हय्यई… क्या लोड़ा है तेरा – chachi ki chudai kahani

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मैं आपको अपने बारे में बताता हूँ मेरा नाम कबीर है मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरी उमर 22 साल है मेरा लौड़ा और भी मोटा हो चुका है जो 7 इंच का है। मैं रोज ज़िम जाता हूँ और मेरे बॉडी कसी हुई है।

अब कहानी पर आते हैं। यह कहानी हमारी पड़ोस वाली चाची की है जो बहुत ही सेक्सी है। उनकी उमर 37 साल है, उनका फिगर 38-32-40 है, जब वो चलती है तो क़यामत ढहा देती है।

हमारा एक दूसरे घर जाना होता रहता है, हमारा अच्छा मेलजोल है दोनों घरों में इसलिए हमारे बीच बहुत हंसी मजाक होता है।

मैंने जब पहली बार मुठी मारी थी तो चाची को ही सोच क़र मारी थी। मेरी चाची की टाँगों पर बहुत बाल हैं बिल्कुल लड़कों की तरह !

मैं उनकी टांगों को देख क़र सोचता था कि टांगों पर इतने बाल है तो चूत पर कितने होगे।

मैं जब छोटा था तब मैंने उन्हें नहाते हुए भी देखा है। मैं आपको बता दूँ कि मेरी चाची बहुत ही मस्त मिज़ाज़ की औरत है और मुझे बहुत पसन्द करती है जबसे मैं छोटा था। मैं उनके बहुत सारे घर के काम भी क़र देता हूँ। मेरे पापा भी उस पर लाइन मारते हैं।



मेरे चाचा की उमर 43 है, मेरे चाचा का हाल ही 5 महीने पहले दिल का ऑपरेशन हुआ था। चाचा को जब छाती में दर्द हुआ, उस दिन मैं भी उनके घर था और मैं ही चाचा को अस्पताल लेक़र गया था। मेरे चाचा बड़े ही सीधे हैं, वो किसी से ज्यादा नहीं बोलते, न ही किसी के साथ आते जाते, इसलिए वो भी मुझे ही काम से घर बुलाते रहते थे।

मैं तो चाची को बचपन से ही चोदना चाहता था न जाने कितनी बार मैंने चाची के बारे मैं सोच क़र मैं मुठी मारी। चाची को चोदना मेरे बचपन का सपना था पर मेरे सपने को पूरा होने मैं 8 साल लगे। चाची को मैं देखता रहता था न जाने कब उनकी मस्त चूचियों के दर्शन हो जायें।

मैं हमेशा उनके चूचों पर नजर रखता और उनके पलटते ही उनकी सेक्सी गांड को 61-62 होते देख क़र मेरा लंड बिल्कुल कड़क हो जाता है। मैं आपको बता दूँ कि मेरी चाची के घर भैसों का काम है तो आजकल हमारे यह चोरी बहुत होती है इसलिए कोई न कोई भैंसों के कमरे के पास सोता है।

एक दिन मेररी बड़ी चाची के मायके में शादी थी तो उनके सब घर वाले मतलब मेरे बड़े चाचा, चाची, उनकी लड़की, लड़का, मेरी चाची के दोनों लड़के तो पहले ही शादी में गये हुए थे और चाचा भी एक दिन पहले ही चले गये शादी में।

चाची को शाम को वापस आना पड़ा, वो हमारे घर आके मेरी माँ से बोली- कबीर को आज और कल रात को सोने के लिए भेज देना।

तो मेरी माँ ने हाँ क़र दी। मैं मन ही मन खुश हो रहा था कि जिस मौके की तलाश में था, वो मुझे मिल गया।

सर्दियों के दिन थे तो मैं खाना खाकर उनके घर चला गया। चाची ने सलवार कमीज पहना था और ऊपर से शॉल ओढ़ी हुई थी।

मैंने जाते ही टीवी चला दिया और गाने सुनने लगा। चाची घर के काम करके आई और मेरे बेड पर रजाई रख दी, मैंने ओढ़ ली।

मैं लोअर और शर्ट पहने था। चाची ने अपनी चारपाई मेरे बेड के पास लगा ली और हम बात करने लगे।

चाची- क्यों कबीर, एक चुटकला सुनेगा?

