दो बहनें

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कामिनी और रीता दो बहनों की कहानी है… कामिनी 21 साल की है और रीता 24 साल की। दोनों में आपस में बहुत प्यार था। एक दूसरे के ऊपर वो जान छिड़कती थी। उनमें अधिकतर चोरी छुपे लडकों की बातें होती रहती थी। एक दिन वो आपस में खुल गयी … और अब वो सेक्स के मजे भी लेने लगी। कैसे हुआ ये सब………

रात का खाना खा कर रीता कम्प्यूटर काम कर रही थी…… कामिनी उसके पास बैठी थी, “दीदी … शादी के बाद सुहागरात में लड़के लड़की क्या करते हैं…” कामिनी ने हिचकते हुये पूछा।

“क्या करते हैं? अरे मस्ती करते है और क्या…” रीता मुस्कराई।

“मैंने सुना है वो … दोनों नंगे हो कर … कुछ करते हैं…”

“पता है तो क्यो पूछती है…”

“दीदी… मजा आता है ना…” कामिनी थोडी सी चन्चल हो उठी।

“हां … तुझे देखना है …वो क्या करते हैं …” रीता ने शरारत से पूछा।

“हां दीदी…… पर कैसे……?”

“देख मैं बताती हूं …” रीता ने तिरछी निगाहों से देखा… फिर नेट पर पोर्न साईट लगा दी…

और एक मूवी लगा दी … ब्ल्यू फ़िल्म थी … रीता वहां से उठ कर बाथरूम चली गयी। कामिनी बड़े ध्यान से ब्ल्यू फ़िल्म देखने लगी। उसका हाथ अपने आप स्तनों पर आ गया और उन्हे दबाने लगी… इतने में रीता आ गयी…

“देख लिया… ये करते है शादी की रात …” कामिनी बेचैन हो उठी।

“दीदी… लडकों का इतना बड़ा होता है…” रीता हंस पडी

“क्यों… कभी देखा नहीं क्या…?” कामिनी ने सर हिला कर ना कह दिया।

कम्प्यूटर बन्द करके दोनों बिस्तर में घुस गई… पर कामिनी को नींद कहां थी… उसने धीरे से अपना कुर्ता ऊपर उठाया और अपनी चूंचियां धीरे धीरे मलने लगी… रीता ये सब देख रही थी…

अब रीता का मन भी मचल उठा … उसने कामिनी की तरफ़ करवट ली और उसके बालों में प्यार से हाथ फ़ेरा…”कम्मो … क्या हुआ… मन भटक रहा है…”

“दीदी… हाय… मुझे कुछ हो रहा है…”

रीता ने उसकी चूंचियां उसके हाथों से छुडा दी…”मत कर ऐसे … वर्ना बेचैनी बढ जायेगी…”

“दीदी … क्या करूं… मेरा तो जिस्म टूट रहा है…” अब रीता से भी नहीं रहा गया… उसने कामिनी के दोनो बोबे पकड लिये और धीरे से सहला दिये…

“हाय दीदी … दबा दो जोर से…” कामिनी सिसक पडी। रीता के दोनों हाथों को अपने हाथों से अपनी चूंचियों पर दबाने लगी। रीता ने उसकी बेचैनी महसूस कर ली थी, उसका इलाज़ ऊपर नहीं नीचे था। कामिनी वासना में डूब चुकी थी… रीता ने अपना हाथ बढाया और उसकी चूतडों पर रख कर उसे सहलाने लगी।

पहले तो वो हाथ हटाने की कोशिश करती रही फिर बोली-“दीदी… पीछे…गुदगुदी होती है… मत करो ना…” अब मुझ पर भी वासना सवार होने लगी थी… मैने और जोर से उसके चूतड मसलने चालू कर दिये।

“कामिनी…सुन एक खेल खेलते हैं … कपड़े उतार देते है…”

“हां दीदी…… देखो ना कैसे तंग हो रहे है… पर हम तो नंगे हो जायेंगे ना…”

“हां ये खेल नंगे हो कर ही खेला जाता है…” दोनों बिस्तर पर से उतर गयी और कपड़े उतार दिये… रीता अलमारी से कुछ छुपा कर ले आयी और बिस्तर के सिरहाने रख दिया।

