लंड मोटा हो या पतला सब चलता है बीड़ू

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मुहल्ले में रंडी के आते ही दो किशोरों के लंड की किस्मत खुली
तो दोस्तों आईये एक किशोरावस्था का एडवेंचर सुनाएं आपको जब लंड की कठोरता चरम उफान पर होती है और इसलिए आदमी सबसे ज्यादा बलशाली लंड के मामले में किशोरावस्था के अंतिम चरणों में मतलब कि अठारह उन्नीस साल के उम्र में ही होता है। मैं और अरुन दोनों ही जिगरी दोस्त थे और अक्सर उस समय मूठ मारकर के समय बिताया करते थे, बेचारे लन्ड को कोई खास शिकार नही मिल पा रहा था कि एक दिन अरुन मेरे पास एक अच्छी खबर लेके आया, खबर भी ऐसी कि चूत के मरुस्थल में लगा कि एक बार लंड के लिए बहार आने वाली है।

तो अरुन यह बताने आया था कि आज पड़ोसी मुहल्ले में एक महिला का पता लगाया है जिसके यहां एक अकेली लड़की रहती है। उसके बारे में पता चला है कि पैसे लेकर के काम करती है। मै तो खुश हो गया, हम दोनों ही उस मकान के नीचे गये और देखा तो पाया कि उषा छत पर टहल रही है। उसने हम दोनों को देख कर के उपर आने का ईशारा किया। मकान भी खाली था और कोई आब्जेक्शन करने वाला भी नही था। अभी इसकी दुकान नयी नयी खुली थी और इसलिए ज्यादा लफंगे ग्राहको की भीड़ न थी। हम दोनों उपर उसके कमरे में गये। एक खाट लगी हुई थी और सामान देख के लग रहा था कि यह ज्यादा दिन रुकने के प्लान में नहीं है।

खैर, उषा को देखते ही अपना लंड फानी होने लगा। एक दम से टाईट जिंस में कसा हुआ सेक्सी बदन रंगीन जवानी और दमदार गांड के साथ उसके मस्त बड़े बड़े चूंचे दिल को बेध रहे थे और मुझे उसकी जवानी देख कर मुह में पानी आने लगा। मैने इधर उधर की बातें करनी शुरु कीं तो वो बोली, जल्दी प्वाइंट पर आओ, देखने में तो तुम दोनों लौंडे लगते हो, माल वाल है कि नहीं। हमने देखा कुल मिला कर हम दोनों के पास पांच सौ रुपये पाकेट मनी वाले रखे हुए थे। मैने अपना और अरुन का पर्स झाड़कर के पांच सौ रुपये उसके सामने रखे और इमानदारी से पेश आते हुए बोले देखो उषा, अभी इतना ही माल है। अभी तो हम तुम्हें देखने ही आए थे कि तुमने उपर बुला लिया।

दिया हथियारों का मेजरमेंट खुश हुई रंडी
उषा मुस्कराई और बोली, चलो कोई बात नहीं तुम दोनों इमानदारी से पेश आए हो, तो हम भी तुम्हें इमानदारी से चुदाई का मौका देंगे। बोलो, कैसे लोगे, एक साथ कि अलग अलग। इस पर हम दो दोस्तों ने कहा वैसे हम सारा काम तो एक साथ ही करते हैं तो ये भी एक साथ ही करेंगे। उषा मुस्कराई, अच्छा, जी बड़े होशियार हो। जरा अपने अपने नून्नू तो दिखाओ मुझे। हम दोनों ने अपनी जिप खोली और अपना हथियार निकालने लगे। इस पर उषा हंसते हुए बोली – चूतियों अबे लंड को जिप से मत निकालो, पैंट को लंड में से निकाल दो, क्या लन्ड चार्ज करना है बस जो कि ऐसा करने जा रहे हो। इस बात पर हम दोनों ने अपने पैंट उतार दिये।

