Didi ke sath saheli ko choda

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didi ke sath saheli ko choda

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रतन है और मेरी दीदी की एक सहेली जिसका नाम मेघा था, मेघा दीदी को रोज अपनी मम्मी-पापा की सेक्सी बातें बताती थी। फिर एक दिन मेघा ने दीदी से कहा कि आज मेरे पापा मेरी मम्मी को किचन में किचन पट्टी बैठाकर उसके साथ सेक्स करने लगे। फिर दीदी ने पूछा कि तूने कैसे देखा? तो वो बोली कि में बेडरूम में पढाई कर रही थी तो मुझे आआआआआआआ, उई माआआआआआआआ की आवाज़ आई तो मैंने धीरे से दरवाजा खोलकर देखा, तो पापा मम्मी की दोनों टांगो को फैलाकर उसमें सटे हुए थे और मम्मी अपनी आँखे बंद करके आआआआआआअ कर थी। Didi ke sath saheli ko choda फिर मेरी मम्मी बोली कि ज़रा नीचे उतरो, तो में समझी कि वो बाहर आ रही है तो मैंने झट से दरवाजा अंदर से बंद कर लिया, लेकिन अब भी मुझे मम्मी की मदहोश आवाज़ आ रही थी। मेरे बेडरूम में एक खिड़की थी जो हमेशा बंद रहती थी और मैंने खिड़की के पतले सुराख से देखा तो मुझे वहाँ का सारा नजारा साफ-साफ दिखाई दे रहा था।

अब पापा-मम्मी की दोनों चूचीयों को अपने मुँह में लेकर चूस रहे थे, उन्होंने मम्मी के ब्लाउज को भी नहीं निकाला था। अब मुझे मम्मी की दोनों जांघे साफ़-साफ़ दिख रही थी और अब मम्मी पूरा मज़ा ले रही थी। फिर यह सब देखने के बाद मेरी चूत में जैसे कोई कीड़ा घूम रहा हो और मेरी चूचीयों पर मेरा हाथ अपने आप चला गया और में धीरे-धीरे उसे सहलाने लगी, जैसे मेरे तन बदन में आग लग गयी हो और फिर मेरे हाथ नीचे पहुँच गये और मेरी बीच की उंगली मेरी चूत में घूमने लगी और मैंने उंगली कब ज़ोर से हिलाई मुझे पता ही नहीं चला और मेरी चूत से पानी गिरा दिया। फिर तो मुझे बहुत ही मज़ा आया था।

फिर दीदी बोली कि ऐसा मज़ा लेना हो तो मेरे घर आजा, में और तुम दोनों एक दूसरे से मज़ा लेंगे। फिर मेघा ने बोला कि आज तुम मेरे घर चलो, में शाम को मम्मी इजाजत से लेती हूँ कि में तुम्हारे घर आज रात प्रॉजेक्ट के लिए चलूंगी। में इसके पहले भी कई बार तो तुम्हारे घर आई हूँ, तो मेरी मम्मी ज़रूर इजाजत देगी। फिर कॉलेज से निकलने के बाद दीदी और मेघा इजाजत लेकर हमारे घर आ गयी। में उस समय घर में नहीं था। फिर जब में बाहर से आया तो मैंने देखा कि मेघा और दीदी मेरे बेडरूम में बैठी थी, तो मैंने सोचा कि आज तो सब चौपट हो गया। अब मम्मी और पापा भी घर में नहीं थे, तो मैंने दीदी से कहा कि दीदी पानी देना। फिर जब दीदी पानी लेने गयी, तो में भी किचन में चला गया और दीदी से बोला कि मेघा कब आई? तो दीदी बोली कि मेरे साथ और आज यहाँ पर ही रहेगी।

फिर में बोला कि मुझे पहले ही लगा था कि आज की रात अपनी सुहागरात नहीं हो पाएगी। फिर दीदी बोली कि उसकी चिंता मत करो, आज तो तुमको घरवाली और बाहर वाली दोनों साथ में मिलेगी। फिर में बोला कि वो कैसे? मेघा को सब पता है क्या? तो दीदी बोली कि नहीं रतन तुम सिर्फ़ जल्दी सोने का नाटक करना, में सब काम बनाती हूँ। फिर मम्मी-पापा का फोन आया कि वो बाहर से रात को खाना लेकर आ रहे है। फिर दीदी ने मेघा के बारे में बताया और बोली कि उसके लिए भी खाना लेकर आना, वो भी आज अपने घर पर प्रॉजेक्ट बनाएगी। फिर मम्मी-पापा आए और हम सबने एक साथ डिनर कर लिया और करीब 9 बजे सोने चले गये। फिर दीदी बोली कि रतन मेघा भी पलंग पर सोएगी, तो तुमको कुछ प्रोब्लम तो नहीं है ना। फिर में बोला कि सोने दो, क्योंकि हमारा पलंग बहुत बड़ा था। अब में किनारे पर, दीदी बीच में और मेघा किनारे पर थी।

