आंटी को वाइफ बनाया

आंटी को वाइफ बनाया

हाई, मेरा नाम आकाश है और मैं ये अपनी पहली स्टोरी लिख रहा हु. जिसको पसंद आये, तो कमेंट करे.

ये कहानी मेरे सिटी में आई एक आंटी की है. उनका नाम डिंपल था और वो बैंक में काम करती थी. उनकी शादी को १ इयर हुआ था और उनका हबी बाहर नौकरी करते थे. तो स्टोरी चालू करता हु. मैं सिटी बस से आ रहा था और वो वो न्यू थी सिटी में. उसे कुछ भी पता नहीं था. वो मेरे पास ही बैठी थी और कुछ जगह के बारे में पूछने लगी. मैं उनसे बातें करने लगा. उन्होंने मुझे बताया, कि वो सिटी में नये है और उन्हें मार्किट जाना था. मैंने उन्हें मार्किट का रास्ता बता दिया और हमारी बातचीत शुरू हो गयी. उन्होंने मुझे अपने बारे में बताया, कि वो बैंक में है और सिटी में अकेले रूम लेकर रहती है. उनके हसबंड बाहर जॉब करते है और महीने में १ – २ बार ही घर आते है. फिर, मार्किट आ गया और वो उतर गयी.

एक – दो दिन बाद, मुझे बैंक में काम पढ़ा और मुझे बैंक में वो आंटी दिख गयी. मुझे देख कर वो बोली – तुम यहाँ कैसे? मैंने कहा – काम था बैंक में. मुझे अकाउंट खुलवाना है. उन्होंने मेरी हेल्प की और सब बता दिया. फिर वो बोली – चलो मेरे केबिन में. वहां चाय पीते है. मैंने कहा – आंटी, आज तो जल्दी है फिर कभी. ८ -१० दिन बाद, मुझे अपनी पासबुक लेने बैंक जाना था, तो मैं गया और आंटी से मिला. हमने बातो ही बातो में अपने नंबर एक्स्चंज कर लिए और फिर उनके साथ चाय पी. मैंने पासबुक ली और घर वापस आ गया.

ऐसे ही दिन निकल गया और रात को आंटी का मेसेज आया. मैंने भी रिप्लाई लिया. फिर ऐसे ही, हमारी बातचीत शुरू हो गयी. धीरे – धीरे हम अच्छे फ्रेंड बन गये और १ दिन उन्होंने मुझे घर बुलाया डिनर पर. मैं उनके घर पुहुचा और डोरबेल बजायी. आंटी ने जैसे ही दरवाजा खोला, मैं तो उन्हें देखता ही रह गया. बेकलेस ब्लाउज साड़ी, वो भी नेवल के नीचे तक बंधी थी. लाइट मेकअप, क्या बला की खुबसूरत लग रही थी. फिर मैं अन्दर गया और हमने बाते की. फिर खाना खाया और फिर मैं वापस आ गया. रात को आंटी और मैं फ़ोन पर बात करते रहे. उस दिन मेरा बर्थडे था और आंटी ने मुझे १२ बजे विश किया और मुझे बोला, कि साथ बजे मेरे घर आना. तुम्हारा बर्थडे सेलिब्रेट करेंगे. फिर शाम को मैं रेडी होकर उनके घर गया और रास्ते से मैं एक केक और बाकी का सामान ले लिया था. उनके घर पहुच कर मैंने डोरबेल बजायी. आंटी ने दरवाजा खोला.

उन्होंने नाईटी पहनी हुई थी. उन्होंने मुझे अन्दर आने को कहा. उन्होंने कहा, कि आज हम बाहर खाना खाने चलते है. मैंने कहा – मैं केक लाया हु. तो उन्होंने कहा – पहले घर में केक कट कर लेते है. फिर बाहर खाना खाने चलते है. मैंने कहा – ओके. उन्होंने कहा – चलो, मैं रेडी होकर आती हु. तुम तब तक टीवी देखो. ये कह कर वो अपने बेडरूम में चली गयी और मैं टीवी देखने लगा. कुछ देर बाद, आंटी की आवाज़ आई, आकाश… प्लीज अन्दर आओ. मेरी हेल्प करना. मैं बोला – आंटी आता हु. आंटी ने दरवाजा बंद किया हुआ था. मैंने दरवाजा नॉक किया, तो उन्होंने दरवाजा खोला.

