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]]> हेल्लो दोस्तों, मैं भारती गुलाटी आप सभी का नॉन वेज स्टोरी में बहुत बहुत स्वागत करती हूँ। मैं पिछले कई सालों से नॉन वेज स्टोरी की नियमित पाठिका रहीं हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती तब मैं इसकी रसीली सील तोड़ी चुदाई कहानियाँ नही पढ़ती हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रही हूँ। मैं उम्मीद करती हूँ कि यह कहानी पापा के दोस्त ने सील तोड़ी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी।मेरी स्टोरी बहुत ही सेक्सी है। कुछ महीने पहले मेरे घर के बगल एक नया परिवार आकर रहने लगा था। वो लोग बहुत अच्छे थे। वो पति पत्नी साथ में रहते थे और उनके अभी कोई बच्चा नही हुआ था। उनका नाम विवेक और आरती था। वो लोग दिल्ली के रहने वाले थे पर अभी हम लोगो के आगरा शहर में आकर बस गये थे। विवेक एक उम्र दराज आदमी था और आगरे के मशहूर होटल ओबेराए अमर विलास में एक्सेक्यूटिव शेफ था। मेरे पापा खाने पीने के बहुत शौक़ीन आदमी थे। हमारे पड़ोसी विवेक और आरती अक्सर हमारे परिवार को डिनर पर बुलाते थे। धीरे धीरे विवेक और आरती से मेरे घर वालो की खासकर पापा से अच्छी दोस्ती हो गयी। कुछ दी दिनों में विवेक मेरे पापा का अच्छा दोस्त बन गया।
वो मेरे घर आने लगा और कई बार उसने हम लोगो के लिए तरह तरह की डिस बनाई। जब भी विवेक मेरे घर आता तो मेरा हाल चाल जरुर पूछता। धीरे धीरे वो मुझे और मैं उसे पसंद करने लगी। कुछ दिन बाद मेरे पापा का जन्मदिन था। पापा ने अपने सबसे अच्छे दोस्त विवेक और आरती को बुलाया और अन्य महमानों को भी बुलाया। शाम को केक कटने के बाद सब लोग मजे करने लगे। विवेक की वाईफ आरती मेरी माँ से बात करने लगी। कुछ देर में ड्रिंक शुरू हो गये और अपने जन्मदिन पर मेरे पापा से बहुत शराब पी ली और नशे में धुत हो गये। मेरे पापा का सबसे ख़ास दोस्त विवेक मुझसे बात करने लगा। वो मेरे लिए भी वाइन ले आया।
“लो भारती!!…पियो!” पापा का दोस्त विवेक बोला
“…..नही मैं शराब नही पीती हूँ” मैंने कहा
“अरे चलो भी ये वाइन है। ये शराब थोड़े ही नही है….लो पियो!” विवेक बोला। उसके बहुत जोर देने पर मैंने वाइन पी ली और धीरे धीरे हम दोनों काफी वाइन पी गयी। हम दोनों खामोश थे और एक दुसरे को ताक रहे थे।
“आई लव यू भारती!!” इतने में मेरे पापा का खास दोस्त विवेक बोला
मैंने भी उसे आई लव यू बोल दिया। हम किस करने लगे। मेरी उम्र सिर्फ १९ साल थी। आज तक मैं किसी भी लड़के से चुदी नही थी। लगता है वाइन मुझे काफी चढ़ गयी थी। ३० साल की उम्र वाला विवेक मेरे पास आ गया और मुझे कंधों से उसने पकड़ लिया और मेरे होठ पर उसने अपने होठ रख दिए। मुझे भी ये सब अच्छा लग रहा था। मैं भी उसे किस करने लगी। मेरे घर में पार्टी चल रही थी और घर मेहमानों से खचा खच भरा हुआ था। वूफर और साउंड पर तेज हिंदी फ़िल्मी गाने बज रहे थे। मेरी माँ विवेक की वाइफ आरती से बात करने में बिसी थी और मैं इधर विवेक से इश्क लड़ाने में बिसी थी। धीरे धीरे हम एक दूसरे को होठ पर किसने करने लगी।
हमे कोई देखने वाला नही था, क्यूंकि घर में सब तरफ मेहमान ही मेहमान थे। मैं विवेक के दिल की बात समझ गयी थी। वो मुझे चोदना चाहता था। इधर मैं भी उससे प्यार करने लगी थी, इसलिए मैं भी उससे चुदवाने के मूड में थी।
“उपर चले……यहाँ भीड़ बहुत है!!” विवेक बोला
“हाँ….ठीक है!” मैंने कहा
हम दोनों घर की छत पर आ गए। यहाँ पर सन बाथ वाली लम्बी लम्बी बेंचेस पड़ी थी, हम लोग अक्सर शाम को इस पर लेट पर आराम करते थे। मैं और विवेक उस लम्बी सन बाथ वाली बेंचेस पर आ गये और प्यार करने लगे। विवेक ने मुझे कसकर पकड़ लिया और मेरे होठ पीने लगा। मैं भी उससे प्यार करने लगी। मैंने एक मस्त सुनहरे रंग का ब्लाउस और लाल रंग की स्कर्ट पहन रखी थी। धीरे धीरे हम आपस में प्यार करने लगे।
“ओह्ह्ह….भारती!! तुम बहुत खूबसूरत हो….आई लव यू!!” मेरे पापा का सबसे ख़ास दोस्त विवेक बोला और उसने मेरे ब्लाउस पर अपना हाथ रख दिया। मैं बिलकुल जावन माल थी और मेरा जिस्म काफी भरा और गदराया हुआ था। मेरे मम्मे ३६” के थे। विवेक जोर जोर से मेरे ब्लाउस पर हाथ रखकर मेरे दूध दबाने लगा।
“आह…. “आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई…विवेक मुझे तुम बहुत अच्छे लगते हो!!..आई लव यू!!” मैंने भी कह दिया
उसके बाद तो वो तेज तेज मेरे मम्मे दबाने लगा और उसने मुझे सन बाथ वाली लम्बी चेयर पर लिटा दिया और मेरे सिर के नीचे तकिया लगा दी। विवेक मेरे उपर झुक गया और एक बार फिर से मेरे होठ पीने लगा। कुछ देर बाद उसने मेरा ब्लाउस खोल दिया और निकाल दिया, फिर मेरी ब्रा भी उसने निकाल दी। मेरे नर्म नर्म मस्त मस्त चुचे ठीक उसके सामने थे। विवेक मुझ पर लेट गया और मजे से मेरे दूध पीने लगा। मैं मचल गयी और उसके बालो में मैंने अपना हाथ डाल दिया और उँगलियां उसके बालों में फिराने लगी।
“विवेक ……क्या तुम मुझे चोदना चाहते हो???” मैंने भारी पलकों से कहा
