उस दिन सन्डे अचानक डोर पैर नोक हुई और मैंने दरवाजा खोला. मैं देखती रही. एक करीब 6 फिट ऊचा गोरा – गोरा लाल – लाल रुबाबदार हट्टा – कट्टा मस्त अरेबियन पठान मेरे सामने खड़ा था. उसने पायजामा और कुरता पहना था. उसे देख कर मेरे शरीर में झुरझुरी सी दौड़ गयी. मन में आया, कि ये साला हिमालय के ऊपर चडेगा, तो उसे भी चकनाचूर कर देगा, ऐसा मस्त तगड़ा जवान था वो. वो मुझे मुझे ऊपर से नीचे तक कामुक और ललचाई हुई नजरो से घुर रहा था. वो मेरी चूत की तरफ घुर रहा था, जैसे कि अपनी आँखों से मेरी चूत की गहराई नाँपने की कोशिश कर रहा हो. उसको देख कर मेरे मुह में पानी आ रहा था, लेकिन मैंने उसको एकदम से गले में उतार लिया. तभी पीछे से मेरे पति आ गये और पूछा – कौन आया है? मेरे पति को देख कर उसने पूछा – चड्डा साहब या उनकी बीवी को बुला दीजिये. मेरे पति बोले – वो लोग तो ५ साल पहले ही दिल्ली शिफ्ट हो गये है.उसने कहा – वो लोग ५ साल पहले अबुदाबी आये थे और तब उन्होंने काफी एन्जॉय किया था. उनकी वाइफ ने बोला था, जब आप इंडिया आओगे. तो जरुर हम से मिलना. ये बात करते – करते वो बार – बार मुझे घुर रहा था, मेरे पति के सामने ही. मैंने भी उसको ही घुर रही थी. फिर उसने कहा – अच्छा भाई साहब, यहाँ पर कोई होटल या गेस्ट हाउस मिलेगा? मेरे पति ने कहा – पास में ही है. मैंने अपने पति से कहा – जाओ, इनको छोड़ आओ. मेरे पति ने उनको बोला – आइये, मैं आपको छोड़ देता हु. वो बार – बार पीछे मुड़ कर देख रहा था मुझे. जैसे ही वो चले गया, मैंने सांस लेनी शुरू की. मेरे शरीर में धकधक हो रही थी. क्या मस्त आदमी था. साले का लंड मोटा होगा? अगर मुझे बाहों में भरेगा, तो अहहाह अह्हाआ अओओओं मैंने ठंडी आहे भरने लगी थी और उसके बारे में सोचते हुए दीवानी सी होने लगी थी. फिर मैंने अपने आप को संभाला. कुछ देर बाद मेरे पति वापस आ गये और थोड़े सीरियस थे. मैंने पूछा – क्या हुआ? वो मुझे देखते रहे और बोले – जानती हो, वो क्या बोला? वो बोला, तेरी वाइफ तो एकदम मस्त है. देख मैं तुझे १०००० रुपये दूंगा, अगर टू मुझे एक चांस देगा तो. मैं तो ये सुनकर हक्की – बक्की रह गयी. मेहमान भी था, तगड़ा भी था. इसलिए चुप रहने में भलाई समझी. मैं कुछ सोच ही रहा था, कि उसने इतने में मेरा हाथ पकड़ा और अपने लंड पर लगा दिया और बोला, देख कितना मोटा है. तेरी बीवी खुश हो जायेगी.
मैं एकदम डर गया था. वो बोला – १० बजे आऊ. मैंने बोला – अपनी बीवी से पूछ कर बताऊंगा? और वहां से भाग आया. ये सुनकर अन्दर से मुझपर नशा चड़ने लगा. पर पति को नाटक में मैंने गुस्सा दिखाया और बोली – साले टू कुछ भी बोल नहीं सकता था. तेरी पत्नी को चोदना चाहता है और तू चुपचाप भाग आया. पति बोला – मैं क्या कर सकता था? तुझे देख कर वो शायद पागल हो गया होगा. मैं बोली – वो तो हो ही गया था पागल. लेकिन तुझे देख कर वो समझ गया था, कि तुझमे कोई दम नहीं नहीं है. साले तेरा हाथ पकड़ कर उसने पाने लंड पर लगा दिया, इसका मतलब वो समझ गया होगा, कि तेरा एकदम लल्लू होगा. अपनी पत्नी की आग नहीं बुझा सकता. इसलिए उसने इतनी हिम्मत की. वो समझ गया था. तू लल्लू ही साले, उसे बोल नहीं सकता था, कि उसकी नाक तोड़ देगा या कम से कम ना ही बोल आता. जब कोई कोई कुछ नहीं बोलता है, तो उसका मतलब हाँ में ही होता है. मैंने गुस्से में किचन में चली गयी. लेकिन अन्दर से मैं ख़ुशी से फूली नहीं समा रही थी. तन – बदन में आग लगी थी अहहाह अहहहहः साले से चुदवाने में क्या मज़ा आएगा.. आआअ ह्हह्ह्हू आआऊऊऊऔऊऊउस्सछह्हह और मैं जल्दी – जल्दी खाना बनाने लगी. ९ बजे तक हम दोनों खाना खा चुके थे. उसके बाद, पति टीवी देखने लगे और मैं नहाने चली गयी. मैंने आज सालो बाद, रात में नहाने गयी थी.