जैसे ही दरवाजा खुला, मैं तो उन्हें देखता ही रह गया. आंटी ब्रा और पेटीकोट में उलटी खड़ी थी. मुझे उनकी बेक दिखाई दे रही थी. यरूऊओ…. क्या मस्त चिकनी थी और उस पर एक प्यारा सा तिल… मुझे तो उन्हें देख कर कोई होश ही नहीं रहा. फिर वो बोली – ज्यादा मत घूरो.. मेरी ब्रा का हुक नहीं लग रहा है. प्लीज लगा दो. मैंने तुरंत हुक लगा दिया और बेक पर हाथ फेर दिया. फिर, वो बोली – तुम चलो, मैं आती हु. फिर थोड़ी देर बाद, आंटी आई. उन्होंने एक बेबी पिंक कलर की साड़ी पहनी हुई थी. बहुत गजब लग रही थी वो. बस दिल कर रहा था, कि चोद दू अभी उन्हें. फिर, मैंने अपने आप को कण्ट्रोल किया और आंटी केक ले आई और बोली – चलो केक कट करो. मैंने बोला – साथ में करते है. वो मान गयी और फिर हमने एक दुसरे को केक खिलाया और फिर मैंने १ रोमेंटिक सोंग प्ले कर दिया.

मैंने आंटी को साथ में डांस करने के लिए बोला. वो मना करने लगी. पर जब मैंने जिद की, तो वो मान गयी. हम मस्त डांस करने लगे. अब आंटी बोली – चलो खाना खाने चले. मैं बोला – आंटी घर ही मंगवा लो. अपन यहीं मस्ती करते है. फिर उन्होंने खाना आर्डर कर दिया और खाना आने तक हमने डांस किया. फिर खाना आने के बाद, हमने खाना खाया और फिर आंटी बोली – बता, तुझे क्या गिफ्ट चाहिए. मैंने कहा – गिफ्ट की क्या जरूरत है. तो वो जोर देने लगी. तो मैंने उन्हें धीरे से प्रोपोज कर दिया. वो चौंक गयी और बोली – मैं तो मैरिड हु. तो मैं नाराज़ हो गया. झूठ मत का गुस्सा करने लगा. आंटी बोली – मुझे सोचने दे. बाद में बताती हु.

फिर मैं घर चले गया. नेक्स्ट डे, आंटी का कॉल आया. वो मार्किट जा रही थी और उन्होंने मुझे अपने साथ मार्किट चलने के लिए पूछा. मैंने ओके बोल दिया. फिर मैं रेडी हो गया और आंटी ने कार निकाली और बोली – चलो. हम मार्किट चले गया और मैं उनको पूछा, क्या लेना है? वो बोली – तेरे लिए कपड़े और कुछ घर का सामान और अपने लिए अंडरगारमेंट्स भी देखने है, पुराने वालो के हुक बेकार हो गये है ना. फिर हम कपड़ो की शॉप में गये. शॉप वालो ने कपड़े दिखाए. मैंने आंटी को बोला – आप आज बताओ. क्या लेना चाहिए. उन्होंने कहा – मुझे तुम्हारी पसंद के बारे में क्या पता. लेकिन, मेरे ज्यादा जोर देने पर, उन्होंने मेरे लिए कपड़े पसंद किये. फिर हम सामने ही अंडरगारमेंट की शॉप में चले गये. मुझे शर्म आ रही थी. आंटी ने शॉप वाले को अपनी साइज़ बताई और कुछ अच्छा दिखाने को बोला. फिर आंटी ने मुझे बोला – अब तू बता, कि मैं कौन से लू? मैंने बोला – मुझे क्या पता? वो गुस्सा होने लगी और बोली – तेरे लिए कपड़े लिए थे ना मैंने. अब तू मेरे टाइम में ना बोल रहा है. मैंने २ पेअर सेलेक्ट किये, बहुत सेक्सी से. फिर आंटी ने वो बाई कर लिए. अब हम दोनों घर वापस आ गये.