“हाँ ….भारती! तुम बहुत सुंदर हो। आज मैं तुमको कसके चोदना चाहता हूँ!” वो बोला और एक बार फिर से नीचे झुक गया और मेरे दूध मजे से पीने लगा। मेरे घर की इस छत पर कोई नही था मेरे और विवेक के सिवा। मेरा घर ४ मंजिला था इसलिए यहाँ छत पर कोई मेहमान नही आने वाला था क्यूंकि पार्टी नीचे ग्राउंड फ्लोर पर चल रही थी। हम दोनों अकेले थे, इसलिए मेरे पापा का सबसे ख़ास दोस्त मुझे आराम से चोद सकता था। विवेक बड़ी अच्छी तरह से मेरी चूचियां पी रहा था। कुछ ही देर में मैं बहुत जादा चुदासी हो गयी थी, मेरी चूत में जैसे आग सी जलने लगी थी। मैं गर्म गर्म आहे भर रही थी। मेरा दांया दूध पीने के बाद विवेक ने मेरा बाया मम्मा मुंह में भर लिया और मजे से चूसने लगा। मैं बार बार “ओह्ह्ह्हह्ह…अई..अई..अई….अई..मम्मी…..” चीख रही थी। मेरी माँ विवेक की वाईफ से नीचे बात करने में मस्त थी। मेरे पापा तो शराब के नशे में टल्ली हो चुके थे और यहाँ उसकी लड़की उनके ही दोस्त से चुदवाने जा रही थी। कुछ देर तक विवेक ने जी भर के मेरे रसीले रबर जैसे मुलायम मम्मे पिए, फिर मेरी स्कर्ट का हुक उसने खोल दिया और शर्ट निकाल दी। विवेक मेरी चूत को काली रंग की पेंटी के उपर से ही चाटने लगा तो मुझे बहुत अच्छा लगा। कुछ देर बाद उसने मेरी काली पेंटी भी निकाल दी और मैं पूरी तरह से नंगी हो गयी। विवेक ने एक एक करके अपनी जींस और सफ़ेद शर्ट निकाल दी और अपना कच्छा उसने निकाल दिया और पूरी तरह से नंगा हो गया।
जहाँ नीचे ग्राउंड फ्लोर में काफी गर्मी थी, वही उपर छत का मौसम बड़ा सुहावना था। ठंडी हवा बड़ा सकून पंहुचा रही थी। विवेक मेरी चूत पर लेट गया और मजे लेकर मेरी बुर चाटने और पीने लगा। मैं सिस्कारियां लेने लगी। पापा का दोस्त मजे से मेरी चूत को पी रहा था। मेरी चूत का दाना काफी उठा हुआ था, विवेक मजे से मेरे चूत के दाने को चाट और चूम रहा था। मेरी चूत का रंग चोकलेटी जैसा था और विवेक मजे से मेरी बुर पीने में मस्त था। वो अपनी निकाल निकालकर मजे से मेरा भोसड़ा पी रहा था। मैं “उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी.. की आवाज निकाल रही थी। इसी बीच विवेक ने अपना मोटा लंड मेरी चूत में डाल दिया। मैंने अपने आप अपने दोनों पैर और जांघे खोल दी और मेरे पापा का सबसे खास दोस्त विवेक ही मुझे चोदने लगा। वो तेज तेज मेरी चूत में लंड देने लगा।
मैं भी मस्ती से चुदवाने लगी। विवेक के चोदने से मेरी बुर के दोनों होठ बार बार खुलते थे और बार बार बंद हो जाते थे। वो मुझे जोर जोर से पेल रहा था। सच में मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। बहुत मजा मिल रहा था। बड़ी नशीली रगड़ थी पापा के दोस्त के लौड़े की। बहुत सुख मुझे मिल रहा था दोस्तों। ३० साल का विवेक हचर हचर करके मेरे जैसे १९ साल की कच्ची कली को चोद रहा था। उसके मोटे से लम्बे लौड़े पर मेरा पूरा शरीर थिरक रहा था और डांस कर रहा था। जैसे लग रहा था वो कोई इंजन मेरी चूत में डाल के चला रहा हो। वो मेरी बुर पर बड़ी मेहनत कर रहा था। वो हच हच करके मुझे चोद रहा था। जैसे वो अपना लौड़ा मेरी बुर में डालता था, लौड़ा हच्च से देता था मैं २ ४ इंच आगे सरक जाती थी। फिर जैसे वो लौड़ा निकलता था मैं २ ४ इंच वापिस पीछे आ जाती थी। वो जोर जोर से हच हच करके मेरी बुर में लौड़ा अंदर बाहर कर रहा था। वो इतनी तेजी से लौड़ा अंदर बाहर कर रहा था बार बार मैं २ ४ इंच आगे और २ ४ इंच पीछे सरक जाती थी। घंटों यही सिलसिला चला।
कुछ देर बाद उसने अपना मॉल मेरी चूत में ही छोड़ दिया। वो मेरे उपर लेट गया और हम दोनों प्यार करने लगे। मेरी चूत में थोड़ा दर्द हो रहा था क्यूंकि मेरे पापा का दोस्त विवेक ने मुझे बहुत तेज तेज ठोंका था।
“तुम्हारा लौड़ा तो बहुत बड़ा है!!…आज तक मैंने कभी इतना मोटा लौड़ा नही खाया!!” मैंने बोली
“तुमको पसंद आया???” विवेक ने पूछा
“हाँ….बहुत!” मैंने कहा
“क्या तुम अपनी बीबी आरती की ठुकाई भी इसी तरह करते हो??” मैंने अपने से ११ साल बड़े विवेक से पूछा
“हाँ…मैं उसे इसी तरह तेज तेज लेता हूँ। मेरी वाइफ आरती को धीमे धक्के पसंद नही है, इसलिए मैं उसे तेज तेज धक्के देकर उसकी चूत लेता हूँ” विवेक बोला
फिर वो मेरी नंगी चूत की तरफ देखने लगा। मेरी बुर उसके लंड के ताबड़तोड़ हलने से पूरी तरह से कुचल गयी थी। जैसे किसी आवारा सांड ने कोई हर भरा खेत अपने पैरों तले कुचल दिया हो। उसने बड़े प्यार से अपनी चूत पर अपने सीधे हाथ की उँगलियाँ रख दी और सहलाने लगा।
“भारती!!…..मेरी जान, क्या अभी भी तुम्हारी चूत में दर्द हो रहा है???” विवेक ने प्यार भरी आवाज में मुस्काकर पूछा
“…हाँ….तुमने मुझे चोदा ही इतनी बेदर्दी से है!!” मैंने रूठकर कहा
उसके बाद वो मेरे गाल पर किस करने लगा और मुझसे प्यार करने लगा। मैं मन ही मन उसकी वाइफ आरती से जलने लगी थी। कितनी किस्मत वाली औरत है विवेक कैसे हट्टे कट्टे आदमी का लम्बा लम्बा लंड रोज खाती होगी। सच में आरती कितनी किस्मत वाली है। मैं सोचने लगी। मेरे घर की इस छत पर मौसम बहुत अच्छा और अनुकूल था। ताज़ी हवा के झोके बार बार आते थे और मुझे और विवेक को आनंदित कर जाते थे। हम दोनों अभी भी नंगे थे, पूरी तरह से नंगे। मेरी मलाईदार चूत के दर्द को कम करने के लिए विवेक मेरी चूत को बार बार सहला रहा था। शाम को चलने वाली ठंडी हवा ने मेरा बाल उड़ रहे थे। विवेक बड़ी देर तक मेरी चूत अपनी उँगलियों से सहलाता रहा, कुछ देर मेरी बुर का दर्द कम हो गया।