फिर मैंने श्रृंगार किया और एक सेक्सी सी ब्लाउज पहनी. जिन्दगी में मैंने पहली बार लिपस्टिक लगायी थी. मैं एकदम हिरोईन कॉल गर्ल रंडी बन गयी थी. जब मैं बाहर आई, तो मुझे देख कर मेरे पति बोले – ये क्या है? क्या कहीं जा रही हो? मैं बोली – क्यों क्या? वो आ रहा है ना. दस हज़ार खर्चा करेगा, तो सजना तो पड़ेगा ही ना. मेरा पति मुझे देखता ही रह गया और बोला – अरे, मैंने उसे हाँ कहाँ बोला था? मैं बोली – जब वो मैं १० बजे आता हु, तो तुमने ना नहीं कहा था. इसका मतलब वो हाँ में ही समझेगा. और जरुर आता ही होगा. इतने में दरवाजे पर नोक हुआ. मैं बोली – अब दरवाजा तो खोलो, या वो भी मुझे ही खोलना पड़ेगा. जैसे ही मेरे पति ने दरवाजा खोला, तो सामने वो पठान ही खड़ा था. गोरा – गोरा लाल – लाल ७ फिट का लम्बा – चौड़ा सऊदी अरब का था. मेरे पति तो उसे देख कर ही ठन्डे पड़ गये और वो मुझे देखते हुए अन्दर आ गया. मैंने पठान को अपनी भाषा में बोला – कोई देख लेगा, दरवाजा बंद कर दो. पति जैसे ही दरवाजा बंद करने लगे, वो मुझे हग करने के लिए आगे बढ़ा और मुझे बेडरूम में ले गया और बोला – माशा अल्लाह.. क्या खुबसूरत आपको बनाया है और दबाने लगा. मैं अन्दर से चरमसीमा तक महसूस कर रही थी.उसने मेरी पप्पी ली. मैं जैसे के तैसे उससे अलग हुई और बोली – आप दोनों बैठिये. मैं आपके लिए शरबत लाती हु. मैं शराब ले आई और उसने मेरा हाथ पकड़ कर बगल में बिठाया और मेरे कंधे पर हाथ रख कर बोला – खुदा आप पर मेहरबान है. कभी इसे लेके आओ अबुदाबी. मेरा पति तो चुपचाप बैठा था. मैं बोली – लीजिये शरबत. उसने मुझे खीचा और बोला – मैं तो ये शराब पीने आया हु. उसने अपना एक हाथ मेरे बूब्स पर रख दिया और दबाने लगा और मुझे किस करने लगा. उसने मेरे ब्लाउज में हाथ डाल दिया और मेरे बूब्स को बेरहमी से मसल रहा था. मैं तो अन्दर से पागल हुए जा रही थी. मैंने शराब का गिलास आगे बढाया, तो उसने एक ही बार में गिलास खाली कर दिया और मुझे अपने पास खीचकर मेरे होठो को अपने होठो में दबा लिया. वो मुझे मस्त रगड़ रहा था. उसने मेरे बूब्स को मेरे ब्लाउज से बाहर निकाल लिया था और उनको जोर – जोर दबा रहा था. मेरे पति सामने ही बैठे थे और फिर वो गिलास रखने के बहाने अन्दर चले गये. फिर उसने मेरे ब्लाउज के सारे हुक खोल दिए और मेरे बूब को अपने मुह में लेकर चुसना शुरू कर दिया. मेरे पति जब बाहर आये, तो उसका मोटा पंजा मेरे बूब्स को दबा रहा था और हम दोनों एक दुसरे को देख रहे थे.
