भाई के साथ प्यार और धोखा

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दोस्तों में अहमदाबाद की रहने वाली हूँ और मेरी उम्र 24 साल और दिखने में बहुत सुंदर, गोरा रंग, पतली कमर, एकदम तने हुए बूब्स हल्की सी उभरी हुई गांड जिसको देखकर हर कोई मेरी गांड को पाना चाहता है, मेरे फिगर का आकार 26-32-36 है। दोस्तों मेरे परिवार में मेरी माँ, पापा और मेरी छोटी बहन जिसकी उम्र साल है और मेरी मौसी के दो बेटे है और जिनका नाम चिराग और कबीर है। दोस्तों मेरे बड़े भाई चिराग की शादी तक तो में कबीर जो कि मुझसे तीन महीने बड़ा है और में उससे ज़्यादा बात नहीं करती थी, वैसे कबीर दिखने में ठीक ठाक है, उसकी हाईट 6 फीट और वो मुझे दिखने में रणबीर कपूर जैसा लगता है, लेकिन मेरे बड़े भाई की शादी के बाद से कुछ चीज़े चेंज हो गई। दोस्तों भाई की शादी के समय में, कबीर और उसके कुछ दोस्त साथ में बातें कर रहे थे, कबीर बार बार मेरे बालों को खुले कर देता और मुझे हर कभी छूने लगा।

दोस्तों यह कहानी 2011 से शुरू हुई, जब में अपने भाई की शादी के कुछ महीने बाद अपनी मौसी के यहाँ पर रहने चली गई। गर्मियो के दिनों की वजह से रात को हम सब एक साथ में बड़े हॉल में सोते थे। फिर दूसरे दिन सुबह हमे हमारे एक रिश्तेदार के यहाँ पर किसी समारोह में जाना था, इसलिए सब लोग जल्दी सो गये थे, लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी, इसलिए में कुछ देर छत पर घूमने के बाद सीधा बाथरूम में नहाने चली गई तो मुझे थोड़ी देरी हो गई और उस दिन मेरी मौसी और भाभी ज्यादा गरमी होने की वजह से छत पर सोने चले गये। अब में और मेरी छोटी बहन नीचे के हॉल में टी.वी. देखते देखते सो गये और रात को करीब एक बजे कबीर घर आया और वो फ्रेश होकर मेरे पास में सो गया। उस दिन में और कबीर पहली बार पास में सोए हुए थे। में घर में अधिकतर समय शॉर्ट्स पहनती हूँ और उस दिन भी मैंने वही पहना हुआ था और सोते समय कबीर मेरे बालों में हाथ घुमा रहा था और यह सब वो पहले भी मेरे साथ करता था।

दोस्तों में उस समय गहरी नींद में थी तो मुझे ऐसा कोई विचार नहीं आया। कबीर ने सिर्फ़ शॉर्ट्स पहना हुआ था और थोड़ी देर के बाद मुझे ऐसा लगने लगा कि जैसे कोई मेरे पैर के साथ अपने पैर रगड़ रहा है, लेकिन मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया, क्योंकि घर में सबको पता है कि कबीर नींद में अपने हाथ पैर चलाता है। अब कबीर मेरे और भी करीब आकर सो गया। उसका एक हाथ अब मेरे पेट पर था और मुझे उसका शरीर बहुत गरम लग रहा था, इसलिए में नींद में बोल रही थी कि कबीर थोड़ा सा दूर सो जा, मुझे तेरा बदन बहुत गरम लग रहा है, रात को एक दो बार उसने मेरे साथ ऐसे किया। फिर मुझे लगा कि शायद उसे बुखार होगा तो मैंने नींद में ही उससे पूछा कि कबीर तुम्हें बुखार है क्या? तो उसने मना करते हुए मुझे और ज़ोर से हग करके लेट गया। फिर मैंने इन सारी बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया, क्योंकि वो हमेशा मेरे साथ कुछ ऐसा ही करता था। फिर दूसरे दिन सुबह हम सब तैयार होकर समारोह में चले गये और रात को आते समय भी हम बहुत लेट हो गए थे। दोस्तों कबीर कभी किसी परिवार के समारोह में नहीं जाता था, इसलिए वो उस दिन घर में ही रहा और रात को आकर सब लोग सो गये। फिर भाभी नहाकर ऊपर के कमरे में चली गई और में नहाकर हॉल में जाकर लेट गई, वहां पर मेरी माँ, मौसी और मेरी छोटी बहन सो रही थी। कबीर भाई रोज रात को घर पर देरी से आता था और वो अपने दोस्तों के साथ बाहर घूमता और फिर घर पर आता।