अब रात को चुकी थी और ९ बज चुके थे। पर ना ही मेरा और ना ही वेवेक का यहाँ से जाने का मन कर रहा था। विवेक ने एक बार फिर से मेरे दूध पर अपने हाथ रख दिए और हम प्यार करने लगे। उसके जिस्म की खुशबू मुझे बहुत आकर्षित कर रही थी। विवेक एक असली मर्द था।
“विवेक….तुम बहुत हैंडसम हो!!” मैंने कहा तो वो हँसने लगा
“थैंक्स….” इस कॉम्प्लीमेंट के लिए
कुछ देर बाद हम दोनों का फिर से चुदाई का दिल करने लगा।
“मैं तुम्हारा मोटा ८ इंच का लौड़ा चूसूंगी!!” मैंने मुस्काकर कहा
“…..आओ” विवेक बोला
अब वो उस लम्बी सन बात वाली आराम वाली कुर्सी पर लेट गया और मैं उपर आ गयी। मैंने उनके मोटे और रसीले लंड को हाथ में पकड़ लिया और उपर नीचे करके फेटने लगी। मेरे काले घने बाल खुले थे, विवेक मेरे बालो में अपने हाथ फिराने लगा। मैंने उसके लिंग को मुंह में ले लिया और किसी लोलीपॉप की तरह चूसने लगी। सच में वो असली मर्द था। कुछ ही देर में मैं बहुत गर्म हो गयी और जोर जोर से विवेक का लंड चूसने लगी। मैं इस समय उसके साथ जबरदस्त मुख मैथुन कर रही थी, इसमें हम दोनों को मजा आ रहा था। “आआआआअह्हह्हह….” विवेक तेज तेज आवाज निकाल रहा था। हम दोनों मुख मैथुन का आनंद उठा रहे थे। मैंने आजतक ८ इंच का इतना बड़ा लिंग नही देखा था। सच में ये बहुत बड़ा लिंग था।
“भारती!!….मेरी जान…मेरी गोलियां भी चूसो!!” विवेक से फिर कहा
मैंने अपने मुंह से उसका लम्बा लिंग निकाला और फिर उसकी गोलियां मैं चूसने लगी। विवेक का चेहरा बता रहा था की उसको बहुत मजा मिल रहा है। उसका चेहरा ये बात बता रहा था। उनकी आँखे और पलकें काफी भारी हो गयी थी, जैसे उसे नींद आ रही हो। कुछ देर बाद उसने मुझे अपनी कमर पर बिठा लिया और मजे से चोदने लगा। कितनी ताजुब की बात थी की मेरी जरा सी चूत में उसका लंड पूरा अंदर धंस गया था। मैं उछल उछलकर उससे चुदवाने लगी।“……मम्मी…मम्मी….सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” मैं बार बार कह रही थी।
मेरे पापा के ख़ास दोस्त और आरती के पति से मैं चुदवा रही थी। उसके मोटे ताजे लिंग का बड़ा आकार मैं अपनी चूत में साफ साफ़ महसूस कर सकती थी। डॉ लग रहा था की कहीं विवेक का मोटा लंड मेरे गर्भाशय में ना पहुच जाए। मैं अपनी आँखे बंद कर ली और मजे मजे चुदवाने लगी।
“ओह्ह्ह्ह….भारती! तुम कितनी खूबसूरत हो! मैंने तुम्हारे जैसी हसींन लड़की आजतक नही देखी!!” विवेक बोला
उसके हाथ मेरी रसीली मस्त गोल गोल बड़ी बड़ी छातियों पर जा पहुचे और उनको हाथ में भर लिया विवेक ने। मेरे दूध को हल्का हल्का मजा लेते हुए दबाने लगा, फिर मेरी निपल्स को वो अपने अंगूठे और तर्जनी से हल्का हल्का मसलने लगा। नीचे से वो मुझे बड़े प्यार से आराम आराम से चोदने लगा। क्यूंकि कुछ देर पहले उसने मुझे बहुत कसकर चोदा था। इसलिए मेरी दूसरी चुदाई विवेक बिना किसी जल्दबाजी के बहुत आराम से कर रहा था। वो आधे घंटे तक इसी तरह मुझे कमर पर बिठाकर मेरी चूत मारना रहा और मेरी चूचियों की निपल्स को वो अपने अंगूठे और तर्जनी से मसलता रहा। इसी बिच मैं २ बार झड गयी। फिर विवेक ने मेरी चूत में अपना माल गिरा दिया।
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]]> 10957The post मामी की चूत खून से रंग दी appeared first on .
]]> हाय फ्रेंड्स मेंरा नाम अमित है में 23 साल का हूँ और जम्मू से हूँ में आपको अपना अनुभव बता रहा हूँ यह कहानी मेरी मामी के बारे में है जिनका नाम पल्लवी है जो बहुत ही सुन्दर है दोस्तो आप तो जानते ही हो कोई औरत कितनी भी शरीफ क्यों ना हो लेकिन अपनी सेक्स की प्यास बुझाने के लिये वो कुछ भी कर सकती है ऐसा ही कुछ मेरी मामी ने भी किया आओ अब में आपको कहानी के सही पहलू की और ले चलता हूँ यह बात आज से कुछ महीने पहले की है जब मेरे छोटे मामा मामी हमारे घर आये Gaon ki sex story with photo हमसे मिलने दोस्तों में आपको बता दूं की मेरे मामा जी कनाडा में काम करते और वो साल में एक बार ही घर वापस आते हैं उनको ग्रीनकार्ड ना मिलने के कारण वो मामी को साथ नही ले जा सकते है.जब मामा मामी हमारे आये तो सब ने खूब सारी बातें करी और फिर कुछ देर बाद मामा जी मामी को हमारे यहाँ ही छोड़ कर अपने कुछ दोस्तो से मिलने चले गये दोपहर काफ़ी हो चुकी थी और सब आराम कर रहे थे लेकिन में जगा हुआ था और मामी भी मामा जी का इंतज़ार कर रही थी थोड़ी देर बाद मामी मेरे पास आकर बेठ गई और हम एक दूसरे से बातें करने लगे मामा जी की शादी हुये अभी कुछ महीने ही हुये थे और मामा जी अपनी शादी के एक हफ्ते बाद ही कनाडा वापस चले गये थे बातों बातों में मैने मामी से पूछा की आज कल क्या चल रहा है तो मामी कहने लगी क्या चलना है तेरे मामा के पास तो मेरे लिये टाइम ही नही है ना दिन और ख़ास कर रात के लिये तो है ही नही और फिर कुछ दिनो बाद चले जायेगे में फिर रह जाउंगी.