मैं- हाँ हाँ, क्यों नहीं मेरी चाची ! पर जोक होना मस्त चाहिए !

चाची बोली- ओके।



एक बार… चाची ने कोई पुराना सा चुटकुला सुनाया। हम दोनों बड़ी जोर जोर से हंसने लगे पर मेरी हंसी बनावटी थी क्योंकि मुझे तो उनकी गांड और चूत को सुजाना था। थोड़ी देर में हम टीवी देखने लगे।

रात के 9:30 बजे थे चाची को नींद आने लगी पर मुझे तो नींद नहीं आने वाली थी। मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि चाची को पकड़ क़र चोद दूँ।

मैं रिमोट लेक़र चैनल बदनले लगा। तभी ftv पर midnight शो चल रहा था। मैं उसे देखने लगा। पतली-पतली लड़कियाँ टूपीस में घूम रही थी, कोई कोई तो बिल्कुल छोटी कच्छी में थी, उन्हें देख क़र मेरा लंड सलामी देने लगा। मैं एक बार चाची की तरफ़ देखता और फिर टीवी के तरफ़।

चाची रजाई ओढ़ क़र सो रही थी, मैं उनके चेहरे को देख रहा था बड़ी प्यार से और अपने लंड को पकड़े हुआ था !

मैंने टीवी में चैनल बदला, तभी चाची बोली- बंद क़र दे बेटा कबीर ! सो जा, मुझे सुबह जल्दी उठना है।

मैं बोला- ठीक है, चाची बंद क़र देता हूँ !

मैंने टीवी बंद क़र दिया पर मुझे नींद नहीं आ रही थी, कमरे में छोटा बल्ब जल रहा था।

मैंने चाची को देखा और उनकी चारपाई के पास जाकर मैं उनके चेहरे को देखते हुए मुठी मारने लगा। कमरे में शांति थी इसलिए मैं धीरे धीरे मुठ मार रहा था कि चाची जग न जाये।

मैं मुठ मार ही रहा था कि चाची की आँख खुल गई और उन्हें मेरा लंड देख लिया। मैंने जल्दी से लंड अंदर क़र लिया।

चाची बोली- क्या क़र रहे हो? कहाँ जा रहे हो तुम?

मैं हड़बड़ाते हुए बोला- कुछ नहीं चाची मैं तो बाथरूम जा रहा था…

चाची मेरे लंड की तरफ़ देख क़र बोली- तो जा, यहाँ क्यों खड़ा है…

मैं बाथरूम चला गया और वहाँ पर जाक़र हांफने लगा, मेरी सांसें तेज हो रही थी, मैं समझ नहीं पा रहा था कि क्या करूँ।

मेरा लंड बैठ चुका था, मैं वापिस कमरे में आया तो चाची बैठी हुई थी।

मैं बोला- क्या हुआ चाची उठ क्यों गई?

चाची मेरी तरफ़ थोड़ा बनावटी गुस्सा दिखाते हुए बोली- अरे कबीर, तू एसी हरकत करेगा तो नींद कैसे आयगी?

मैं बोला- कैसी हरकत?

वो मेरे लोड़े की तरफ़ देख क़र बोली- तू बार बार खड़ा होगा तो मैं कैसे सो पाऊँगी।

मैं समझ तो गया पर डर लग रहा था, मेरी सांसें तेज थी।

चाची बोली- इधर आ !



मैं उनके पास गया तो उन्होंने मेरी टीशर्ट ठीक करते मेरे लंड पर हाथ मार दिया।

मैं उचक गया।

फिर बोली- क्या हुआ? कुछ नहीं हुआ? तू इतना हट्टाकट्टा है !

फिर चाची ने मेरे लंड को पकड़ लिया धीरे धीरे मेरा लंड बड़ा हो गया और चाची ने मेरा लोअर नीचे करके चाची मेरा लंड को पकड़ क़र दबाने लगी।

मैं बोला- चाची क्या क़र रही हो? रहने दो ना ! कोई देख लेगा।

चाची बोली- बहन के लोड़े, इतनी देर से मेरे मुँह के सामने मुठ मार रहा था और अब तुझे डर मार रहा है?