उस दिन रात को भी वो मेरे पास में आकर सो गया। हम दोनों हॉल के एक कोने में सोते थे, वहां पर उजाला कम आता था और मुझे रात को उजाले में नींद नहीं आती, इसलिए में वहीं पर ही सोती थी, देर रात को वो मेरे बहुत करीब आ गया और उसके पैर मेरे पैर के ऊपर थे और मेरी कमर पर उसकी सांसो की गरमी महसूस हो रही थी, वो मुझे पीछे से हग करके सोया हुआ था, उसके शरीर की गरमी मुझे महसूस हो रही थी और उस दिन मुझे उसकी हरकते कुछ ठीक नहीं लगी। फिर मैंने उसे दूर करने के लिए हल्का सा धक्का दे दिया, लेकिन उसने मुझे ज़ोर से पकड़ रखा था और वहां पर कुछ दूरी पर मेरी मम्मी और मौसी सो रही थी, इसलिए मैंने कुछ नहीं किया, वो धीरे धीरे मेरी कमर पर अपने हाथ सहला रहा था और में उसके हाथ को लगातार रोक रही थी।

फिर उसने अचानक मेरे बूब्स को छुआ और उनके आकार को नापने लगा, तब भी मैंने उसे रोका, लेकिन वो मेरे शरीर के गुप्त अंगो को छू रहा था और में उसे रोक रही थी और उसी समय उसने मुझे पहली बार किस किया। दोस्तों मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा, लेकिन में सच कहूँ तो यह मेरा पहला किस था, इसलिए यह मेरा पहला बहुत अच्छा अहसास था, उसको बाद में सोचकर मुझे बहुत अच्छा लगा। फिर में उससे अलग जाकर रोने लगी, लेकिन उसे इस बार से कोई फ़र्क ही नहीं पड़ा, उसने यह सारी हरकते मेरे साथ तीन चार दिन तक लगातार की। फिर तब से मैंने उससे बात करना और भी कम कर दिया और मुझे अब उसकी आँखो में देखने की बिल्कुल भी हिम्मत नहीं थी और मेरे कुछ दिनों बाद वहां से चले आने के बाद भी हम दोनों के बीच कभी कोई बात नहीं हुई, लेकिन एक दिन देर रात हम दोनों फ़ेसबुक पर ऑनलाइन थे, तब उसने मुझे उस रात के बारे में बातचीत करना शुरू कर दिया और वैसे पहले मुझे सेक्स के बारे में कोई भी इतनी जानकारी नहीं थी और फिर मैंने उससे कहा कि में तेरी बहन हूँ, हम दोनों के बीच ऐसा नहीं हो सकता।

तब भाई ने मुझसे कहा कि वो मुझे अपनी बहन मानता ही नहीं है, तो उसने मुझसे पूछा कि क्या में वर्जिन हूँ? तो में उससे झगड़ा करके चली गयी और हम दोनों ने बहुत समय तक कभी कोई भी बातचीत नहीं की, लेकिन दोस्तों मेरे दिल और दिमाग़ में कबीर के ही विचार चल रहे थे और रात को मेरे सपनो में भी वो मेरे साथ होता, मुझे किस करता और मेरे बूब्स को छूता और मुझे धीरे धीरे वो बहुत अच्छा लगने लगा था, लेकिन मैंने उसे अपने मन की बात कभी बताई ही नहीं। फिर अचानक मेरे बड़े भाई चिराग की मौत हो गई, इसलिए हम 15-20 दिन के लिए मौसी के यहाँ पर चले गये, लेकिन अब हम दोनों एक दूसरे से दूर ही रहते थे और जिस दिन में और मेरी मम्मी अपने घर पर वापस आ रहे थे, तब कबीर अपने चाचा जी के लड़को के साथ ऊपर वाले कमरे में सो रहा था। फिर में वासू को उठाने गई, ताकि वो हमे बस स्टेंड तक छोड़ दे, लेकिन मज़ाक मज़ाक में कबीर ने मुझे अपने बेड पर लेटा दिया और मस्ती मस्ती में उसने मुझे कई बार छुआ, लेकिन ना जाने क्यों उस दिन मुझे उसकी किसी भी बात का बुरा नहीं लगा और कुछ दिन के बाद हम दोनों की मैसेज चेटिंग शुरू हो गई और तब हम दोनों को पता चला कि हम दोनों एक दूसरे के लिए बहुत तड़प रहे है और फिर मैंने उसे अपने मन की सारी बातें बताई कि कैसे में उसे पसंद करने लगी हूँ।