में समझ गया था की मामा मामी से प्यार करने के लिये टाइम नही निकाल पाते और मामी को प्यार की बहुत ज़रूरत है फिर मामी ने मुझे पूछा की तेरी कोई गर्लफ्रेंड है तो मैने कहा हाँ हैं उन्होने कहा उसकी कोई फोटो है तो मैने कहा हाँ मेरे मोबाइल में है और मैने उन्हे अपना मोबाइल दे दिया देखने के लिये जब उन्होने फोटो देखने के बाद मेरे मोबाइल की वीडियो देखी तो उसमे ब्लू मूवी थी.
मामी ने वो चालू कर दी और मुझसे पूछने लगी ये क्या है तो में चुप रह गया फिर उन्होने मुझसे पूछा की क्या तूने अपनी गर्लफ्रेंड के साथ कभी कुछ किया है तो में कुछ नही बोला फिर वो बोलने लगी की शरमाने की कोई ज़रूरत नही है तुम मुझे सब कुछ बता सकते हो में कभी किसी को कुछ नही बताउंगी ये सुनकर मैने भी हिम्मत से बोल दिया की करना तो बहुत कुछ चाहता हूँ लेकिन कभी कुछ कर नही पाया तो मामी कहने लगी एक तुम हो जिसे चान्स नही मिलता और दूसरी में हूँ जिसके पास चान्स तो है लेकिन कोई कुछ करता नही मामी की इन बातों से में समझ गया था की मामी मुझे ओपन इन्विटेशन दे रही है और फिर मामी ने मुझे अपने पास बेठने को बोला और मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगी और मेरी जांघ पर और कहने लगी की हम दोनो की ज़रूरत सेम ही है क्यों ना हम एक दूसरे की मदद करें तो मैने कहा कैसे तो कहा किसी को बताओगे तो नही मैने कहा नही में कोई बच्चा थोड़े हूँ वो कहने लगी तभी तो मदद माँग रही हूँ.
यह कहकर उन्होने मुझे मेरी गाल पर किस कर दिया और में देखता ही रह गया और फिर उन्होने मुझे कहा की तू भी मुझे किस कर और मैने भी उनके गाल पर किस कर दी फिर वो बोली तुम गाल पर नही लिप्स पर किस करों में रुका रहा वो बोली डरो मत ये सुनकर मैने उनके लिप्स पर किस कर दी क्या रसीले होंठ थे अब उन्होने अपने होंठ मेरे होंठों पर रखे और मुझे बड़े प्यार से किस करने लगी मुझे बहुत मज़ा आ रहा था क्या नरम रुई जैसे होंठ थे अब में भी उनका साथ देने लगा और उनका एक हाथ अब मेरे लंड पर था और वो उसे मेरी पेन्ट के उपर से ही मसल रही थी.
अब वो रुकी और मुझे पूछने लगी की कोई ऐसी जगह है जहाँ कोई ना आता हो तो मैने कहाँ हाँ हमारा छत वाला बाथरूम कोई उसे यूज़ नही करता तो वो बोली वहाँ चलो और में उन्हे बाथरूम में ले गया और उन्होने मुझे कहा की दरवाजा बंद कर दो और मुझे अब वो फिर किस करने लगी और एक हाथ से मेरे 7 इंच लंबे लंड को सहलाने लगी मुझमे इतनी हिम्मत नही हो रही थी की में खुद कुछ करूँ क्योकी में रिश्ते में उनके बेटे जैसा था फिर वो बोली की कुछ मत सोचो और जो मन करता है वो करों ये सुनकर में टूट पडा में उनकी चूचियों को उनके सूट के उपर से ही दबाने लगा थोड़ी देर बाद उन्होने मेरा लंड मेरी पेन्ट से बाहर निकाल दिया और वो उसे अपने मुँह में लेकर चूसने लगी दोस्तो क्या बताऊँ ऐसा लग रहा था जैसे में जन्नत में हूँ.
वो मेरे लंड को एक्सपर्ट रांड की तरह मस्त चूसे जा रही थी तभी अचानक हमें मामा की गाड़ी की आवाज़ आई और वो मुझे कहने लगी आज तो तुम मेरी चूत नही मार पाओगे लेकिन अपना सफेद शहद मेरे मुँह में ही छोड़ दो तो में अपना लंड ज़ोर ज़ोर से उनके मुँह के अंदर बाहर करने लगा और 2-3 मिनिट में मैने अपना पानी उनके मुँह में ही छोड़ दिया और हम जल्दी से नीचे चले गये थोड़ी देर बाद मामा मामी दोनो चले गये दो दिन बाद मामा भी कनाडा वापस चले गये और उनके जाते ही मामी ने मुझे फोन किया की में उनके वहाँ रहने को आ जाऊं और में अगले ही दिन वहाँ चला गया शाम तक तो में सबके साथ बाते करता रहा और रात को खाने के बाद मामी ने मुझे कहा की वो अपने कमरे का दरवाजा खुला रखेगी इसलिये जब सब सो जाये तो में उनके कमरे में आ जाऊं.
रात के 12 बजे तक सब सो गये थे और में मौका देखते ही मामी के कमरे में चला गया और कमरे में जाकर मैने देखा टेबल पर एक वाइन की बोतल पड़ी है और दो ग्लास पड़े हुये हैं और दूसरी और मामी खड़ी थी जिन्होने सेमी ट्रान्सपरेंट नाइट गाउन पहन रखा जिसमे उनकी ब्लेक कलर की ब्रा और पेंटी साफ दिख रही थी मामी मेरे पास आई और कहने लगी चलो एक एक पेक मारते हैं और उन्होने ने दो पेक बना दिये और हम दोनो ने पी भी लिये अब मामी कहने लगी की तुम थोड़ी वाइन अपने लंड पर डालों में उसे चाटूँगी में वाइन अपने लंड पर डालने लगा और वाइन मेरे लंड और बॉल्स से टपक रही थी जिसे मामी गंगा जल की तरह पी रही थी अब वो कहने लगी में अपनी चूत पर वाइन डालूंगी और तुम चाटना में भी वाइन उनकी चूत में से चाटने लगा क्या मज़ा आ रहा था दोस्तो मानो जैसे रस टपक रहा हो.