वो मुझसे बोली – अपने कपड़े चेक कर ले पहन कर. मैंने बोला – नहीं , घर जाकर कर लूँगा. फिर आंटी बोली – मुझे कैसे पता चलेगा, कि मेरी पसंद तुझ पर कैसे लगती है. मैंने बोला – अच्छा, एक शर्ट पहनता हु. लेकिन, आपको भी मेरे पसंद के कपडे पहन कर दिखाने पड़ेंगे. आंटी ने मना कर दिया. मैंने भी बहुत रिक्वेस्ट की. फिर आंटी ने मेरी बात मान ली और हम अलग – अलग रूम में गये और कपड़े पहन लिए. फिर उनकी आवाज़ आई. आकाश आओ. मैं गया और गेट खोल कर देखा.. ऊऊऊऊईईईईइमा.. ऊऊ … माय गॉड… देखा ही रह गया. उनकी पूरी वाइट बॉडी पर रेड कपड़े, सिर्फ ब्रा और पेंटी.. उनका चेहरा भी लाल हो रहा था.

फिर आंटी बोली – देख लिया. अब कपडे पहन लू. तो मैंने बोला – आप मुझे आंसर दो, मेरे प्रोपोज का. आंटी सोचने लगी और शरमा कर भाग गयी. मैं समझ गया और उनके पीछे गया और उनको पकड़ कर किस कर लिया. मैं किस करता रहा और वो भी अब मेरा साथ देने लगी थी. मैं उनके मस्त रसीले होठ चूस रहा था. करीब २० मिनट तक हमने किस किया. फिर मैंने उनकी ब्रा निकाल दी और उनके बूब्स मेरे सामने थे. यारो… क्या मस्त बूब्स थे उनके… मैं दबा रहा था और मस्ती में चूस रहा था. फिर मैंने उनकी निप्पल को काटा और धीरे से वो बोली – आःह्ह्ह आहाहाहा ऊऊओईईई आकाश आई लव यू… आकाश… और करो.. प्लीज अच्छा लग रहा है… अहहहः अहहहः ऊऊओ ऊउह्ह्ह्ह .. मज़ा आ रहा है. आकाश मज़ा आ रहा है… चूस लो मुझे आज पूरा का पूरा… मैंने ने उनके निप्पल को नहीं छोड़ा और मस्त में चूसने लगा. फिर उन्होंने मेरी पेंट में हाथ डाल दिया. मेरा तो कब से खड़ा था. वो बोली – इतना बड़ा.. आआआआआ … आपके भैया का तो छोटा सा ही है. फिर उन्होंने मुझे मेरी जीन्स से अलग कर दिया, जो उन्होंने मुझे गिफ्ट में दी थी. फिर अंडरवियर उतारे बिना ही, मेरा लंड मुह में ले लिया…. अहहहः …. फ्रेंड…. क्या मस्त फीलिंग थी. किसी लड़की ने मेरा फर्स्ट टाइम अपने मुह में लिया था… वो मेरे लंड को मस्ती में आगे – पीछे कर रही थी और मेरे लंड को काट रही थी. मैं उनको बोल रहा था – धीरे से आंटी … प्लीज धीरे से… अहहहः अहहहह्हा अहहहहः … वो बोली – हाँ स्वीट हार्ट… आराम से ही चुसुंगी… अहहहः… वो फिर से मेरे लंड की चूसने लग गयी.

