हाय दोस्तों, मेरा नाम रोहित है। मैं बीए कर रहा हूं। मेरी उमर बीस वर्ष की है। मैं इन्दौर में रहता हू। मैं आपको मेरी पहली सेक्स कहानी सुनाने जा रहा हूं। मेरे घर के पास संध्या नाम की लड़की रहती थी, वो सिर्फ़ 18 वर्ष की थी। मेरी एक गर्ल फ़्रेण्ड थी उसका नाम कनिका था। संध्या को मेरे और कनिका के सेक्स सम्बन्ध के बारे पता था।
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जब मैं कनिका को कहीं ले जाता था तो ये बात संध्या के अलावा कोई नही जानता था। क्योंकि मैं संध्या के घर से ही कनिका को फोन किया करता था। कनिका और संध्या अच्छी सहैलियों की तरह बाते करते थे। कनिका, मेरे और उसके के बीच हुये सेक्स के बारे मे संध्या को बता दिया करती थी। कनिका को ये नही नही पता था कि उसके द्वारा सेक्स के बातें बता देने से संध्या के मन मे भी चुदाने की इच्छा जागृत हो गयी थी। वो मेरे घर आकर मुझे पूछती कि कि रोहित भैया कल आपने कनिका के साथ क्या क्या किया। मैं उससे बोलता तुझे क्या काम है और टाल देता था। वो मेरी देख कर शरमा कर चली जाती थी।
जब मैने कनिका से संध्या के बारे मे पूछा तो उसने बताया कि वो मेरे और उसकी चुदायी की सारी बातें संध्या को बता देती थी। मै अब सब कुछ समझ गया था।
एक दिन जब मैं आपने घर में काम कर रहा था। तो संध्या मेरे पास आई और मुझसे बाते करने लगी। मैंने उसको कहा कि तू अभी जा थोड़ी देर से आना मुझे कुछ काम करना है। मगर वो नहीं मानी। मैने थोड़ी देर तक कहता रहा फिर वो चली गयी। मेरी मम्मी को बाज़ार जाना था। तो मम्मी ने मुझसे कहा कि वो थोड़ी देर में वापिस आ जायेगी तुझे चाय पीनी हो तो संध्या को बोल देना वो बना देगी। मैने कहा कि ठीक है। मम्मी के जाने के ठीक बाद संध्या फिर से मेरे यहां आ गयी और मुझे परेशान करने लगी। मैं आज अपना काम नहीं कर पा रहा था। इतने में संध्या मेरे हाथ से पेन छीन कर मेरे कमरे मे भागने लगी। मैं उसे पकड़ने के लिये खड़ा हुआ और झपट कर मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया। जब मैंने उसको पकड़ा तो मेरे हाथ उसकी चूंचियों पर आ गये थे। वो बहुत ही नरम थे, और छोटे छोटे ही थे। मेरे हाथों से उसके कोमल स्तन दब से गये थे। मेरा लण्ड उसकी गाण्ड पर था। उसकी चूतड़ की गोलाईययों ने मेरे लण्ड को छू कर उसमे आग सी लगा थी। थोड़ी देर तक पकड़ने के बाद उसने मुझे मेरा पेन वापस दे दिया। मैं अब पेन नहीं लेना चाहता था, मजा जो आ रहा था। पर मुझे छोड़ना ही पड़ा। मैने उसको कहा कि मेरे लिये चाय बना दे। उसने कहा – ‘ठीक है भैया’ और वो चाय बनाने के लिये चली गयी। में थोड़ी देर तक सोचता रहा कि अब क्या करु। मगर अब मुझसे बिना सेक्स करे बिना नहीं रहा जा रहा था। मै धीरे से उसके पास किचन में गया। और उसके पीछे जा कर खड़ा हो कर चिपक सा गया । और कहने लगा कि क्या अभी तक चाय नहीं बनी। मेरे स्पर्श से वो लहरा सी गयी। फिर मैं उसके पीछे से हट गया। क्योंकि वो समझ गयी थी। वो मुझसे कहने लगी।