“देख अपन बातें खुली भाषा में करेंगे… मजा आयेगा…”

“यानी…… लन्ड…चूत वाली… भाषा में…”

“हां… ठीक है ना…”

“दीदी… हाय… मैं तो अभी से … जाने कैसी कैसी हो रही हू”

“हां…… पहली बार ऐसा ही होता है…”

कामिनी रीता से लिपट गयी… उसकी सांसे रीता के चेहरे से टकराने लगी… उसकी दिल की धड़कने बढने लगी थी… रीता कामिनी से लिपट गयी…

दोनों के नरम होंठ आपस में टकरा गये। दोनो जोरों से एक दूसरे को चूम रही थी… रीता की जीभ कामिनी की जीभ से खेल रही थी… रीता ने कामिनी की चूंचियां दबानी शुरु कर दी… उत्तर में कामिनी ने भी उसके स्तनों को मसलना चालू कर दिया।

“मसल दे मेरी चूंचीं को… कम्मो… हाय रे… देख चूत का पानी रिस रहा है”

“हाय रीता… और बोलो…ना…चूत का पानी……हाय रे…” कामिनी चूत शब्द सुन कर ही उत्तेजना में बहने लगी। रीता बोल उठी -“कम्मो… तू भी बोल दे ना…देख फिर कैसा चूत का पानी छूटता है…”

” हाय…दीदी… मेरी चूत का कुछ कर ना… काश कोई लन्ड होता…।”

“मेरी कम्मो…ले मेरी उंगली चूत में ले ले…।” रीता ने अपनी उंगली कामिनी की चूत में डाल दी…

“हाय रे दीदी… मैं चुद गयी रे …” कामिनी चीख उठी…

“अभी कहां रे…… अभी ऊपर से ही मजे ले… जब चुदेगी तो लन्ड का मजा आयेगा।”

“दीदी……हाय रे… चोद दे ना…देख तो…चूत कैसी हो रही है…”

“तो चुदेगी… सच में… चोद दूऽ तेरी चूत को…”

कामिनी तो जैसे होश में ही नहीं थी… उछल उछल कर रीता की उंगली को लौड़ा समझ कर चुदा रही थी… रीता ने मौका देखा और बिस्तर के नीचे से डिल्डो निकाल लिया…

“कम्मो… लन्ड घुसा दूं क्या…”

“हाय दीदी… घुसा दो ना…” रीता ने डिल्डो को अपने थूक से गीला कर लिया। अपना हाथ हटा लिया और डिल्डो उसकी चूत पर लगा दिया… कामिनी को तो जैसे कुछ पता नहीं था… उसने अपनी आंखे बन्द कर रखी थी…सांसे जोरों से चल रही थी… उसकी चूत पहले जैसे ही उछल रही थी…

डिल्डो लन्ड उसकी पानी छोड़ती हुयी चिकनी चूत पर था… उसके उछलते ही लन्ड चूत में उतर गया… रीता को पता था कि उसकी चूत अब तक कुंवारी है…

उसके घुसते ही रीता ने जोर लगाते हुये डिल्डो को अन्दर घुसाने लगी… कामिनी चीख उठी … रीता ने जल्दी जल्दी डिल्डो को अन्दर बाहर करना चालू कर दिया। उसके चूत से खून बाहर आने लगा…… वो दर्द से कराहती रही…

“बस बस…कम्मो तुम्हारा कौमार्य अब जाता रहा … अब मस्त हो जाओ…”

“दीदी… दर्द हो रहा है…”

“बस अब सिर्फ़ दो मिनट का है… फिर से अब पहले से ज्यादा मजा आयेगा…”

“मेरी झिल्ली फ़ट गयी ना… अब क्या होगा…”

“कम्मो… झिल्ली टूटने की तुम्हारी अब उमर हो गयी है … जब चुदने को मन करे समझ लो कि तुम्हारा कुँवारापन भी गया… अब चुदा लो ठीक से…”

“दीदी…फिर तो चोद दो मुझे पूरा… हाय रे दीदी…ये डिल्डो है ना…”