इसने पति को बोला – सिगरेट है? पति बोला – नही है. वो बोला – लेके आओ ना. मैं पति को देखने लगी. पति ने पूछा कौन सा. फिर उसने एक ब्रांड का नाम बता दिया. पति बोला – ये सिगरेट यहाँ आसपास नहीं मिलती है. बाज़ार जाना होगा. उसने जेब से ५०० का नोट निकाला और बोला – जाओ, बाज़ार ले लाओ. तब तक हम प्यार करते है. पति बोला – ठीक है. पैसे है मेरे पास. और जाने की तैयारी करने लगा. इतने में उसने मेरा ब्लाउज निकाला और बूब्स चूसने लगा. पति ये सब देखते हुए चला गया. जैसे ही पति चला गया, मैंने अपने दोनों हाथो से अपने बूब्स को पकड़ा और उसके मुह में ठुसने लगी. वो मेरी जांघो पर हाथ घुमा रहा था आहाहाह अहहहः आआआ.. उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने पायजामे के ऊपर लंड पर हाथ दबाया. मैंने पायजामे के ऊपर से लंड मुठ्ठी में पकड़ लिया. हाई… क्या मोटा लंड था. मेरे मुह में तो बस पानी ही आने लगा था. मैं मन ही मन में उसको अब मुह में लेकर चुसना चाहती थी. आहाहाहा अहहहः.. अब वो मुह में मुह डालकर किस करने लगा और मेरी साड़ी खीचने लगा. मैंने भी नीचे हाथ डालकर पेटीकोट का नाडा खोल दिया. उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मुझे पूरा नंगा कर दिया. फिर वो नीचे बैठ गया और मैं सोफे पर. उसने मेरे पैरो को फेलाया और चूत में मुह लगा दिया. आआआ आआआ … उसकी जीभ क्या मस्त थी. मैं तो उसकी जीभ के लगते ही उछल पड़ी. अहहाह अहहहः अहहहहः मस्ती भरी आहे मेरे मुह से अब निकलने लगी थी. मैंने उसके दोनों हाथ अपने बूब्स पर रख दिए और वो उनको मस्ती में दबोचने लगा और मैं उसका लौड़ा दबा रही थी.अब वो खड़ा हुआ और उसने अपना तना हुआ लौड़ा मेरे होठो पर लगा दिया. फिर उसने अपना पायजामा और अंडरवियर उतार दिया और उसका मोटा गोरा लौड़ा देख कर, मेरे मुह से चीख निकल गयी – हाई रे, इतना मोटा लंड है आपका! इसको तो चार हाथ लगंगे पकड़ने को. गधे जैसे मोटा लम्बा और घोड़े जैसा सख्त खड़ा. वो पूरा नंगा हो गया और उसका सारा शरीर चाटने को मन कर रहा था मेरा. वो लंड मेरे मुह पर मारने लगा. मैं उतावली हुई जा रही थी लंड मुह में ले को. उसके लंड की स्मेल मदहोश कर देने वाली थी. आखिर मैंने लंड को पकड़ कर मुह में ले लिया और चूसने लगी. उसका लंड मेरे मुह से बाहर आ रहा था. उसने मेरे बालो को पकड़ा और अपने लंड को जोर – जोर से अन्दर ठुसने लगा. उसका लंड मेरे गले तक जा रहा था. मैं भी कुछ कम नहीं थी, पूरा मज़ा उठाना चाहती थी. फिर उसने मुझे लेटा दिया और मेरी चूत को चाटने लगा.मेरे पैर अपने कंधो पर रख लिए और लंड चूत रखा. मैं उसे देखने लगी और इतने में, मैं चिल्लाई आआआआआआअ आआआआआआ ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह्ह्हह आआइऐऐऐऐऐ म्मम्मम्मम्म hhhhhhhhhhhh आअहहहैईईईई मर गयी…. अहहहहः अहहहहः और वो झटका देता रहा.. एक एक सील तोड़ कर उसने अपना लंड मेरे गर्भाशय को टक्कर मार रहा था.
