मैं ज्योति.. उम्र 26 साल.. मेरी शादी के 2 साल हो गए हैं मेरे पति आर्मी में जॉब करते हैं। मेरे घर में मेरी सास और ससुर हैं। एक देवर रवि है.. उसकी उम्र 20 साल है.. वो पढ़ाई करता है।
मेरे पति 6-7 महीने में आते हैं.. तो मुझे खूब चोदते हैं लेकिन उनके जाने के बाद मैं तड़फती रहती हूँ.. कभी उंगली से काम चलाती हूँ.. तो कभी मूली से.. पर मन नहीं भरता है।
मेरे पति के जाने के एक महीना बाद एक दिन मैं सोई हुई थी.. बाथरूम जाने के लिए उठी.. तो कुछ आवाज सुनाई दी। यह आवाज देवर के कमरे से आ रही थी।
मैं झाँक कर देखने लगी.. तो दंग रह गई.. वो अपना लण्ड हाथ में लेकर खूब तेज़ी से ऊपर-नीचे कर रहा था और मुँह से ‘आह उह..’ की आवाज निकाल रहा था।
जब मैंने उसका लण्ड देखा.. तो हैरान रह गई.. उसका लवड़ा काफ़ी मोटा और लंबा था। मैं सोचने लगी.. इसका लण्ड इतना मोटा कैसे हो सकता है.. बाप रे.. लग रहा था किसी जानवर का होगा।
उसका लण्ड देख कर मेरी चूत में गुदगुदी होने लगी और मैं अपनी चूत सहलाने लगी। कुछ देर बाद उसके लण्ड ने पानी छोड़ दिया।
मैं झट से बाथरूम में घुस गई और पेशाब करके चुपचाप से अपने कमरे में आ गई। अब मैं मोमबत्ती लेकर अपनी चूत में आगे-पीछे करने लगी और रवि का नाम लेकर सोचने लगी कि रवि ही मुझे चोद रहा है। करीब 20 मिनट तक चूत में मोमबत्ती करने के बाद मेरी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया, उतना पानी मैंने आज तक नहीं छोड़ा था।
फिर मैं सो गई.. उस दिन नींद भी बहुत अच्छी आई।
अगले दिन जब सो कर उठी तो देवर के कमरे में झाड़ू लगाने गई। उस वक्त वो सोया हुआ था.. पर उसका लण्ड अभी भी पजामे में तना हुआ था।
एक बार तो मैंने सोचा कि हाथ में पकड़ लूँ.. पर नहीं… मुण्डी हिलाते हुए मैं बाहर आ गई।
ऐसे ही कई दिन बीत गए.. मैं सोचने लगी कि इससे कैसे चुदाऊँ.. अब मैं उससे थोड़ा बहुत मज़ाक करने लगी ताकि वो भी मेरे साथ खुल जाए। मैं उसे रिझाने के लिए अपने मम्मों का जलवा दिखाती रहती थी..
एक दिन वो मेरे मम्मों को देख रहा था।
मैंने उसक ऐसा करते हुए देख लिया तो मैंने उससे पूछा- क्या देख रहे हो..?
वो सकपका गया पर बोला कुछ नहीं.. मैं बोली- मुझे पता है.. तुम क्या देख रहे हो.. अभी मैं मम्मी से बोल कर तुम्हारी हरकत बताती हूँ.. अब तुम्हारी शादी करनी पड़ेगी।
वो बोला- अरे भाभी अभी तो मैं छोटा हूँ..
मैं बोली- हाँ मुझे पता है.. तुम कितने छोटे हो.. रात होते ही सयानों वाले कारनामे करते हो..
वो एकदम से शर्मा गया और नज़रें नीची करके बोला- क्या भाभी?
तभी मम्मी आ गईं और बोलने लगीं- तुम लोग गॅपशप ही करते रहोगे कि कुछ काम भी करोगे?
मैं बोली- मम्मी काम की ही बात कर रही हूँ.. सोच रही हूँ कि रवि की शादी करा दूँ।
मम्मी हँस कर बोलीं- पहले उसे पढ़ाई तो पूरी करने दो फिर सोचेंगे..
हम लोग रात में खाना ख़ाकर सो गए। अगले दिन मम्मी और पापा नाना के यहाँ जाने वाले थे, नानी की तबियत खराब थी।
मैं बहुत खुश हुई कि अब 4-5 दिन मौका मिलेगा.. इससे ज़रूर चुदवाऊँगी। सब लोग 12 बजे की ट्रेन से चले गए देवर उन सभी को स्टेशन छोड़ कर आ गया।
फिर रात को हम लोग खाना ख़ाकर बैठ कर टीवी देख रही थी। मैंने साड़ी पहनी हुई थी.. सो मैंने रवि को रिझाने के लिए अपनी साड़ी का पल्लू ब्लाउज से नीचे कर दिया.. ताकि वो मेरे मम्मों को देख सके।
तभी उसने चैनल चेंज किया और ‘सावधान इंडिया’ लगा दिया.. जिसमें देवर और भाभी का चक्कर वाला एपिसोड आ रहा था।
उसे देखते हुए उसने बोला- कैसी औरत है..