अब उन्होने वाइन की बोतल एक साइड में रख दी और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी क्या चूस रही थी वो मेरा लंड जैसे लोलीपोप हो और कुछ देर बाद मैने अपना सारा पानी उनके मुँह में ही डाल दिया पर वो मेरा लंड चूसे जा रही थी और थोड़ी देर में ही मेरा लंड फिर से तन गया अब वो कहने लगी की में अपना लंड उनकी चूचियों में रख कर उन्हे चोदू और में ज़ोर ज़ोर से उनके बूब्स को चोद रहा था और जब में झटके दे रहा था तो मेरा लंड उनके होठों को छू रहा था अब में उनकी चूत चाटने लगा जैसे कोई छोटा सा बच्चा मानो ऑरेंज बार चाट रहा हो तो मामी पूरी तरह से और गर्म हो चुकी थी और वो खुद को कंट्रोल नही कर पा रही थी और बोल रही थी की अमित फाड़ दे मेरी चूत तू वो कर दे जो तेरे मामा ने नही किया.
अब तू ही मेरा बलम है तू ही मेरा राजा है बुझा दे मेरी इस चूत की प्यास लेकिन में उनकी चूत चाटे जा रहा था उनकी चूत पूरी तरह से भीग चुकी थी उन्होने ज़बरदस्ती अपनी चूत मेरे से मुँह से हटाई और मेरे होंठों को चूसने लगी में उनकी चूचियाँ को ज़ोर ज़ोर मसल रहा था अब उनसे रहा नही जा रहा और वो कहने लगी और मत तडपा मेरे राजा फाड़ दे मेरी चूत वरना में मर जाउंगी अब में उनकी चूत मारने के लिये तैयार हो गया था मैने उनकी गांड के नीचे तकिया रखा और अपने लंड की टॉप उनकी चूत के होठों पर रख के ज़ोर से एक झटका दिया और मेरा आधे से ज़्यादा लंड उनकी चूत में घुस गया और वो ज़ोर से चिल्लाई मर गई में फट गई मेरी चूत.
मैने एक और झटका मारा पूरा का पूरा लंड उनकी चूत में घुसा दिया और स्टार्टिंग से ही पूरे जोश से उनकी चुदाई स्टार्ट कर दी मामी दर्द से चिल्ला रही थी लेकिन में कहाँ रुकने वाला मैने अपनी स्पीड कम नही करी पर मामी थोड़ी देर बाद जरूर सभल गई और सिसकारियां लेने लगी हह्ह्ह्हह फाड़ दे फाड़ दे ओह अया और तकरीबन 45 मिनिट की चुदाई के बाद में उनकी चूत में ही झड़ गया इस बीच मामी 3 बार पानी छोड़ चुकी थी जैसे ही मैने लंड बाहर निकाला और उन्होने उसे फटाफ़ट अपने मुँह में डाल लिया और चाटने लगी थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और अब मामी कहने लगी की अमित मेरी गांड चोदो और खुद वो डॉगी स्टाइल में हो गई.
मैने अपना लंड उनकी गांड के छेद पर रखा और ज़ोर से झटका मारा पर मेरे लंड का सिर्फ़ टोपा ही अंदर घुसा था मामी फिर से चीख उठी फिर मैने अपना लंड बाहर निकाला और पहले मामी की गांड को ऑयल लगाया ताकि मेरा लंड आसानी से उनकी गांड में घुस जाये और मैने ज़ोर से झटका दिया तो इस बार मेरा आधा लंड उनकी गांड में घुस गया और मैने चुदाई शुरू कर दी मुझे मामी की गांड चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था क्योकी वो बहुत ही टाइट थी मैने काफ़ी ज़ोर ज़ोर से मामी की गांड की चुदाई की और कुछ देर बाद उनकी गांड में ही झड़ गया और हम दोनो सुबह 5 बजे तक नंगे एक दूसरे के साथ सोये रहे और सुबह उठकर में अपने बिस्तर पर चला गया.
इसके बाद मैने मामी को बहुत बार चोदा जिससे मामी की भी प्यास बुझ जाती और मेरी भी और हम दोनो इससे बहुत खुश थे इसके बाद मैने पल्लवी मामी की मदद से अपनी दो और मामीयों को चोदा और पल्लवी मामी की बहन और उनकी कही सहेलियों को भी चोदा दोस्तों अगर आपको मेरी कहानी अच्छी लगे तो इसे शेयर जरूर करना
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]]> 10538The post मामी की चुदाई की अनोखी दास्तान appeared first on .