फ़िर चाची हंसने लगी- डर गया? अरे मेरे प्यारे पहलवान, तुझे मैं अपनी देकर धन्य हो जाऊँगी। तू है ही इतना प्यारा कि तुझ पर तो सो चूत और गांड कुर्बान… हय्यई… क्या लोड़ा है तेरा मेरे कबीर ! …आह्ह ! आज तो मैं अपनी प्यास बुझा क़र रहूंगी…

मैं भी चाची, आपके घर के कितने चक्कर लगता था कि आप पट ही जाओ !

चाची- मैं भी तो तुझे कितनी हिंट देती थी, तुझे झुक झुक क़र अपने चुच्चे दिखाती थी। अपनी कच्छी भी नहीं पहनती थी ताकि तुझे मेरी गांड उछलती हुई दिखे। पर तू कुछ करता ही नहीं था…

“चाची आज सब कुछ क़र दूंगा… मैं भी आपकी चूत के लिए बहुत तरसा हूँ ! मैंने तो पहली बार जब मुठ मारी थी तो आपको ही सोच क़र मारी थी कि आपकी टांगों पर इतने बाल हैं तो आपकी चूत पर कितने बाल होंगे, मैंने आज तक जितनी बार मुठ मारी है उनमें से 98% आपको सोच क़र मारी है…!”

चाची बोली- ओहो मेरे आशिक, चल अब मजे लेते हैं।

मैं बोला- तुमने इतने साल तरसाया है, अब मैं तुम्हें भी तरसाऊँगा।

फ़िर मैं चाची के होंटों की तरफ़ बढ़ने लगा तो चाची बोली- क्या क़र रहा है?

मैं बोला- आपके होंटों का रस चख रहा हूँ।

चाची बोली- मैंने आज तक होंट की पप्पी नहीं दी, तेरे चाचा बहुत सिगरेट-बीड़ी पीते हैं न इसलिये ! और अब दिल के दौरे के बाद से तो चोदना भी छोड़ दिया है तेरे चाचा ने ! मैं तो तड़पती थी, पर कहती नहीं थी पर आज मैं जी भर के मजे करुँगी तेरे मोटे और लम्बे लंड के साथ…

मैं तो यह सुन क़र उनके ऊपर उछल पड़ा और होंटों को चूसने लगा उनके होंटों में बिल्कुल कुँवारी लड़की ही तरह रस था, बिल्कुल मीठे गुलाबी होंट ! मैं तो चूसता रह गया !



मैंने उनके सारे कपड़े निकाल दिए, चाची सिर्फ ब्रा और कच्छी में थी, मैंने उनकी ब्रा खोली और उनके चुच्चों को दबा दबा क़र चूसने लगा।

चाची के मुँह से गालियां निकल रही थी- साले कुत्ते, चोद अपनी चाची को ! फाड़ दे मेरे भोंसड़े को आज ! सब क़र दे आज तक जो नहीं हुआ !

मैं पूरे जोश में था, मैंने चाची की कच्छी को फाड़ दिया और फेंक दिया। चाची बिल्कुल नंगी थी मेरे सामने और जैसा मैंने सोचा था उनकी चूत पर बहुत सारे बाल थे। उनकी कांखों के नीचे भी बहुत बाल थे। मैं उन्हें देख क़र पूरे जोश से उनकी चूत को काटने लगा,

चाची अहाहा हाह सीईईएईईइ अआजह्हा आहा अह्हह ओह्ह्ह हूह्ह ह्म्म्म अह्हह क़र रही थी, उन्हें पूरा आनन्द आ रहा था।

जब मैं चाची की चूत को चूसने लगा तो और चाची और भी तेज आवाज क़र रही थी, पूरा कमरा सेक्स की खुशबू से महक रहा था।

चाची बोली- अब कितना तड़पाएगा मेरे पहलवान ! चोद दे मुझे ! ऊह ह्ह हां चोद दीईई ऊऊह !