वो हम दोनों के सामने बैठ गयी घुटनों के बल और हम दोनों के लंडों को पकड़ लिया। उसके हाथ में जाते ही दोनों के लौड़े फनफना उठे। उसने दोनों को पकड़कर आंकते हुए ऐसे कहा जैसे कि कुछ मेजरमेंट ले रही होl बोली सालों लंड तो बहुत मोटा है रे तुम लोगों का, कैसे चलेगा काम बोलो। इतने मोटे लंड से चोदने के लिए तो मुझे सोचना पड़ेगा, और वो मुस्करा उठी, बोली, चलो अपुन का धंधा ही ऐसा है कि बस चोदने वाले का बटुआ देखते हैं, मोटा हो या पतला सब चलता है, अकेला हो या दुकेला सब चलता है। और उसने हम दोनों के लंड पकड़ कर के लड़ाने शुरु कर दिये। मैने उसकी टाप उतार दी, अब वो उपर नंगी थी और हमारे लौड़ों को पकड़ कर के अपने चूंचों पर मसल रही थी। इस प्रकार पंद्रह मिनट के खेल के बाद हम दोनों को चोदने की प्रबल इच्छा हुई।



झुलाया लंड का झूला
मैने उषा को गोद में उठा लिया। उसके हाथ मेरे गले में थे और पैर मेरे कमर के गिर्द लपेटे हुए। ये स्टाइल मैने एक एयरहोस्टेस को चोदते हुए दो लौंडों को देखी थी। अब मैं इसे दुहराने जा रहा था। मैने अरुन को कहा कि वो मेरा लंड उसकी चूत में डाल दे। अरुन ने ऐसा ही किया। मेरे गले में उषा को झूला झुलाते हुए चोदते हुए मैने अरुन को भी इनवाईट किया कि तुम पीछे से इसकी गांड में लंड डाल दो।

अरुन भी तैयार था, उसने दनदनाते हुए उषा की गांड में लंड घुसेड़ दिया और फिर देखते ही देखते झूला झूलने का मजा लेते हुए उषा दो लौड़ों को निगल रही थी। अब उसकी फट रही थी, दो मोटे लंड उसके दोनों छेदों में, क्या कहना दबाकर चोदते हुए मैने उसके रसीले होठों को किस करना जारी रखा। जब जब वो उपर नीचे झूलती, लौड़े को अंदर बाहर करने के साथ ही उसके मोटे चूंचे मेरे सीने से टकराते और मुझे जन्नत का मजा देते। अब पंद्रह मिनट तक उसकी बुर को दबाकर चोदने के बाद मैने उसे नीचे उतार दिया।

इस बार अरुन नीचे लेटा और वो उसके उपर सवार हो गयी। गांड मारकर अरुन का लंड और भी टाईट हो चला था और अब जब कि उसकी भोसड़ी सवारी कर रही थी, उषा कि गांड मुझे न्योता दे रही थी। मैने अपना लंड बे धड़क उसकी गांड में घुसा दिया, वो चिल्लाई वो मारा पापड़ वाले को, और फिर मस्त अदाओं में अप्ना पिछवाड़ा हिलाते हुए दोनों लंडों को अपने अंदर लेती रही। क्या कहने, इस चुदाई के, जब कि हम दोनों ही दोनों छेदों को पेल रहे थे एक साथ। जिगरी दोस्ती इसे कहते हैं।

उषा ने बीस मिनट के बाद पानी छोड़ दिया, जो कि हम दोनों के अंडकोषों को तर कर गया। अब अरुन ने लंड निकाल लिया। हम दोनों उसके मुह के सामने लौड़े को ले जाकर के मूठ मारने लगे। पहले मैं झड़ा और पानी आते ही लोड़े को हलक तक उषा के मुह में धकेल दिया। उषा मरमराई और फिर चटखारे लेते हुए पी गयी। उसने अरुन के लंड का भी यही हाल किया।