है और तेरी सारी प्यास बुझा दूंगा.

उसके बाद मैंने माँ की निप्पल्स में दन्त काटने लगा और माँ अह्ह्ह आह्ह्ह्ह श्ह्ह्ह और जोर से सिसकियाँ लेते हुए बोली, अब और मत तडपा डे डे अपना लंड मेरी चूत को..



मैं- हाँ मेरी रानी आज से ये सब अब तेरा ही है, थोडा सब्र कर, और मैंने माँ को बेड पर लिटा दिया और टांगो को फैला के अपने हाथो से उसके चूत पागलो की तरह चाटने चूसने लगा. क्या रसीले चिकने क्रीमी चूत थी. माँ (जोर जोर से सिसकियाँ लेते हुए)- अह्ह्ह्ह! अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह मेरे राजा बेटा आज तक किसी ने मेरी चूत को ऐसे नहीं चूसा क्या मजा मिलता है. और माँ अपने टांगो को मेरे सर के ऊपर रख कर मेरे मुह को अपने चूत में दबा लिया और अपनी चूचियां मसलने लगी. करीब 10 मिनट चाटने के बाद माँ बोली मैं झड़ने वाली हूँ. मैं- अभी तो पूरी तार बाकी है मेरी जान, मेरी रेखा रानी ऐसा कहते हुए मैंने अपना जीभ से माँ की चूत चोदने लगा. और माँ की चूत से पानी निकल गया जो मेरे मुह में आ गया.

फिर उठ के मैंने अपना लंड माँ के मुह में डे दिया और वो चूसने लगी. करीब 10 मिनट चूसने के बाद बोली अब डाल दे मेरी चूत में.

मैंने माँ की चूत में आधा लंड डाला और 3-4 झटके देने के बाद पूरा लंड पेल दिया, माँ अह्ह्ह… उफ्फ्फ्फ़…मर गयी चिल्लाते हुए बोल रही थी कितना बड़ा है लंड तेरा.. फाड़ दे इस चूत को और 20 मिनट चोदने के बाद में माँ की चूत में ही झड गया और हम वैसे ही एक दुसरे से चिपक के सो गए.