]]> दोस्तो ! मै राज आगरा, उत्तरप्रदेश से, आज आपको मामी को चोदा असली सेक्स स्टोरी बताने जा रहा हूं। आज से लगभग 6 साल पहले जब मेरी उम्र 20 साल कि थी तब एक दिन मेरे घर मेरे मामा और मामी आये। वे मधयप्रदेश में रहते थे लेकिन कुछ कारणों से उन्होंने अपना शहर छोर दिया औए वो हमारे घर आ गये। मेरी मामी गोरी चिटटी, चौड़ी कमर और भरे बदन की थी। जब मैने उन्हें पहली बार देखा तो देखता ही रह गया और उन्हें कैसे चोदूं यह सोचने लगा। मेरे मामा को काम की तलाश थी तो मेरी मां ने कहा कि तुम मामा के लिये कोई नोकरी तलाश करो। मैने मामा के लिये एक अच्छी नोकरी तलाश ली। मामा नौकरी पे जाने लगे। इधर मामी अकेली रहती थी और मै भी घर मे अकेला रहता था। इस बीच हम दोनो खूब घुल मिल गये थे। मै मामी से मजाक भी कर लेता था।एक दिन मामी ने कहा कि तुम मेरी भी कहीं नौकरी लगवा दो। मैने उन्हें एक स्कूल मे टीचर की नौकरी दिला दी। अब मामी स्कूल जाती थी और मै घर मे अकेला रहता था। मुझे मामी की कमी महसूस होती थी। मामी शायद समझ रही थी।
एक दिन बिजली नहीं आ रही थी। हम सब लोग उपर छत पर आ गये, तभी मामी भी आ गयी। मै उन्हें देख कर दूसरी छत पर चला गया जहां कोइ नही था। मामी भी वहीं आ गयी और मेरे हाथ पे हाथ रख कर कहा कि मै तुम से दोस्ती करना चहती हूं। यह सुन कर मै एक दम चौंक गया। मैने पूछा कि सिर्फ़ दोस्ती या और कुछ तो वो शरमा गयी, बोली सच तो यह है कि मै तुम से प्यार करती हूं। मैने पूछ कि इस प्यार की सीमा क्या होगी, तो वह बोली तुम सब जानते हो और वह शरमा के चली गयी।
अब हम दोनो एक दूसरे को किस कर लेते थे और छिप कर एक दूसरे के अंगों को छू भी देते थे। उनके बूब्स और जांघ भी मै हाथ से सहला देता था। लेकिन चोदने की हिम्मत नही कर पा रहा था। कैइ बार मैने उन्हे नहाते हुए नंगा भी देखा है। उन्हें भी पता था कि मै देख रहा हूं फ़िर भी वो मुस्करा के शरमा जाती थी। एक दिन घर के सब लोगों को कहीं बाहर जाना था लेकिन मै नहीं गया। मम्मी ने भी ज्यादा जोर नहीं दिया क्योंकि मामी के कारण खने पीने की कोइ परेशानी नहीं होनी थी। दो दिन गुजर गये, कोइ मौका नहीं मिला। अगले दिन से मामा की चार दिन रात की डयूटी थी तो मै मन ही मन खुश हुआ कि आज तो मामी को चोद के रहुंगा। उस रात मामा 9 बजे चले गये और मामी से कहा कि तुम रात को जिम्मेदारी से ताले आदि लगा कर सोना। मै अपने कमरे मे जाकर सोने का नाटक करने लगा। घर के सारे काम खत्म कर से मामी 11 बजे मेरे कमरे मे आयीऔर बोली- सो गये क्या? मैने कहा- नहीं। वो मेरे पास बैठ गयी और प्यार से मेरे सिर में हाथ फ़ेरने लगी।
उन्होंने प्यार से मुझे देखा तो मुझ से रहा नहीं गया और मैने उन्हें पकड़ के बिस्तर पर लिटा कर अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिये। बहुत देर हम एक दूसरे को प्यार करते रहे तो मामी उत्तेजित हो गयी। मैने उनकी सारी जान्घों तक कर दी। उनकी जांघे गोरी थी। मैने उनकी जांघों को चुमते चूमते अपने होंठ उनकी चूत पर रख दिये और जीभ से उनकी चूत सहलाने लगा तो उन्हें एकदम झटका लगा और बोली राज ये तुम क्या कर रहे हो? हाथ से मै उनके बूब्स सहलाने लगा। मामी कराहने लगी। मामी को इतना मज़ा शायद कभी नही आया होगा। उन्होंने टांगें चौड़ी कर दी और मेरे बालो को सहला कर बोली- राज मै पागल हो जाउंगी, बहुत मजा आ रहा है।
मै भी उनके चूत के दाने को अपनी जीभ से सहला रहा था। कुछ देर बाद वो बोली – खुद ही सब कुछ करोगे या मुझे भी करने दोगे? यह कह कर उन्होंने मेरी पैन्ट उतार दी, फ़िर एकदम मेर कच्छा उतार कर मेरा लन्ड मुंह मे ले कर चूसने लगी और बोली-तुम्हारा तो काफ़ी बड़ा है। मुझे मजा आ रहा था। मै उनकी चूत में उन्गली डाल कर आगे पीछे कर रहा था। कुछ देर बाद मामी बोली-राज जल्दी करो ! अब रहा नहीं जा रहा! चोदो मुझे!
मैने मामी की चूत में लन्ड लगाया और जोर से धक्का लगाया तो मामी कि चीख निकल गयी और बोली धीरे करो। मै मामी के गोरे गोरे बूब्स चूसने लगा। मामी मेरी बांहों मे सिमटी जा रही थी और प्यार से मेरे शरीर पे हाथ फ़ेर रही थी, कह रही थी- ओह राज ! मजा आ रहा है। ऐसे ही करो! करते रहो ! पूरा अन्दर डालो- फ़ाड़ दो मेरी चूत आह ! करो- जोर से करो- करते रहो। कुछ देर बाद मैने मामी से कहा कि मै झड़ने वाला हूं तो उन्होंने कहा कि लन्ड चूत से निकाल कर मेरे मुंह मे दे दो। मैने लन्ड उनके मुंह मे डाल दिया। वो मेरा लन्ड चूसने लगीऔर मेर पानी भी मुंह मे ले लिया। उस रात मैने मामी को तीन बार चोदा और पूरी रात हम नंगे ही लेटे रहे। कभी वो मेरे लन्द से खेलती तो कभी मै उनकी चूत और बूब्स से। उसके बाद करीब दो साल तक मै मामी को रोजाना चोदता रहा।
अब वो मेरे घर नहीं रहती हैं। लेकिन मै उनके साथ बिताये खूबसूरत पलों को याद करके उन्हें आज भी याद कर लेता हूं..
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]]> हाई, मैं आतिफ (शान) फ्रॉम मुंबई, ऐज २४, स्टूडेंट एन एम्प्लोयेड, वाइट फेयरनेस, हाइट ५.१० फिट, लोविंग, कैरिंग, हॉट एंड सेक्सी. मैं एक नया लड़का हु इस सेक्स वेबसाइट पर और मैं आज अपनी पहली कहानी Pyasi bhabhi ki gaand chudai लिखने जा रहा हु. मैं करीब २ साल से इस साईट पर चुदाई स्टोरी पढ़ रहा हु और मेरी हर सुबह टॉयलेट पर सेक्स कहानिया पढ़ते हुए और मुठ मारते हुए शुरू होती है. ये कहानी कुछ एक मंथ पहले की है, जब हमारी बिल्डिंग में एक रेंट पर रहने के लिए, एक फॅमिली आई थी. वो तीन की फॅमिली थी. उनके नाम बता दू.. संजय भाई – ३४, पलक भाभी – ३१ और उनका एक सन था, जो १२ साल का था. पलक भाभी को फर्स्ट टाइम लाइफ में देखा था. शी वाज टू डेम सेक्सी. वो साड़ी में थी. उनकी साइज़ ३४-३०-३६ थी. देख कर लंड खड़ा हो गया था. क्या बताऊ उसको संभालना बहुत ही मुश्किल था. जल्दी से बाथरूम में जाकर मुठ मारकर खुद को शांत किया. कुछ दिन में, संजय भाई ने मेरी दोस्ती बढी और बाते होने लगी. वो मुझे काफी बार अपने घर भी लेकर गये.मुझे अपना भाई जैसा मानने लगे. उनको मेरा नेचर बहुत पसंद आया था. मैं उनके घर जाकर बार – बार भाभी को घूरता और उनके बूब्स पर ध्यान रखता, कैसे उछलते है एंड हिलते है. मेरे तो देख कर ही होश उड़ जाते थे. कुछ १ वीक पहले संजय भाई को बाहर जाना था काम से ३ दिन के लिए. उन्होंने मुझसे कहा, कि भाभी को कुछ जरूरत होगी, तो तुम हेल्प कर देना. मैंने हाँ कर दी और चला गया. नेक्स्ट डे भाभी का कॉल आया और उन्होंने कहा – आतिफ, घर आना. मैंने गया, तो भाभी ने कहा, कि मेडिकल जाना है. कुछ दवा लेनी है. फिर हम मेडिकल गये और हमने दवाई ली. तभी एक लड़का बाजु से आया और कंडोम मांगने लगा. ये सुनकर मैंने शर्म से अपना सिर नहीं उठाया. उस टाइम भाभी मुझे देख रही थी. फिर हम घर लौट गये. घर पर आते ही, भाभी ने शरबत बनाया और सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगे. तभी उनका सन टूशन चला गया और अचानक भाभी ने सवाल किया – तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? इ सेड – नो. आई डोंट हेव एनी गर्लफ्रेंड. वो शोक हो गयी और कहने लगी, इतने स्मार्ट लगते हो, पर्सनालिटी भी अच्छी है, फिर क्यों नहीं?