भैया दूर रहो, करण्ट सा लगता है’
‘मैं भी समझ गया गया था कि वो क्या कह रही है। उसने मुझे चाय दी। और कहा ‘भैया में जा रही हूं घर।’
मैने कहा – कहा रुक ना चाय तो पीने दे उसके बाद चली जाना।
उसने कहा ठीक है, पी लो। में उसे अपने कमरे मे ले गया। वो मेरे कमरे में एक कोने में चुप चाप खड़ी हो गयी। मैंने सोचा कि अब क्या किया जाये। मेंने उससे जान कर कनिका की बात को छेड़ा। मैंने उससे पूछा कि
“तेरी कनिका से कोई बात हुई है क्या”
उसने कहा कि “नहीं”।
फिर मैंने उसको कहा कि ‘तू कनिका को फोन कर के यहां बुला ले।’
उसने कहा – ‘क्यों, यहां क्यू बुला रहै हो भैया।’
मैंने कहा कि ‘मम्मी नहीं है ना इसीलिये।’
उसने कहा – ठीक है। वो बोली – में फोन कर के आती हूं।
मैने कहा – रुक।
मेरे यह कहने से वो रुक गयी और कहने लगी कि क्या कह रहे हो भैया।
मैंने उससे पूछा कि कनिका तुझे क्या क्या बताती है।
तो उसने कहा कि कुछ नहीं। में समझ गया कि यह अब डर रही है मुझसे बोलने में।
मैंने कहा कि ‘सध्या मेरे पास तो आ।’
वो बोली कि क्यू
मैंने कहा – आ तो सही। वो धीरे से मेरे पास आई। मैंने उसको बेड पर बैठाया और कहा कि संध्या तुझे सब पता है ना मेरे और कनिका के सेक्स के बारे में।
तो वह कहने लगी कि भैया मुझे कुछ नहीं पता है कसम से। वो उस समय डर गयी थी।
फिर मेंने कहा कि कोई बात नहीं। तुझे हमारी बाते जानना हो तो मुझसे पूछ लिया कर मगर कनिका से मत पूछा कर। तो उसने तुरन्त पूछा “क्यूं” मैने कहा कि कहीं कनिका ने तेरी मम्मी से कह दिया तो। उसने धारे से हां की। उसके बाद मैंने उससे पूछा कि तुझे जानना है क्या अभी बता।
तो उसने धारे से आपने मुह को नहीं में हिलाया। फिर भी मैंने उसको बात बताना शुरु कर दिया। थोड़ी देर तक तो वो ना ना कर रही थी उसके बाद वो गौर से सुनने लगी। मैंने उसको एक बात तो पूरी बता दी। उसके बाद उसने मुझसे कहा कि भैया कोई और दिन कि बात सुनाओ ना।
जब मैंने उससे कहा कि में अब सुनाऊंगा नहीं बल्कि करके बताऊंगा।
‘नही ना, हटो नहीं ‘।
‘करके बताना चाहता हूं। उसमें अधिक मजा आता है’
वो एक दम से खड़ी हो गयी। मेंने उसको आगे से पकड़ लिया और उसके होठों की किस लेने लगा। वहो मुझसे छूटने की पूरी पूरी कोशिश कर रही थी। मगर मैंने उसको छोड़ा नहीं। थोड़ी देर के बद मैंने उसको कहा
‘बेड पर लेट जा’
मगर वो बोली कि ‘मैं चिल्ला दूंगी। भैया मुझसे छोड़ो’
मैंने कहा कि ‘ठीक है तू चिल्ला’ मैंने उसको अपने हाथों में उठाया और बेड पर लेटा दिया और उसके उपर लेट गया। मैंने उसके दोनों हाथो को पकड़ लिया और उसको चूमने लगा। थोड़ी देर तक तो वो ना ना करती रही। फिर मैने अपने एक ही हाथ से उसके दोनो हाथ पकड़ लिये। और एक हाथ से उसके सलवार का नाड़ा खोल लिया। वो नहीं नहीं कर रही थी। फिर मेंने उसके सलवार में हाथ डाल कर उसकी चूत को सहलाने लगा। थोड़ी देर तक यह करने के बाद वो भी गरम होने लगी। मेंने फिर उसके हाथ को छोड़ दिया और उसके बाद में समझ गया कि अब यह भी गरम हो गयी है।
