नौकर के साथ सेक्स के मजे लिए

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सभी रीडर को आपकी अपनी मीतु का प्यार…. मीतु बहुत सेक्सी है सभी लडको के लिए और उसके हुस्न को देखते ही, सारे मर्दों के लौड़े फड़कना शुरू कर देते है और उसकी कामुक गरम बातें सबके लंड के टोपे को गरमा देती है. लेकिन, उसके बावजूद, मैंने अपनी कहानी लिखने में इतने दिन लगा दिए. उसके लिए मैं आप लोगो से माफ़ी चाहती हु.

हमारे घर में मेरे अलावा मेरे माँ, डेड और एक भाई है जो मुझ से ३ साल छोटा है और एक नौकर भी रहता है. जो हमारे घर और खेत में काम देखता है. जिसे हमने घर के पीछे के हिस्से में एक कमरा दिया हुआ है. आपको मैं बता दू, कि मेरी चुदास बहुत ज्यादा है और जब तक मैं कॉलेज में रही, किसी ने किसी को अपनी हवस का शिकार बना कर अपने को चुद्वाती रही. उस दिन, मैं माँ को कपड़े सुखाने में हेल्प कर रही थी और पीछे पड़े तार पर कपड़े सुखाने जा रही थी. जैसे ही वहां पहुची.. मैंने देखा, कि रामू वहां पर नहा रहा था. रामू हमारे नौकर का नाम है. उसके काले रंग पर पानी चमक रहा था. मैंने देखा, कि गीली होने के कारण उसकी अंडरवियर उसकी बॉडी से चिपकी पड़ी थी, जिसमे से उसके लंड का उभार साफ़ महसुस हो रहा था. सोया हुआ भी काफी बड़ा लग रहा था. मैं कपड़े तार पर डाल रही थी और बीच में चोरी – चोरी उसके लंड की तरफ भी देखती जा रही थी.

शायद उसने मेरी ये चोरी पकड़ ली थी. फिर मैं वहां से वापस आ गयी. पर रह – रह कर मेरा मन रामू के लंड पर ही अटका हुआ था. ऐसे ही रात हो गयी. मैं अपने कमरे में लेटी थी, पर मुझे नीद नहीं आ रही थी. बस मेरे आँखों के सामने लंड आ रहा था रामू का. अब तो बस मैं चुदना चाहती थी. फिर मेरे मन में पता नहीं क्या आया और मैं होले – होले अपने कमरे से निकली और फिर घर के पीछे की साइड में चली गयी. मैंने देखा, रामू के कमरे की लाइट जल रही थी. मैंने होले से उसके रूम कि तरफ गयी और उसके कमरे के पास पहुच कर उसको धीमे से आवाज़ देने लगी. वो धोती पहने हुए और आँखे मलता हुआ बाहर आया और बोला – क्या बात है, बीबी जी? इतनी रात को यहाँ? मैं कुछ नहीं बोली और कमरे के अन्दर चली गयी. वो पीछे – पीछे अन्दर आ गया. जैसे ही वो अन्दर आया, मैंने उसे स्माइल दी और बोली – इस समय एक लड़की तुम्हारे रूम में भला क्यों आएगी? तुम समझदार हो. वो कुछ – कुछ समझने लगा और कमरे की कुण्डी बंद करके बोला – अब समझाता हु, बीबी जी.

फिर उसने मुझे अपनी तरफ खीचा और मेरे गाल चूमने लगा और बोला – आँख तो मेरी बड़ी बीबी जी पर थी, पर उम्मीद नहीं थी. कि आप खुद ही आ जाओगी. फिर वो मेरे होठो को चूमने लगा. वो पागलो की तरह चूम रहा था. फिर उसने अपनी जीभ मेरे मुह में उतार दी. मेरी आँखे बंद होने लगी थी. उसके हाथ मेरे बदन पर चल रहे थे. तक़रीबन ५ मिनट चूमने के बाद, उसने मुझे अलग किया और मेरी चुन्नी उतार कर एक साइड रख दी. सूट के ऊपर से ही मेरे मम्मे सहलाने लगा और मेरे हाथ को धोती के ऊपर से ही लंड पर रख दिया.

उसका लंड अभी पूरा खड़ा नहीं हुआ था, पर काफी मोटा लग रहा था. फिर उसने सूट उतारा और सलवार भी उतार दी. अभ मैं सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी. उसने अपनी धोती – कुरता उतारा और अब वो सिर्फ अंडरवियर में था. उसका लंड अंडरवियर को फाड़ कर बाहर आने को बेताब था. उसने मेरी ब्रा उतार दी और मेरे गोरे – गोरे मम्मे चूसने लगा. काफी टाइम मम्मे चूसने के बाद, उसने मुझे वहीँ पड़ी चारपाई पर लिटा दिया. उसने मेरी पेंटी के ऊपर से ही चूत पर किस किया और होले – होले पेंटी भी शरीर से अलग कर दी.