मेरी जीभ निकल गयी थी और मैं चिल्ला रही थी. अब लंड पूरा अन्दर तक घुस गया था. फिर वो खीच – खीच कर धक्का मार रहा था. वो खड़ा था और मैं आधी बैठी हुई थी. वो मेरे बूब्स पर हाथ दबाते हुए कस कस कर शॉट मार रहा था. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. दर्द तो बहुत हो रहा था, लेकिन मज़ा भी बहुत ज्यादा आ रहा था. मेरा दिल उस दर्द को सहन करके खुश था और मैं मन ही मन बोल रही थी.. कोई बात नहीं.. फाड़ दे मेरी चूत… फाड़ दे पूरी की पूरी.. अहहहः अहहहः अहह्ह्ह्ह ऊऊउगुगुगू ऊऊफ़ुफ़ुफ़ूउफ़्फ़्फ़्फ़.. अआव्व्व्व आआआअ शेख साहब.. सेख्ह्ह्हह्ह्ह्ह साब्ब्बब्ब्ब्बब्ब्ब.. मैं ये सब बोलकर चिल्ला रही थी. वो पूछने लगा, अच्छा लग रहा है? और कस कर मारू? मैंने उसको अपनी मुंडी हिलाकर हाँ में जवाब दिया और बोला – हाँ, हाँ मारो… कितने भी जोर से मारो… मैं तेरी ही हु.. और शेख दनादन मुझे चोदे जा रहा था. मैंने अपनी गांड को उछाल रही थी और मस्ती में उसके लंड को पूरा अन्दर ले रही थी. अहहः अहहहः अहहः चीईईईईईईइर्र र्र्र्रर्र्र्र र्रर्रर्रर र्र्रर्र्र्रर्र्र र्र्र्रर्र्र्र मेरी चूत में से आवाज़ आने लगी थी. उसका अब छुट गया था और उसने अपने गरम लावे से मेरी चूत को पूरा भर दिया था. अब मेरा पति भी वापस आया गया. हम दोनों तो एक दुसरे को चूमने में बीजी थे, तो उसको देखा नहीं. वो खासने लगा.अब मुझे मालूम हो गया, कि मेरा पति आ गया है. लेकिन मैं अभी भी जान बुझ कर उसकी चूमती रही और उससे लिपटी रही. मैंने उससे अपने को दबाने को बोलती रही. वो भी मुझे चूमता रहा और मेरे मम्मो को दबाता रहा. आखिर में हम खड़े हुए.
मैंने पति को बोला – कब आये तुम? साले आवाज़ तो दे देते. कुछ अक्ल है के नहीं तुझे. उसका माल से भरा हुआ लंड मैं अपने पति के सामने पूछने लगी. अब वो भी मेरे पास बैठा और कंधो पर हाथ रख कर पति को बोला – क्या माल रखा है तुमने. इसे तो ऐसे ही लंड चाहिए. और मुझे देख कर बोला – क्यों? मैं शर्मायी और मुझसे पूछने लगा – अच्छा लगा ना. मैं बोली – हाँ. उसने मेरे पति को बोला – मस्त है यार तेरी बीवी. और भी चुदवाना चाहती है और मुझसे पूछा – क्यों? मैं चुप रही और वो पति के सामने बार – बार पूछता रहा. मैं बोली – यहाँ नहीं. बेडरूम में चलते है. उसने तुरंत अपनी बाहों में भर लिया और मुझे उठाकर बेडरूम में चला गया. मेरे पति ने कहा – सिगरेट तो ले लो. मैंने अपने बेशर्म पति से कहा – कुछ नहीं चाहिए उसे चूत के सिवा. तू बाहर बैठ. अगर हम बाहर आ जाए, तो तू किचन में चले जाना. उसका कोई भरोसा नहीं. वो मुझे घर भर में कुतिया बना कर चोदने वाला है. देखा है ना उसका लंड… वो मुझे रात भर से पहले नहीं छोड़ेगा.तुम डरो मत. मैं भी कम नहीं हु. मुझे कुछ नहीं होगा. तू किचन में सो जा और इतने में शेख ने मुझे खीच लिया बेडरूम में. मैं बेडरूम में गयी और रात भर वो मुझे चोदता रहा. कभी खड़े – खड़े, कभी पीछे से, कभी गोद में उठा कर और कभी कुतिया बनाकर. फिर वो पूरी रात चोदने के बाद सुबह चले गया करीब दस बजे. मेरे पति मेरे पास आये और बोले मैं ऑफिस जा रहा हु. उसने कितने पैसे दिए? मेरे पति ने पूछा? मैं बोली – मुझे तो कुछ नहीं दिया, तेरे साथ सौदा हुआ था. तूने पैसे लिए बैगेर उसे मुझे चोदने दिया. अरे साले.. उसने तुझे बेफ्कुफ़ बनाया. पूरी रात मलाई तो खा गया, वो भी बिना कुछ दिए. मैंने उसको कहा – जा भाग कर गेस्ट हाउस जा. शायद मिल जाए. मेरा पति जब पंहुचा, तो शेख वहां से निकल चूका था. मैं मन ही मन में बोली – लाख रुपये दे कर भी मुझे ऐसे लंड नहीं मिलता. जो हुआ अच्छा हुआ. मैं अब रोज पति को बोलती.. देख साले… उसने मुझे किस तरह से खीच कर चोदा और मैं चिल्लाती रही आआअ आआअ.. कहानी पढ़ने के बाद, अपने विचार जरुर लिखना…