फिर हम लाईट ऑफ करके सो गये, तो आधे घंटे के बाद दीदी ने मेघा से धीरे से कहा कि अब रतन सो गया है, आओ शुरू करते है। दीदी तो एक समझदार खिलाड़ी के जैसे मुझसे मज़ा ले चुकी थी, इसलिए उसको सब मालूम था कि कहा से जल्दी सेक्स का मज़ा मिलता है। फिर दीदी ने धीरे-धीरे मेघा के सब कपड़े निकाल दिए। अब मेघा सिर्फ ब्रा और पेंटी में हो गयी थी। फिर दीदी धीरे-धीरे उसके निप्पल को सहलाने लगी तो मेघा जल्दी ही उत्तेजित हो गयी और ज़ोर-जोर से आआआआआ, आआ करने लगी। अब दीदी को भी सेक्स चढ़ने लगा था और अब दीदी अपने चूतड़ मेरी तरफ रगड़ने लगी थी। फिर में झट से दीदी की साईड में घूम गया और अपना लंड दीदी की चूत पर ऊपर से रगड़ने लगा। अब मेघा दीदी के सहलाने का मज़ा अपनी आँखे बंद करके ले रही थी और इधर दीदी ने पीछे से अपनी नाइटी धीरे से उठाकर अपनी पेंटी को थोड़ा सरका दिया था, जिससे मेरा लंड दीदी की चूत में पूरा घुस गया था।

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अब दीदी आआआआ माआआआआअ करके मेघा से चिपक गयी थी और मेघा भी दीदी से चिपक गयी थी। फिर जब दीदी के बूब्स को दबाते हुए मेघा ने दीदी की चूत पर अपना हाथ घुमाया, तो उसने पूछा कि ये क्या डालकर रखा है? तो दीदी हंसने लगी और बोली कि इसी से बहुत मज़ा मिलता है। फिर मेघा बोली कि तो मेरी चूत में भी डाल ना। फिर दीदी ने कहा कि रतन को जगाना पड़ेगा तो मेघा थोड़ी सी डर गयी और बोली कि क्यों? तो दीदी बोली कि रतन का ही तो है, तो में भी हंसने लगा। फिर मेघा बोली कि रतन तुम बहुत नॉटी हो और तुम शुरू से अपनी दीदी की चूत में अपना लंड डालकर रखे हो और में यहाँ खाली हाथ से करवा रही हूँ। फिर मैंने भी आव देखा ना ताव और सीधा दीदी की चूत से अपना लंड बाहर निकालकर बीच में जाकर मेघा से चिपक गया, तो मेघा ने भी मेरा साथ दिया। अब में आपको मेघा के फिगर के बारे में बता देता हूँ, उसकी हाईट 5 फुट 1 इंच, फिगर साईज 32-28-36 था, अब में मेघा के साथ मजे ले रहा था।

फिर मैंने मेघा की ब्रा और पेंटी को निकालकर अलग किया और मेघा के बूब्स को धीरे-धीरे मसलने लगा। अब इधर दीदी मेरा लंड अपने मुँह में लेकर अंदर बाहर कर रही थी। फिर मैंने दीदी और मेघा को साथ में सुला दिया और मेघा की चूत में अपना लंड डाला तो मेरा लंड बड़ी आसानी से मेघा की चूत में घुस गया, क्योंकि मेघा बहुत पानी छोड़ चुकी थी। अब में दीदी के बूब्स को मसलता और मेघा की चूत पर अपने लंड से धक्के लगा रहा था और फिर 10 मिनट तक मेघा की चूत में धक्के लगाता रहा। फिर जब मैंने दीदी की चूत में तीसरी बार अपना लंड घुसाया, तो वो फ़चक-फ़चक पानी गिराने लगी। अब में मेघा की चूचीयाँ छोड़कर दीदी से पूरी तरह से चिपक गया था। फिर मैंने दीदी की दोनों संतरे जैसी चूचीयों को अपने मुँह में लेकर बारी बारी से चूसा और जब दीदी को इंग्लिश स्टाइल में चूमा तो दीदी पूरी की पूरी निहाल हो गयी और ज़ोर-जोर से अपने चूतड़ हिलाने लगी। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