फिर भाई ने मुझे अपने घर पर दो दिन रहने के लिए बुलाया, लेकिन तब मेरी पढ़ाई चल रही थी, इसलिए मेरे पास ज्यादा दिन की छुट्टियाँ नहीं थी, लेकिन फिर भी शनिवार रविवार को में वहां पर चली गई, वो खुद मुझे बस स्टेंड लेने आया, वो जनवरी का महिना था तो इसलिए उस समय ठंड बहुत थी और मुझे तो और ठंड लग रही थी। फिर घर पर पहुंचकर मैंने घर के कामों में मौसी की मदद की और फिर रात को सोने का समय हो गया और भाई जानबूझ कर मेरे पास सो गया, हम दोनों के बीच में थोड़ी दूरी थी और हम दोनों का मुहं अलग अलग दिशा में था और कुछ देर आखें बंद करके लेटे रहने के बाद मुझे धीरे धीरे नींद आने लगी, लेकिन उस समय भी मुझे बहुत शरम आ रही थी। फिर कुछ देर बाद कबीर ने मौका देखकर मेरी तरफ घूमकर मुझे पीछे से पकड़कर अपने पास किया, जिसकी वजह से अब मेरी कमर उसकी गरम गरम साँसे महसूस कर रही थी। फिर उसने मेरी गर्दन पर किस किया, लेकिन मैंने उसका कोई भी विरोध नहीं किया, जिसकी वजह से उसकी हिम्मत और ज्यादा बढ़ गई।

तभी भाई ने मुझे एकदम से सीधा करके मुझे लीप किस किया और फिर तुरंत मेरे बूब्स पर अपना एक हाथ रख दिया और धीरे से मेरी ब्रा को हटाकर उसने मेरे बूब्स को अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगा। दोस्तों यह सब काम मेरे साथ आज पहली बार हो रहा था और अब मुझे कबीर बहुत अच्छा लगने लगा था। दो दिन हम दोनों ने एक दूसरे के साथ ऐसे ही मस्ती करके बिताए और अब मैंने भी जोश में आकर उसका पूरा पूरा साथ दिया। फिर में तीसरे दिन अपने घर के लिए निकल पड़ी, कबीर मुझे बस स्टेंड तक छोड़ने आया, लेकिन उसने मुझसे ऐसा कुछ नहीं भी कहा और में अपने घर पर पहुंच गई। अब में हमेशा कबीर के बारे में सोचने लगी और तीन दिन के बाद एक दिन उसका मेरे पास एक मैसेज आया तो वो मुझसे पूछने लगा कि मेरा अनुभव कैसा था?तब मैंने उस दिन उसे अपने मन की सारी बातें उसे बताई। मैंने उससे कुछ भी नहीं छुपाया और सब कुछ सच सच उसे बता दिया और एक दो महीने के बाद में एक बार फिर से अपनी मौसी के घर पर गई, लेकिन कबीर को इस बात का बिल्कुल भी पता नहीं था कि में आ रही हूँ। में अपने मामा जी के साथ रात को गई थी और हम करीब 12 बजे मौसी के घर पर पहुंचे थे और उस समय कबीर घर पर नहीं था। फिर में और मेरी मौसी बहुत देर तक बातें कर रहे थे तो कुछ देर बाद बातें करते समय मौसी ने मुझे कबीर को कॉल करने को कहा। मैंने कबीर को कॉल किया और उससे बोला कि में तेरे घर पर आई हूँ तो मेरी यह बात सुनकर वो बहुत खुश हुआ और वो थोड़ी ही देर बाद घर पर आ गया और सीधा मेरे पास आकर बैठ गया। फिर थोड़ी देर हमने बातें की और फिर सोने के लिए चले गये। में और कबीर उसके रूम में जाकर सो गये।