फिर, मैंने उसकी पेंटी उतारी और उन्होंने मुझे नंगा किया. हम दोनों ६९ पोजीशन में आ गये. वो मेरा लंड चूस रही थी और मैं उनकी चूत, मस्ती में चूस रहा था. बड़ा ही मज़ा आ रहा था. आंटी अपने हाथो से मेरे सिर को अपनी चूत में घुसा रही थी. वो बोल रही थी… आकाश चूस.. पूरा का पूरा चुस ले. बहुत दिनों से प्यासी है ये चूत. मैंने उसके चूत के दाने को अपनी जीभ से टच किया, तो वो उछल पड़ी और बोली – वाह आकाश, बहुत मज़ा आ रहा है. मुझे भी मज़ा आ रहा था. चूत के दाने को टच करते ही, वो बहुत गरम हो गयी और उन्होंने मेरे लंड पर अपने दांत गडा दिए. मेरी चुसाई इतनी जबरदस्त थी, कि वो एकदम से मेरे मुह में ही झड़ गयी और मैं उनका पूरा माल पी गया. वो बोली – आकाश, मुझे भी तुम्हारा माल पीना है. मैंने उनको बोला, पहले इसे जोर से तो हिलाओ. वो मेरे लंड को जोर से हिलाने लगी और मेरा माल भी निकल गया.

उन्होंने मेरे लंड की अपने मुह में ही डाले रखा और मेरा पूरा माल पी गयी और एक बूंद भी जाया नहीं होने दी. वो उठने लगी, तो मैंने बोला – आंटी कहाँ? वो एकदम से गुस्सा हो गयी और बोली – मुझे आंटी मत बोलो. वो बाहर गयी और थोड़ी देर बाद आई और मैंने देखा, तो उनके हाथ में सिंदूर था. फिर वो मुझसे बोली – मेरी मांग भर दो. मैंने भी कर दिया और वो बोली – अब मैं तुम्हारी आंटी नहीं वाइफ हु. फिर मैंने उनको प्यार से हग किया और वो बोली – अब हम सुहागरात मनाएंगे. मैंने बोला – ओके, मेरी डार्लिंग.. चलो आप लेट जाओ. वो लेट गयी और फिर उन्होंने अपनी टांग उठा दी और मुझसे बोली – आप डाल दो अन्दर अपना. मैंने एक धक्का मारा और मेरा आधा लंड अन्दर चले गया. उनकी चूत थोड़ी खुली थी, क्योंकि अंकल काफी सेक्स करते थे.

उसके साथ उन्हें ज्यादा दर्द भी नहीं हुआ. मैंने फिर एक और झटका मारा और मेरा पूरा लंड अन्दर चले गया. वो चिल्ला उठी आआआआअह्हह्हह .. ईईईईईईईईईईईईई माआआआअ… मर गयी ईईईईईईईएस्सस्सस्सस्सस्सस्स… बहुत दर्द हो रहा है आकाश… डार्लिंग प्लीज धीरे करो… मेरी जान निकल रही है. मैं उसको जल्दी – जल्दी शॉट मारने शुरू किये और वो मुझे कसकर पकडे रही…. अहहहहः अहहहहः अह्ह्ह्हह बस बस बस बस बस धीरे – धीरे – धीरे – धीरे …ऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह ऊऊऊऊईईईईइमा मर गयी. मैं उसे मस्ती में चोद रहा था. मुझे बोल रही थी … अह्गाआ चोदो मुझे.. मस्त चोदो मुझे… मैं उसे मस्ती में झटके मार रहा था. उसकी चूत बहुत ज्यादा टाइट तो नहीं थी, लेकिन उतनी खुली भी नहीं थी. कि किसी लंड को मज़ा ना दे सके. मेरा लंड उसकी चूत की जड़ तक जा रहा था. वो जब भी मैं अपने लंड को बाहर खिचता, तो उसके मुह से तेज साँस एक सिसकी के साथ बाहर आई और मुझे अगला शॉट और भी जोर से मारने को प्रेरित करती. मेरी इस जबरदस्त चुदाई में, वो ३ बार झड़ चुकी थी. मैंने बोला – आंटी मैं भी झड़ने वाला हु. वो बोली – मेरे अन्दर ही निकालना.. मैंने बेबी चाहिए अपना.. मैं अन्दर ही झड़ गया





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