अब दीदी 20 मिनट में पूरी सुस्त पड़ गयी थी और मुझसे बोली कि बस अब मेघा के साथ कर। अब मेघा तो जैसे तैयार सोई हुई थी, तो मेघा तुरंत मुझसे बोली कि अब मुझे डॉगी स्टाइल में करो, मैंने इसके बारे में बहुत सुना है। फिर में मेघा को तुरंत झुकाकर डॉग शॉट लगाने लगा। अब वो भी मेरे हर शॉट का जवाब अपने चूतड़ हिला-हिलाकर दे रही थी आआआआआआअ, आह बहुत मज़ा आ रहा है रतन सैया, ज़ोर से और ज़ोर से और ज़ोर से। फिर कुछ देर के बाद वो बोली कि बस अब थोड़ा आराम दो, मेरी टाँगे दुख रही है। फिर मैंने मेघा को पलंग पर सीधा लेटा दिया और उसकी दोनों गोरी- गोरी चूचीयों को सहलाने लगा और उसकी चूत के दाने को भी धीरे-धीरे मसलने लगा। अब वो चिल्लाने लगी थी राजाआाआ मत सताओ, अब ज़रा जल्दी से अपना लंड घुसाओ। फिर में अपना लंड मेघा की चूत में घुसाकर मेघा की चूत को चोदने लगा।

अब नीचे से मेघा अपने चूतड़ को रेल के इंजन के पहिए जैसे हिलाने लगी थी। फिर करीब आधे घंटे के बाद मेघा की चूत में से जो पानी गिरा ऐसा लगता था कि कोई नल फट गया हो। अब इधर मेघा की मदमस्त सिसकारी बंद होने का नाम ही नहीं ले रही थी। अब मेघा पानी छोड़ते हुए कराहने लगी थी और बोली कि थोड़ा दर्द हो रहा है। तो में बोला कि पहली बार है तो थोड़ी तकलीफ़ होगी। तो मेघा बोली कि अब थोड़ा आराम दो। फिर मैंने दीदी को उठाया और उसके साथ शुरू हो गया। मुझे दीदी की चूचीयाँ बहुत पसंद है गोरी-गोरी सफेद चूची पर निप्पल का काला टीका मेरे लंड को बार-बार उन्हें चोदने को मजबूर कर देता था। फिर में दीदी के निप्पल को धीरे-धीरे सहलाने लगा। अब उनके दोनों निप्पल एकदम काले जामुन जैसे कड़क हो गये थे और मेरा लंड जैसे दीदी की चूत फाड़ देगा। इस तरह से दीदी की चूत में अंदर बाहर होने लगा था। अब में कभी दीदी के निप्पल दबाता, तो कभी दीदी की जीभ को चूस लेता था, तो दीदी आआआआआआ, उई रतन आआआआआआ की आवाजे निकालती और दीदी से पूरी तरह सट गया था।

अब दीदी इतना होने पर धीरे-धीरे अपना पानी छोड़ने लगी थी। मुझे दीदी की चूत का पानी बहुत अच्छा लगता है तो मैंने झट से दीदी की चूत पर अपना मुँह लगा दिया और धीरे-धीरे दीदी की चूत का पानी पीने लगा। अब दीदी एकदम मस्त आवाजे निकालने लगी थी और फिर में दीदी कि चूत का एक-एक बूँद पानी पी गया। अब दीदी एकदम निढाल होकर पलंग पर सो गयी थी और बोली कि रतन आज तो तुमने जन्नत दिखा दी। फिर में बोला कि दीदी थोड़ा और करो, मेरा अभी तक गिरा नहीं है। फिर दीदी बोली कि आज तुम्हारा मेघा गिराएगी, मेघा का वजन दीदी से कम था तो मैंने मेघा को उठाकर अपनी बाँहों में भर लिया। फिर मेघा बोली कि इतना मज़ा आएगा मैंने सपने में कभी नहीं सोचा था। अब मेघा एक बार फिर से सहवास करने लगी थी और 1 घंटे में थक गयी और बोली कि बस और नहीं।

फिर तब दीदी उठी और मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी और करीब 20 मिनट तक चूसती रही। फिर में भी दीदी की चूचीयों को सहलाता रहा, तो थोड़ी देर के बाद मेरा भी वीर्य गिर गया और दीदी ने मेरे वीर्य की एक-एक बूँद को पी डाली। अब मेघा यह सब देख रही थी, तो दीदी बोली कि सब ख़त्म। फिर मेघा बोली कुछ तो गिरा ही नहीं, तो दीदी बोली कि सब मेरे पेट में चला गया और एक बार दीदी फिर से मुझसे लिपट गयी। अब इस बार मेघा भी दीदी के साथ मेरे लंड को साईड-साईड से चूमने लगी थी, तो तभी घड़ी का अलार्म बजा और हमने देखा कि 4 बज चुके थे। अब पापा के उठने का समय हो गया था, तो हम सबने जल्दी से अपने कपड़े पहनकर सही ढंग से सो गये और फिर हमें जब कोई मौका मिला तो हमने खूब चुदाई की और खूब मजा किया ।।