मैं बोली- इसमें क्या हुआ.. उसका पति कुछ नहीं करता है.. तो वो क्या करेगी?
तो वो बोला- भैया भी तो बहुत दिन बाद आते हैं.. तो आप कैसे रहती हो?
मैं बोली- मैं ही जानती हूँ.. कैसे रहती हूँ.. यदि इस बार मुझे साथ नहीं ले जाएँगे.. तब देखना मैं भी ऐसे ही करूँगी।
वो झट से बोल पड़ा- भाभी किसके साथ?
मैं बोली- क्यों.. क्या तुम नहीं हो?
वो बोला- सच भाभी..
वो आकर मेरे पास बैठ कर टीवी देखने लगा.. अचानक उसने मेरे मम्मों को दबा दिया।
मैं बोली- ओह्ह.. क्या कर रहे हो?
वो बोला- भाभी एक बार ठीक से चूसने दीजिए ना..
मैं बोली- नहीं..
तो वो बोला- अभी तो आप बोल रही थीं..
वो मेरा चूचा दबाने लगा।
मुझे भी अच्छा लगने लगा और मैं भी उसका साथ देने लगी।
फिर थोड़ी देर बाद वो बोला- कमरे में चलते हैं।
फिर हम दोनों बेडरूम में आ गए.. आते ही उसने मेरी साड़ी खोल दी और ब्लाउज के ऊपर से मेरी भरी पूरी चूचियों को दबाने लगा। फिर उसने मेरा ब्लाउज फाड़ दिया.. पेटीकोट का नाड़ा भी खोल दिया।
अब मैं उसके सामने काली ब्रा और पैन्टी में खड़ी थी.. वो मेरे पूरे बदन पर किस कर रहा था। मैं उसके पैंट पर से ही उसका 8 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा लण्ड को दबा रही थी.. जो कि लोहे की रॉड की तरह तरह अकड़ गया था। फिर उसने मेरी पैन्टी और ब्रा को भी खोल दिया और बिस्तर पर गिरा कर किस करने लगा। अब वो अपनी एक उंगली मेरी चूत में डाल कर आगे-पीछे करने लगा।
मैंने टाँगें चौड़ी कर दीं और ‘उफ़.. अहहा..’ करने लगी। फिर उसने अपने कपड़े उतार दिए और पूरा नंगा हो गया।
मैं उसका लंड अपने हाथ में लेकर दबाने लगी.. फिर मैं उससे बोली- अब मेरी चूत चोद.. तड़फा मत..
उसने ढेर सारा थूक अपने लण्ड पर लगाया और मेरी चूत पर सैट किया।
मुझे किस करने लगा.. मैंने चुदासी होते हुए अपनी कमर को थोड़ा सा ऊपर किया तो एक ही बार में उसने अपना लौड़ा पूरा अन्दर पेल दिया।
उसका लण्ड मेरी चूत को चीरते हुए मेरी चूत में समा गया.. मुझे काफ़ी तकलीफ़ हुई.. मैं रोने लगी.. पर उसने अपने मुँह से मेरा मुँह बंद कर रखा था.. इसीलिए मेरी आवाज नहीं निकल सकी।
फिर वो कुछ देर ऐसे ही लण्ड डाल कर रुका रहा.. फिर जब मैंने लण्ड को ठीक से चूत में ले लिया और अपनी कमर हिलाई.. तो वो समझ गया कि दर्द कम हो गया है।
फिर उसने ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए.. पंद्रह मिनट तक धकापेल चोदने के बाद उसने मुझे घोड़ी बना कर चोदा।
मैं उसकी चुदाई से अब तक दो बार झड़ चुकी थी।
काफ़ी देर तक तक हचक कर चोदने के बाद वो बोला- मैं झड़ने वाला हूँ.. तब तक मैं दो बार झड़ चुकी थी.. सो मैं बोली- अन्दर ही छोड़ दो..।
फिर वो मुझे सीधा लिटा कर मेरी चूत को चोदने लगा और 4-5 धक्कों के बाद झड़ गया।
उसके गर्म बीज की वजह से मैं भी एक बार और झड़ गई।
दोनों का माल निकल गया और हम दोनों एक-दूसरे से चिपके पड़े रहे। फिर कुछ देर बाद हम एक-दूसरे से अलग हुए और बाथरूम में जाकर साफ किया।
उस रात हम दोनों एक साथ सोए और उसने पूरी रात में मुझे 4 बार चोदा।
मैं इतना थक गई थी कि पूछो मत..
फिर हम दोनों ने 5 दिन तक खूब चुदाई की।
फिर जब मम्मी-पापा आ गए.. तो हम दोनों को जब भी मौका मिलता है.. मैं उससे चुदवा लेती हूँ।
उसका लवड़ा मेरी चूत की खुजली खूब मिटाता है।