दोस्तों उस समय भी मुझे कबीर से बहुत शरम आ रही थी और डर लग रहा था, मेरे दिल की धड़कने तेज़ थी और हल्का हल्का पसीना आ रहा था। फिर मैंने उसे अपने से दूर सोने के लिए कहा, लेकिन वो मेरे और भी पास आकर सो गया। दोस्तों वो मेरे साथ ऐसा व्यहार कर रहा था जैसे कि में उसकी पत्नी हूँ और वो मेरा पति। फिर मैंने भी उसका साथ देना शुरू किया और हम दोनों ने एक दूसरे को किस किया। उसने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया और वो मुझसे लिपट गया और मुझे किस्सिंग करते करते मेरे पूरे शरीर को चूमने लगा और में उस अहसास को महसूस करने लगी और धीरे धीरे गरम होने लगी। फिर कुछ देर चूमने चाटने के बाद उसने जब मुझसे से मेरी शॉर्ट्स को उतारने को पूछा तो मैंने उससे साफ साफ मना कर दिया, लेकिन वो बार बार वही बात दोहराता रहा और में हर बार मना करती रही। दोस्तों उस दिन उसी बात को लेकर हम दोनों का झगड़ा हो गया, क्योंकि दोस्तों में उसके साथ चुदाई करने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी और वो मुझे डांट रहा था, क्योंकि मैंने उसे आगे कुछ नहीं करने दिया और हम सो गए।

फिर दूसरे दिन रात को जब वो दोबारा मेरे पास आया तो फिर मैंने उसे मना कर दिया और हम दोनों का उस रात को भी दोबारा झगड़ा हो गया और कुछ ज्यादा ही बढ़ गया। फिर में अपने घर पर आ गई और उस दिन के बाद से हम दोनों एक दूसरे से बिल्कुल भी बात नहीं कर रहे थे और हम दोनों एक दूसरे से करीब एक साल तक नहीं बोले और में उसके घर पर भी नहीं गई। फिर एक साल के बाद हमारे बहुत करीब में किसी रिश्तेदार के यहाँ पर शादी थी, में वहां पर नहीं जाने वाली थी, लेकिन मेरी मामी और उनकी बेटियों ने मुझे जाने के लिए बहुत बार कहा तो में उनके कहने पर चली गई। दोस्तों में भाई से दूर रह सकूँ, इसलिए में वहां पर नहीं जाती थी और उस दिन भी में बहुत देरी से मामा के साथ वहां पर पहुंची, करीब 9 बज गये थे। सब लोग मुझे देखकर बहुत खुश हो गये थे, क्योंकि में बहुत समय बाद वहां पर गई थी। मैंने सबसे बातें की, लेकिन भाई और मैंने कोई भी बात नहीं की, हमारे घर वालों को भी इस बात का पूरा अंदाजा था कि हम दोनों एक दूसरे से बात नहीं करते है और दो दिन तक हम दोनों ने एक दूसरे से कोई बात नहीं की, लेकिन फिर मेरे पापा ने हम दोनों को इस बात के लिए बहुत डांटा तो हमने उस दिन रात को बात की और रात को सब साथ में हॉल में ही सो गये थे।