रीता ने अब प्यार से लन्ड से चोदना चालू कर दिया…… अब कामिनी मस्त होने लगी…वो चुदाने की बात समझ गयी थी …

उसे आनन्द आने लगा था…अब फिर से उसके चूतड उछल उछल कर चुदवा रहे थे… उसने रीता की चूंचियां दबा रखी थी…रीता भी एक हाथ से उसके चूंचक एक हाथ से खींच रही थी … दबा रही थी…

कुछ ही देर में कामिनी झड़ने लगी…”हाय रीता…डिल्डो खींच के चोद… चोद दे रे… दीदी… मेरी फ़ाड डाल…”

“कम्मो…… चुद गयी रे तू … और ले… ले… हाय …मेरी चूंची खींच दे…”

“दीदी…मैं… झड़ने वाली हूं…मुझे दबा ले…हाय… लन्ड खींच के मार… मेरा रस निकाल दे…”

“कम्मो… चल निकाल दे रस… निकाल… हाय निकाल रे…” रीता के हाथ तेजी से चल पडे…

कामिनी अब बिस्तर पर चित लेट गयी थी। रह रह कर कांप उठती थी…वो झड़ रही थी… रीता ने डिल्डो निकाल कर उसे जकड़ लिया…

कामिनी ने धीरे से आंखे खोली…”दीदी… खेल खतम हो गया…?”

रीता ने उसे प्यार करते हुए कहा -“कहां खत्म हुआ… मेरा क्या होगा… ”

कामिनी खुशी से उछल पडी…”हाय… दीदी…मैं भी ऐसा ही तुम्हारे साथ करूं…”

“हां… अब तुम मुझे चोदो…इस से…”

“आय हाय दीदी… डिल्डो मुझे दो…”

कुछ ही पलों में डिल्डो रीता की चूत में था… रीता तो पहले ही बहुत उत्तेजना में थी… डिल्डो घुसते ही उसकी चूत फ़डक उठी…

एक ही झटके में लन्ड चूत में घुसा लिया… कामिनी ने अब रीता के चूंचक मसलने चालू कर दिये…रीता मस्ताने लगी…

उसका शरीर काम वासना से तडप उठा… “मेरी रान्ड… चोद दे रे… कुतिया…” रीता के मुख से वासना भरी गालियां निकलने लगी…

“दीदी… ऐसे मत बोलो ना…”

” चोद दे रे…छिनाल… दे लन्ड… मार चूत पर… हरामी चूत है…”

“दीदी… क्या कहती हो…” कामिनी के हाथ तेजी से चल रहे थे… रीता का बदन वासना से कांप रहा था।

“हां री… कम्मो… मां चोद दे…… मेरी चूत की… दे लण्ड… हाय रे……”

“दीदी … तेरी चूत को घोडे के लन्ड से चुदवा ले रे… बडी मस्त चिकनी है…”

इतने में रीता खुशी से सिसकारी भरती हुयी… मेरे से चिपक गयी… इस चक्कर में डिल्डो उसकी चूत में पूरा ही घुस गया…

“मैय्या री… इसे निकाल… मैं तो गयी… कम्मो प्लीज़…”

कामिनी ने तुरन्त डिल्डो खींच के बाहर निकाल दिया… रीता झड़ रही थी… उसने मुझे चिपटा लिया… कामिनी को उसके बदन की और चूत की ऐंठन महसूस हो रही थी… दोनों के होंठ एक दूसरे से मिल गये… और प्यार में डूब गये…

सवेरे कामिनी रीता से नजरें नहीं मिला पा रही थी…

“दीदी…सोरी … मुझे रात को जाने क्या हो गया था।” रीता ने एक हाथ से उसका चेहरा उठाया और प्यार कर लिया…

“तुम…अरे तुम्हें तो अब रोज़ रात को यही होगा…”

“दीदी… ऐसा मत कहो…” कामिनी शरम से सिमटने लगी…

“जवानी इसे कहते हैं… कपडे भी तंग लगने लगते है… लगता है सब उतार फ़ेंको…”

“दीदी……” कामिनी शरमा कर रीता से लिपट गयी…

अब दोनो में प्यार और बढ गया था……