मैंने चाची की एक टांग अपने कंधे पर और दूसरी टांग को बेड पर रखा और अपने लंड को उनके दाने के ऊपर रख क़र धक्का दिया और मेरा आधा लंड उनके चूत के बालों को चीरता हुआ उनके चूत में समां गया।

चाची के मुँह से आह निकली। फ़िर मैंने दूसरे धक्के के साथ अपने पूरे 7 इच के लंड को उनकी चूत में पिरो दिया। चाची चिहुंक गई पर मैं कहाँ रुकने वाला था, क्योंकि जो बन्दा इतने साल जिसके बारे में सोच क़र मुठ मारता हो आज वो नंगी उसके सामने हो तो वो उससे बिल्कुल नहीं छोड़ेगा। और मैं भी वही क़र रहा था, मैं पूरे दम से उनकी चूत मारने लगा। मुझे नहीं पता कि मुझे क्या हो गया था पर मेरे में जितना दम था, मैं पूरे जोश से चाची को चोद रहा था।

चाची बोल रही थी- आराम से ! मुझे दर्द हो रहा है।

पर मुझे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था मैं पूरी तेज चोद रहा था…

चाची को भी धीरे-धीरे मजा आने लगा और वो भी नीचे से दम लगा क़र धक्का मार रही थी। मैं उनको बिना सुधबुध के लगातार चोदे जा रहा था।

चाची बोली- जोर से चोद ! मैं झड़ने वाली हूँ !

मैं और जोर से चोदने लगा और मेरा लंड उनकी चूत में ही झड़ गया, चाची भी झड़ चुकी थी। मैं उम्मीद से जल्दी झड़ गया था सिर्फ 15 मिनट में…

मैं हांफ़ता हुआ उनके ऊपर लेट गया, चाची मेरे बालों को सहला रही थी, चाची भी हांफ रही थी और बोली- मेरे पहलवान तुमने तो स्वर्ग के सैर करा दी !



चाची नंगी ही उठी और रसोई से दूध लेक़र आई। मैंने दूध पिया और चाची ने भी !

हम दोनों ने फ़िर एक दूसरे के शरीर से खेलना शुरु किया और मेरा लंड फ़िर खड़ा हो गया।

चाची ने मेरा लंड चूसा और मैं उनकी चूत चाट रहा था, दोनों 69 की पोजिशन में थे। मैं चाची की चूत को बुरी तरह जीभ से चोद रहा था और चाची मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूस रही थी।

पाँच मिनट के बाद चाची झड़ गई, मैं चाची का सारा रस पी गया, वो उठी और बोली- बस कबीर अब सो जाते हैं सुबह जल्दी उठना है।

“चाची अभी तो मेरा हुआ भी नहीं और आप सोने की बात क़र रही हो? चलो जल्दी से घोड़ी बन जाओ, मैं आपको वो सेक्स का मज़ा देना चाहता हूँ जो आपने आज तक नहीं लिया होगा। सुबह तो रोज़ जल्दी उठती हो, एक दिन लेट हो जाओगी तो क्या हो जाएगा।”

मैंने चाची की चूत पर एक प्यार से एक चाँटा मारा।

चाची बोली- ले ले बेटा मज़ा ! फिर ऐसी रात हो न हो।

मैंने चाची को उठाया और बेड पर उल्टा पटक दिया और चाची को घोड़ी बना दिया। मैं अपना लंड को पकड़ क़र उनकी चूत पर लगा क़र चोदने लगा। चाची को मज़ा आने लगा और मैं भी उनके चूचों को पकड़ क़र जोर जोर से उन्हें चोदने लगा।

चाची पूरा मजा ले रही थी, बोल रही थी- रंडी बना दे आज ! चोद चोद क़र भोंसड़ा फाड़ दे मेरा ! आज मत सोने दियो मुझे और मेरी चूत को ! अहा आअह आह सीईई ओह्ह्ह्ह हः हां चोद चोद और चोद…

“ले तो मेरी रांड, आज तो न मैं तुझे सोने दूँगा और न ही तेरी चूत को ! फाड़ दूंगा गंडवी ! ले मेरा लोड़ा ! चुद माँ की लोड़ी ! अहाहः ले ओह्ह्ह…”