दोस्तों कबीर को साउथ की फिल्मे देखने का बहुत ज्यादा शौक था तो उसके फोन में हम फिल्म देख रहे थे और ज्यादा थकान की वजह से में कब सो गयी मुझे पता ही नहीं चला। रात के 1-2 बजे मुझे अचानक ऐसा लगा जैसे कोई मुझे छू रहा था और मुझे बहुत अच्छी तरह से पता था कि वो कबीर था। उसने मुझे हर बार की तरह पीछे से हग किया और कबीर ने मुझे उसकी तरफ किया और किस करने लगा। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने भी उसके किस का जवाब दे दिया। दोस्तों उस रात हम दोनों ने एक दूसरे को बहुत देर तक जमकर किस किये और हग किया फिर हम सो गए। फिर दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर कबीर मेरे पापा को बस स्टेंड छोड़ने चला गया और वो फिर से आकर दोबारा सो गया। फिर 9 बजे के आसपास कबीर उठा और उसने देखा कि घर पर सिर्फ हम दोनों और मेरी छोटी बहन है जो कि उस समय सो रही थी। फिर उस बात का फायदा उठाकर हम दोनों ने एक बार फिर से एक दूसरे को किस करना शुरू कर दिया और वो मेरे बूब्स को भी दबा रहा था, जिसकी वजह से में बहुत जोश में थी और उस दिन शाम को हम अपने घर पर आ गये।

अब हम दोनों की बातचीत शुरू हो गई और कबीर पहले की तरह मुझे मैसेज और कॉल करने लगा। एक दिन उसने मुझसे कहा कि मेरे पास कुछ दिन रहने के लिए आ जाओ। दोस्तों वैसे मुझे उसके यहाँ पर रहना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था, लेकिन में उसके कहने पर वहां रह लेती थी और फिर में अपने कॉलेज की छुट्टियाँ होते ही वहां पर चली गई। दोस्तों उस दिन में और कबीर रूम में अकेले सोए थे और कबीर ही वो पहला लड़का था जिसने मुझे हर जगह छुआ था और मेरा पहला किस सब कुछ मैंने उसी को ही दिया था। दोस्तों उस रात को भी हमने किस करना शुरू किया और फिर वो धीरे धीरे मेरे और साथ साथ अपने भी सारे कपड़े उतारने लगा और अब मेरे बूब्स को चूसने लगा और मेरी चूत को सहलाने लगा। फिर तभी अचानक से उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और अब उसने अपना लंड मेरी चूत के मुहं पर रख दिया और अपने लंड के टोपे से मेरी चूत के दाने को घिसने रगड़ने लगा उसके ऐसा करने की वजह से में अब तक बहुत गरम हो चुकी थी और मेरे ना मना करने की वजह से उसका भी जोश और हिम्मत अब बढ़ती जा रही थी और अब वो अपना लंड चूत के मुहं पर रखकर ज़ोर से धक्का मारने लगा, लेकिन हर बार उसका मोटा लंड मेरी गीली वर्जिन चूत से हर बार फिसल रहा था, लेकिन अब मुझे बहुत डर लगा कि कहीं मेरी चीख ना निकल जाए, इसलिए मैंने उससे यह सब करने के लिए मना किया और उससे कहा कि मुझे नहीं करना।

भाई

फिर उसे मेरी यह बात सुनकर थोड़ा गुस्सा आ गया, लेकिन फिर उसने मुझे उसका लंड चूसने के लिए कहा तो मुझे यह सब करना बहुत गंदा लग रहा था। फिर भी उसने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया। दोस्तों मैंने कभी ऐसे कुछ किया ही नहीं था और फिर भी मैंने उसका लंड चूसा जब तक उसका वीर्य मेरे मुहं में निकल गया और जिसको में बाथरूम में जाकर थूककर दोबारा आकर लेट गई और हम सो गये। फिर कुछ दिनों तक ऐसे ही चलता रहा और फिर में अपने घर आ गई और हमने निर्णय किया कि इससे पहले कि किसी को पता चले हम इस गलत रिश्ते को खत्म कर देंगे और तब तक सब कुछ एकदम सही चल रहा था। तभी कबीर की शादी की बात मेरी बुआ की लड़की काजल से होने लगी और अब में वैसे कबीर को किसी और के साथ सोचकर ही जल उठती थी, लेकिन फिर मैंने मन ही मन सोचा कि अगर उसकी जिन्दगी में काजल आ जाएगी तो मुझे कबीर के साथ यह सब नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि मुझे तो बस कबीर का सच्चा प्यार चाहिए था और वो मुझसे अच्छे से बात करे, मेरी थोड़ी परवाह करे और इसलिए में उसे वो सब कुछ मेरे साथ करने देती थी जो वो करना चाहता था।