अब मेरी चूत उसके सामने थी. उसने मेरी चूत को किस किया, तो जैसे मैं अन्दर तक हिल गयी. आज तक किसी ने मेरी चूत को इस तरह से किस नहीं किया था. वो अब धीरे – धीरे मेरी चूत पर अपनी जीभ से जादू चला रहा था. मेरी तो हालत ख़राब होने लगी थी और कुछ ही सेकंड में मेरी चूत ने अपना पानी छोड़ दिया. अब मैं चुदना चाहती थी. पर वो कुछ और करने के मूड में था. मैंने उससे कहा – मुझे चोद दो रामू.. बुझा दो अपनी मालकिन की प्यास. वो बोला – ऐसे नहीं बीबी जी.. आप खुद चुदोगी. मैं नहीं चोदुंगा. फिर उसने मेरा हाथ अपने लंड पर रख दिया और सहलाने को कहा. मैं उसका लंड आगे – पीछे करने लगी. उसका लंड एकदम कड़क हो चूका था. वो अब भी जल्दी नहीं दिखा रहा था. मैंने फिर उसको कहा – चोद दो ना अब मुझे राजा.. फिर उसने मुझे चारपाई पर लिटा दिया और अपना लंड मेरी चूत पर सेट किया और एक जोरदार धक्का लगा दिया. उसका आधा लंड मेरी चूत में था. मेरी आखे खुली कि खुली रह गयी. काफी मोटा लंड था उसका. फिर उसने एक और धक्का दिया और पूरा लंड मेरी चूत में पेल दिया.

मेरे मुह से चीख निकली. उसने अपने होठो को मेरे होठो से लगा दिया और फिर होले – होले वो मुझे चोदने लगा. मुझे उसके मोटे लंड से चुदवाने में काफी मज़ा आ रहा था. कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद, उसने मुझे गोद में उठाया और चोदने लगा. इस तरह चोदने से उसका लंड साइड में मेरी बच्चेदानी तक पहुच रहा था. मेरी एक्स्सित्मेंट के कारण जान निकली जा रही थी. उसके धक्के में काफी स्पीड थी और मेरी आहो कि आवाज़ काफी ऊची होने लगी थी. कमरे में मेरी आवाज़ गूंज रही थी. फिर उसने मुझे गोद से उतारा और खुद चारपाई पर लेट गया. मुझे उसने अपने ऊपर बैठने को कहा. मैं उसके लंड को अपनी चूत पर सेट करके बैठ गयी. कुछ देर तक उसकी तरफ से कोई भी मूवमेंट नहीं आई. फिर मैं खुद ही उसके लंड पर ऊपर – नीचे होने लगी. सेक्स का खुमार सिर पर चड़ा था. मैं पता नहीं क्या – क्या बोले जा रही थी. कुछ देर ऐसा ही करने के बाद, मुझे जमीन पर घोड़ी बनने को कहा. मैं घोड़ी बन गयी और फिर वो डौगी स्टाइल में मुझे पीछे से चूत को चोदने लगा.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. उसके लंड में बड़ा दम था. मैं ४-५ बार झड चुकी थी. पर उसका होने का नाम ही नहीं ले रहा था. फिर उसने मुझे बालो से पकड़ा और अपनी जीभ को मेरी जीभ से लगा दिया और समुच करने लगा. ३-४ मिनट तक ऐसे ही करने के बाद, उसने मुझे जमीन पर ही पीठ के बल लिटा दिया और मेरी टांगो को हवा में उठाकर, मेरी चूत पर अपना लंड सेट किया और फिर मुझे चोदना शुरू किया. हमको चुदाई करते हुए करीब ४५ मिनट हो चुके थे. मैं बुरी तरह थक चुकी थी. मेरी आहे कमरे का हाल बया कर रही थी. फिर उसके धक्को कि स्पीड तेज हो गयी और उसने अपना लंड एकदम से बाहर खीचा और अपना सारा माल मेरे मम्मो पर गिरा दिया. गरम – गरम वीर्य की बुँदे गिरते ही, मुझे शांति मिल गयी और वो मेरे ऊपर गिर पड़ा. हमारी साँसे तेज चल रही. कुछ देर वैसे ही पड़े रहने के बाद, हमने कपड़े पहने और मैं अपने कमरे की तरफ चलने लगी. रामू ने मुझे चूमा और बोला – वैसे आपको भेजने का मन नहीं कर रहा है. पर अगली बार इससे ज्यादा मज़ा आएगा.