मैंने कहा – सब तो ठीक है. लेकिन अप्रोच करने में डर लगता है. लाइन मिलती है, लेकिन मुझे डर लगता है. फिर उन्होंने कहा – इसका मतलब, तुम अभी विर्जिन हो. मैंने कहा – हाँ भाभी. पोर्न देखता हु और एडल्ट स्टोरीज भी पढता हु. ये सब बातें करते वक्त हम हस रहे थे और मस्ती कर रहे थे. उनके बूब्स हिल रहे थे, उछल रहे थे. मैं नोटिस कर रहा था. उन्होंने मुझे देखा और देखते वक्त और कहने लगी, क्या देख रहे ही? मैं झेप गया और कहा – कुछ नहीं? वो बोली – क्यों झूठ बोल रहे हो? तू हमेशा ही, इनको घूरता रहता है. मैंने कितनी बार नोटिस किया है. मैंने झट से कह दिया, भाभी तुम मुझे बहुत पसंद हो और मैंने तुम्हारे साथ अपना पहला सेक्स करना चाहता हु. मुझे नहीं पता था, कि वो भी बहुत बेक़रार थी. इतना सुनते ही, उसने अपने होठो को मेरे होठो से चिपका दिया. ऊऊऊऊऊ.. क्या मस्त फीलिंग थी दोस्तों… आई कैन नॉट एक्सप्रेस.. यू आल कैन अंडरस्टैंड, कि फर्स्ट टाइम किस में क्या फीलिंग होती है! इट वज अवएसोम.. मैं उनके होठो को चूसते गया और अपनी टंग उनके मुह में डाल दी. हमारा जोश बड गया था.
जानवर की तरह एक दुसरे को होठो को काट रहे थे. फिर मैं उनके कपड़े उतारने लगा और सिर्फ ब्रा में छोड़ा. उनके बूब्स ब्रा के ऊपर से देख कर मेरे तो होश ही उड़ गये. ना रुकते हुए, मैंने उनकी ब्रा भी उतार दी. फिर मैं उनके बूब्स चूसने लगा और दबाने लगा. उनकी आवाज़े आ रही थी अह्हहहः अहहाह ऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्.. दर्द होता है. स्लोवली दबाओ.. पर मैं कहाँ मानने वाला था. फर्स्ट टाइम था मेरा.. फिर मैंने उनसे कहा – भाभी मुह में लो ना.. आई वांट टू फील इट. उन्होंने मुझे बेडरूम में बुलाया और लेटा कर मेरी पेंट और अंडरवियर को उतार दिया अपने होठो को मेरे ८ इंच लम्बे लंड पर रखा. आई वाज टोटली आउट ऑफ़ कण्ट्रोल.. ऐसे फीलिंग थी, जो मुझे आज तक नहीं हुई थी. आई वाज आउट ऑफ़ दा वर्ल्ड. शी स्टार्टेड सकिंग एंड आई वाज लाइक, प्लीज सक इट मोर… मुझसे रहा नहीं गया और मैं खड़ा होकर वाल पर चिपक गया. फिर वो अपने घुटनों पर आ गयी और मेरे लंड को फिर से अपने मुह में लेकर सक करने लगी. उनके लिप्स जो मुझे अहसास दे रहे थे, लंड निकालने का मन नहीं कर रहा था. मैंने अपना पूरा लंड अन्दर डाल रखा था, जैसे पोर्न में चूत चुदाई करते है.
मैंने उनके मुह में ही चुदाई करनी शुरू कर दी. उनकी आँखों से आंसू आने लगे और मैंने अपना सारा स्पर्म उनके मुह पर छोड़ दिया. अब मैं शांत हो गया और वो मुझे उकसाने लगी, कि कौन चाटेगा मेरी चूत को? मैं १० मिनट बाद, फिर से जोश में आ गया. मैंने पहले उनकी चूत में हनी लगाया और चाटने लगा एंड फिर पोर्न विडियो की तरह “वी” पॉइंट पर चाटने लगा. वो तड़पने लगी थी, उछलने लगी थी.. मैं तो बस चाटता ही जा रहा था. वो अब कहने लगी थी, कि बस अब अन्दर डालो… डालो मेरी चूत में.. देदो सब कुछ.. स्वर्ग का अहसास. मैंने नहीं रुका और चाटते ही रहा. मैं उनके और भी तड़पा रहा था. जैसे ही वो अपने कण्ट्रोल से बाहर हुई, मैंने उसकी गांड को पलटाया और लंड चूत पर रख कर डाल दिया अन्दर. भाभी चिल्ला उठी.. आतिफ रुक.. मैंने कहा – अब मैं नहीं रुकने वाला. अभी अन्दर डालने को बोला था ना.. तो अब बर्दाश्त कर.. और एकदम डीप फकिंग चालू कर दिया. एक – एक शॉट लाजवाब था. अब उन्होंने मुझसे कहा, कि सच में.. तू कमाल है आतिफ. क्या मुह में लंड देता है. क्या चाटता है और क्या चोदता है. कोई भी लड़की या औरत तुझसे बार – बार चुदना चाहेगी.