फिर नवरात्रि के तीसरे दिन वो काजल को देखने आया और हम सब भी उसके साथ में गये थे। में और उसका एक दोस्त हम बाहर बैठे हुए थे। कबीर और काजल अंदर के रूम में बैठे हुए थे, लेकिन बैठे बैठे मुझे पता नहीं कुछ कबीर के बारे में सोचते हुए कुछ अजीब सी जलन होने लगी और जब कबीर बाहर आया और उसने मुझसे कह दिया कि उसे वो लड़की बिल्कुल भी पसंद नहीं है, लेकिन फिर भी मैंने उसे थोड़ा सा समझाते हुए बोला कि यह लड़की हमारे घर में एकदम सेट हो जाएगी और फिर हम वहां से चले आए। फिर कुछ दिन बाद कबीर और मेरी मौसी का किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया तो कबीर मेरे यहाँ पर आ गया और हम दोनों हमेशा एक साथ ही सोते थे। दोस्तों कबीर और काजल ने अपने अपने फोन नंबर एक दूसरे को दे दिए थे और वो दोनों हमेशा हर कभी बातें किया करते थे और यहाँ मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त ने मुझसे मेरी दोस्ती में आगे बढ़ने के लिए मुझसे प्यार करने के लिए कहा था, इसलिए मैंने भी मन ही मन सोचा कि अगर में नीरज को अपनी तरफ से हाँ कर दूँगी तो शायद कबीर को में जल्दी भूल जाउंगी और इसलिए मैंने नीरज के साथ अपना रिश्ता आगे बढ़ाना शुरू किया। दोस्तों मेरे घर में सभी लोगो को पता था कि नीरज मुझे बहुत पसन्द करता है और वो मुझसे शादी भी करना चाहता है।

भाई और में रोज रात को एक दूसरे के बहुत पास आते थे और मेरे मना करने पर भी वो मुझे किस करता था मुझे अपनी और करता था और में हमेशा उसकी बातों में आ जाती थी। हमने एक दूसरे को चुदाई करके शांत करने के बारे में बहुत बार सोचा, लेकिन मेरी चूत बहुत टाइट थी, जिसकी वजह से मुझे बहुत दर्द होता था और में उसके साथ सेक्स नहीं कर सकती थी और इसलिए में भाई का लंड चूसकर उसे शांत कर दिया करती थी। फिर एक दिन उसने मेरे दोनों बूब्स के बीच में अपना लंड रखकर धक्के देकर सेक्स किया। एक दिन में घर पर एकदम अकेली थी तो मैंने और मेरे दोस्तों ने एक रात बाहर गुजारने का विचार किया, लेकिन बाद में सबने एक एक करके मना कर दिया, लेकिन नीरज तो आने ही वाला था। अब में, नीरज और मेरी एक दोस्त फाल्गुनी मेरे घर पर थे, तो रात को फाल्गुनी अपने घर चली गई और रात को जब में और नीरज घर पर एकदम अकेले थे तो नीरज ने मुझे किस करना चाहा, लेकिन मैंने उसको साफ मना कर दिया और मैंने मन ही मन सोचा कि कबीर तो मेरा बीता हुआ कल था। अगर मुझे उससे दूर जाना है तो मुझे अब नीरज के करीब जाना पड़ेगा। फिर मैंने नीरज के दूसरे किस के लिए मना नहीं किया। नीरज और मैंने आज तक किस से कभी आगे कुछ किया ही नहीं, लेकिन मैंने कबीर को जलाने के लिए उससे बोला कि नीरज और में एक दूसरे को लिप किस करते है, लेकिन इससे कबीर को कोई फ़र्क ही नहीं पड़ता था। फिर एक बार कबीर मेरे घर आया तो उस दिन रात को सब जल्दी सो गये थे और रात को में और भाई साथ में सोए हुए थे। इस बार में उससे नाराज़ थी तो उसने मुझे मनाया भी और हम दोनों बहुत रोये भी। दोस्तों उन दिनों बहुत ठंड थी, तो हम दोनों एक दूसरे को पागलों की तरह किस कर रहे थे और वो मेरे बूब्स के साथ खेल रहा था और दूसरे बूब्स को चूस रहा था। मुझे बहुत अच्छा लगा जब कबीर जोश में आकर मेरे पेट पर किस कर रहा था।