फिर मैंने उसकी कुरती उतार दी और उसके साथ उसकी शमीज भी उतार दी मै उसके स्तन को सहलाने लगा और उसकी चूत को भी सहलाने लगा। मुझे पता था कि यह पहली बार सेक्स कर रही है। उसके मुह से ह्हह्हह्हह्ह…।ह्हह्हह्हह्हह………ह्हह्हह्ह। कि आवाज आ रही थी। मैंने उसको कहा कि मैं कनिका के साथ भी यही करता हूं। तो उसने आपनी बन्द आखे खोली और कहा कि उसके बाद क्या करते हो। मैं समझ गया था कि यह अब पूरी गरम हो गयी है। मैने उसके पूरे कपड़े उतार दिये। अब वह मेरे सामने पूरी नंगी थी। मैने भी फिर अपने कपड़े उतारे और तेल की शीशी ले कर आया। मैने मेरे लण्ड पर तेल लगाया जो कि 7 इन्च का है। उसके बाद उसकी चूत पर तेल लगाया। मैंने उससे कहा कि क्या मैं अपना लण्ड डालू तो उसने कहा कि डाल दो ना भैया। मैने जैसे ही अपना लण्ड थोड़ा सा उसकी चूत में दबाया तो वह जोर से चिल्ला दी। ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ म्मम्मम्मम्मम आआआआआआआअ…… यीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईए नहीईईईईईईउईईईईई…………………… …भैयाआआआआअ……………………निकालो।
मैने अपना लण्ड निकाला और कहा कि थोड़ा तो दर्द होगा। तू इतनी ज़ोर से मत चिल्लाना।
उसने कहा ठीक है मगर भैया थोड़ा धीरे धीरे डालना।
मैने फिर से अपना लण्ड उसकी चूत में डाला। तो वह फिर से चिल्लाई मैंने अपना मुंह उसके मुंह में रख दिया और उसके मुह को चूसने लगा। थोड़ी देर के बाद उसका चिल्लाना कम हुआ। फिर मैने आपनी कमर को थोड़ा पीछे कर के ज़ोर से एक झटका दिया और आपना पूरा लण्ड उसकी चूत में डाल दिया। उसके बाद वह तो समझो मर ही गयी थी। इतनी ज़ोर से चिल्लाई । मम्मयययययययययय………।। नहीईईईईईईईईईईईईईईईईई………। भैअयाआआआआआआआआआआआआआआआआअ निकालो ऊऊऊ ऊऊऊऊऊऊऊऊ…… फिर मैंने उसका मुह से अपना मुह लगा। लिया और वो ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी। उसकी चूत में से खून आने लग गया और वह पागल सी हो गयी।
मैने उसके चिल्लाने पर भी उसे चोदना नहीं छोड़ा और चोदते ही चला गया। थोड़ी देर के बाद मेरे लण्ड से सफ़ेद गाड्गा सा वीर्य निकल गया। जो मैने बाहर निकाल दिया। और उसके ऊपर ही थोड़ी देर लेटा रहा। मेरे लण्ड को उसकी चूत में से बाहर निकालने बाद ही उसने शान्ती की सांस ली और कहा कि भैया अब मैं आपसे कभी नहीं चुदवाऊंगी। में उससे कहा कि तू आपना खून साफ़ कर ले और कपड़े पहन ले। मैंने भी अपने कपड़े पहन लिये और उसके बाद अपना काम करने लगा गया। थोड़ी देर के बाद वह कमरे में से बाहर आई और कहा कि
‘भैया मैं जा रही हूं। मैंने कहा कि ठीक है, अब कब आयेगी। तो उसने कहा कि जब समय मिलेगा। आज भी में उसको जब भी मौका मिलता है तो चोदता रहता हूं। अब वो भी चुदायी का पूरा मजा लेती है।