चाची को 10 मिनट तक चोदने तक चाची झड़ गई पर मैं चालू रहा और मेरा लंड चाची के पानी के वजह से और तेज तेज अंदर बाहर होने लगा। मैं पूरे जोश मैं चाची को चोद रहा था पर चाची का बदन ढीला हो गया था। पर मैं चालू रहा और चोदता रहा। चाची को फ़िर जोश आ गया, वो उठी और मेरे ऊपर आ क़र मुझे चोदने लगी यानि मेरे लंड को अपनी चूत में रख क़र झटके देने लगी। चाची लगी रही और कोई 15 मिनट तक ऐसे ही करती रही। मेरा झड़ने वाला था और चाची भी, मैंने चाची को नीचे किया और पूरी तेज चोदने लगा चाची भी आँखें बंद क़र मज़ा ले रही थी।

“मेरा निकलने वाला है डार्लिंग…”

चाची- मेरा भी ! चोद जोर से !

और हम 20-25 धक्कों के बाद हम दोनों झड़ गये। मैं चाची के ऊपर ही लेटा रहा और सो गया। फ़िर दो घंटे के बाद मेरी नींद खुली तो मैं चाची की बगल में था, चाची और मैं एक ही रजाई में लिपट क़र सो रहे थे। मैं उनकी किस ली और सो गया।

सुबह जब उठा तो 6:30 हो रहे थे, चाची मेरे लिए चाय ले क़र आई थी। चाची ने कपड़े पहने हुए थे और शॉल भी ओढ़ी हुई थी।

मैंने उठ क़र मुँह हाथ धोए और चाय पी। फ़िर मैं अपने घर चला आया।

मैं पूरे दिन यही सोचता रहा कि आज तो चाची की गांड भी मारनी है क्योंकि चूत में तो उन्हें कोई दर्द नहीं होने वाला, वो तो फटी पड़ी है…

मैंने दिन में ही चाची को सोने के लिए बोल दिया था, कहा- आज रात मैं तुम्हे सोने नहीं दूंगा !

वो हंस क़र चली गई।

रात को मैं जल्दी सात बजे ही आ गया, चाची को उठा क़र बेडरूम में ले गया और सीधे कुत्तों की तरह चाटने लगा। मैं चाची की गांड से शुरुआत करने वाला था, मैंने चाची को नंगा किया और उनके गांड के छेद को देखा।

चाची की गांड पर भी बहुत बाल हैं, चाची की गांड में लंड रख क़र धक्का दिया तो चाची बहुत जोर से चिल्लाई, बोली- मैंने आज तक गांड नहीं मरवाई है कबीर !

मैं बोला- कोई बात नहीं सेक्सी, अभी थोड़ा तेल लाता हूँ !

मैंने तेल लगाया और एक धक्का दिया।

चाची बोली- नहीं कबीर, रहने दे, चूत को ही चोद ले ! मैं नहीं सह सकती दर्द को !

मैंने कहा- कुछ नहीं होगा चाची ! एक बार चोदना शुरु किया तो आप को मस्त क़र दूंगा।चाची मान गई। मैंने दो कोशिशों में गांड़ में लंड उतार दिया और चोदने लगा। चाची को मजा आने लगा पर चाची की आँखों से आँसू निकल रहे थे,

मैं लगा रहा चाची को मज़ा आ रहा था, मेरा लंड फ़ूल रहा था, मैं चाची को बीस मिनट तक चोदने के बाद जब झड़ने लगा, मैं उनकी गांड में ही झड़ गया।

मैंने जब लंड निकला तो चाची की गांड खुली की खुली रह गई।

चाची लेट गई और मैं भी !

8 बजने वाले थे, चाची खाना खाने के लिए उठी तो वो चल नहीं पा रही थी।

फ़िर मैंने ही खाना लगाया, खाना खाने के बाद मैं फ़िर पूरे जोश में आ चुका था।

चाची बोली- तूने तो जान निकाल दी पहलवान, मेरी गांड में तो दर्द हो रहा है… पर मजा बहुत आया !

“कोई बात नहीं चाची, धीरे धीरे आदत हो जाएगी।”

उस रात मैंने चाची की दो बार और गांड मारी और तीन बार चूत को पेला।

हमें जब भी मौका मिलता है तो आज भी उन्हें चोदता हूँ और हम खूब मजे करते हैं।

चाची तो बहुत सेक्सी है यारो, पूरे मजे देती है…

आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे मेल क़रके बतायें !