फिर मैंने भाई के लंड को चूसकर टाईट किया। दोस्तों भाई ने कभी भी लंड मेरी चूत में सही से रखा ही नहीं जाता था और हर बार में ही भाई का लंड पकड़ कर अपनी चूत पर रखती थी। फिर जैसे ही कबीर भाई ने ज़ोर से धक्का मारा तो उसका थोड़ा सा ही लंड मेरी चूत में गया, जिसकी वजह से मुझे दर्द हो रहा था, लेकिन मेरी चूत से खून नहीं निकला और थोड़ी देर के बाद कबीर ने फिर से धक्का मारा, जिसकी वजह से लंड थोड़ा और अंदर चला गया। थोड़ी देर के बाद मुझे बिल्कुल भी दर्द नहीं रहा और कबीर मुझे धीरे धीरे धक्के देकर चोद रहा था और उसने मुझे एक स्माइल दी। दोस्तों मुझे आज भी उसका वो स्माइल देकर मुझे चोदना बहुत अच्छी तरह से याद है, वो लगातार धक्के देकर मुझे चोदता रहा और में उसके हर एक धक्के के मज़े लेती रही और करीब करीब 15 मिनट में हम दोनों एक एक करके झड़ गए थे। मुझे उसकी पहली चुदाई ने मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया था और उसके मन की इच्छा जो मुझे चोदकर उसने उस दिन पूरी की थी, इसलिए हम दोनों बहुत खुश थे।

अब कबीर की शादी होने वाली थी और वो बार बार मेरी बुआ के यहाँ पर रहने जाता था और मेरे यहाँ नहीं आता था। अब मुझे उससे असुरक्षा महसूस होने लगी थी और उस समय कबीर की शादी को 15 दिन शेष रह गये थे। एक दिन शाम को कबीर ऐसे ही मेरे घर पर आ गया और में उस दिन घर पर अकेली बिल्कुल थी, लेकिन भाई ने मुझसे कोई बात नहीं की, जब उसकी शादी थी तब भी उसने मुझसे कोई बात नहीं की और शादी होने के बाद भी उसने मुझसे बात नहीं की। अब में उसके लिए एक अंजान इन्सान हूँ, ना वो मुझे देखता है और ना ही वो मुझसे कभी बात करता है। मैंने बहुत बार आगे बढ़कर उससे बात करना चाहा, लेकिन वो हर बार मुझे अनदेखा करने लगा था और अब मुझे समझ में आ गया था कि में तो बस उसके लिए सिर्फ़ एक टाइम पास थी और उसे मेरे साथ सेक्स का अनुभव चाहिए था, तो बस उसने मुझे वैसे ही काम में लिया और उसने मेरे साथ वो सब कुछ किया जो मैंने ना चाहते हुए भी अपने साथ वो सब कुछ करने दिया, क्योंकि में उसको हमेशा खुश देखना चाहती थी, लेकिन अब वो मुझे बिल्कुल भूल गया है और में पागल की तरह प्यार समझकर उसके बारे में हमेशा सोचती रही और जब से मुझे कबीर का मेरे साथ बदला हुआ व्यहवार दिखा, तब से में नीरज के साथ और अच्छे से रहती हूँ, क्योंकि में अब कबीर को अपने मन, अपने सपनों, अपने दिमाग और अपने सभी आने वाले विचारों से पूरी तरह से बाहर निकाल देना चाहती हूँ। में बिल्कुल भी नहीं चाहती कि में उसके बारे में कुछ भी बात सोचूं और दोस्तों आज में कबीर से इतनी नफरत करती हूँ कि में उसे कभी अपने सामने देखना तक भी नहीं चाहती और ना ही में उसके बारे में किसी से कुछ भी सुनना चाहती हूँ, क्योंकि उसने मेरे साथ बहुत बड़ा धोखा किया है। दोस्तों इस कहानी को पढ़कर किसी को कुछ समझ आ जाए और कोई मेरे जैसे ग़लत कदम ना उठा ले, इसलिए मैंने इसको आप सभी को सुनाने का फैसला किया ।।