बाकी को छोड़, पहले तुझे तो चोद लू. पूरी तरह से खुश कर दू. मैं उसे जबरदस्त चोदने लगा. बहुत पोजीशन ट्राई किये, ताकि पूरा लंड उसकी चूत में समां जाए. उसको मज़ा आने लगा और उसने मुझे धक्का देके लिटा दिया और मेरे ऊपर आकर खुद उछलने लगी. उछलते – उछलते इतना मस्त अहसास हो रहा था, कि मेरे लंड ने मेरा स्पर्म उसकी चूत में छोड़ दिया. मैंने उसे रोकना चाह, लेकिन वो रुकने को तैयार ही नहीं थी. कुछ देर में उसने भी अपना पानी मेरे लंड पर छोड़ दिया और वो शांत हो गयी. उसने मुझसे पूछा, फर्स्ट टाइम में इतना एक्सपीरियंस कैसे? मैंने कहा – पोर्न देख कर..फिर हम हग करते हुए लेटे रहे और फिर अपने कपड़े पहनने लगेगा, क्योंकि उनके सन के आने का टाइम हो गया था. वो मुझसे वापस चुदने के लिए तैयार थी और मैंने भी. फिर उनको कहा, कि मुझे तुम्हारी गांड भी मारनी है. भाभी ने कहा – अगली बार, जब भी वो बाहर जायेंगे, हम जरुर चुदाई करेंगे. तुम्हारी ही हु.. बस इतना सुनकर मैं वहां से चला गया.
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]]> Graduate ke bad training ke liye mai kanpur mere mama ke ghar aaya mera mama karib tees ka dubala patala aur mami pachiski gori chatti. Tagadi jawan sexy moti sundar must thi jodi ekdam thik nahi thi kuch din ke bad mujhe mahasus hone laga kya mami mamase khush hai ekdin dono gharme nahi the maine chupse unake bedroomke darwaza me small hole kiya raatko jab ve sone gaye mai hole se dekhane laga mami ka muh mere side honese mami ko dekhaneme maja aati thi karib sat aath denke bad ek din dekha mama mamiko dabane laga mami unaka hath nikalti thi phir usane mamiki sari uper uthai aur khud mami per chadha mami ne pair phaila diye mamne chutme lund dhukaya aur chodane laga abhi dus phatake huve the ki usaka pani nikal gaya mami use marane lagi rone lagi mama uthake ekside soya mami gussese sogayiThe post Mami Ko Chod Chodke Char Bachhe Paida Kiya appeared first on .
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]]> आज आपको एक कहानी बताने जा रहा हूँ, यह कहानी दो सहेलियों की है एक का नाम शिवाली जिसकी उम्र 32 और चूचियाँ 36 की कमर 34 की और दूसरी का नाम मनोरमा उम्र 44 चूचियाँ 40 कमर 38, जिस्म भरा भरा और सुडौल देखने में आकर्षक।कई दिनों से मुझे शिवाली के मेल आ रहे थे, मैं उसका जवाब देता फिर उधर से वो मेल करती। यह सिलसिला करीब एक महीना चला, फिर बाद में उसे जब यकीन हो गया कि मैं ठीक आदमी हूँ जिस पर विश्वास किया जा सकता है तो उसने बताया कि मैं कानपुर की रहने वाली हूँ और मेरे पति विदेश रहते हैं, मैं सास-ससुर के साथ रहती हूँ, क्या आप मुझे मिल सकते हो, आ सकते हो मेरे घर?
मैंने कहा- ठीक है, अगले हफ़्ते तक आ पाऊँगा।
उसने कहा- ठीक है।
मैंने कहा- अपना फ़ोन नंबर दे दो।
वो मुझे अपना फ़ोन नंबर नहीं दे रही थी। फिर मुझे लगा कि मेरे साथ धोखा करेगी तो मैंने उसके मेल का जवाब देना बंद कर दिया।
कुछ दिनों बाद फिर उसका मेल आया, उसने लिखा था- सॉरी, मैं अपना नंबर नहीं दे सकती।
फिर मैंने जवाब दिया- आप नंबर नहीं दे सकती तो मैं आ नहीं सकता।
उसने कहा- आप समझो मेरी मज़बूरी आप आ जाओ !
मैंने कहा- नहीं, मैं वहां आकर क्या करूँगा और मुझे क्या मालूम कि तुम आओगी लेने, मुझे जो औरत अपना नंबर नहीं दे सकती, मैं कैसे विश्वास करूं।
फिर मैंने उससे कहा- चलो तुम मेरे ट्रेन का टिकट और 50% अडवांस मेरे अकाउंट में जमा करवा दो, फिर आ जाऊँगा।
उसने कहा- ठीक है।
फिर अगले दिन उसने ट्रेन टिकट मेल कर दिया मुझे पर पैसे 20% ही डाले बैंक में।
फिर मैं जिस दिन का टिकट था उस दिन रवाना हो गया। अगली सुबह मैं कानपुर में था। जाने से पहले मैंने उसे मेल कर दिया कि मैं सफ़ेद रंग की टीशर्ट और नीले रंग की जीन्स पहनी है और खास बात यह कि मेरे टीशर्ट पर जेब वाली साइड पर एच लिखा हुआ है, मैं उतर कर स्टेशन मास्टर के केबिन के पास खड़ा रहूँगा।
मैं ट्रेन में बैठ गया, करीब दो घंटे बाद मेल आया- ठीक है, मैं सुबग गाड़ी से पहले आ जाऊँगी।
मैंने उसे एक कोडवर्ड भी बता दिया था कि वो जब मुझसे मिले तो वो कोड बताये।
मैं सुबह साढ़े चार के करीब कानपुर स्टेशन पर उतर गया। किसी से पूछा कि स्टेशन मास्टर का केबिन कहाँ है तो पता लगा कि थोड़े दूर है।
मैं वहाँ जाकर खड़ा हो गया। करीब 30 मिनट हो गए, कोई नहीं आया। फिर काफ़ी देर बाद एक महिला आई जिसकी उम्र करीब 45 की थी, उसने मेरे पास आकर कहा- हैरी हो न?
मैंने कहा- आप कौन?
उसने फिर वो कोड बताया जो मैंने बताया था और अपना नाम मनोरमा बताया।
मैंने कहा- आप को अपनी उम्र 32 बता रही थी?
उसने कहा- दरअसल शिवाली के घर में सास-ससुर हैं, वो आ नहीं सकती तो मैं आई हूँ आप को लेने।
फिर हम स्टेशन से बाहर निकले, उसने एक टैक्सी रोकी और हम चल दिए घर !
15 मिनट में हम घर पहुँच गए। मनोरमा के घर में मनोरमा के अलावा और कोई नहीं था तो मैंने पूछा- आप अकेली रहती हैं?
उसने कहा- नहीं मेरे पति का बिज़नस है। वे हॉन्गकाँग गए हैं एक महीने के लिए और अक्सर बाहर ही रहते हैं।
थोड़ी देर बातचीत हुई फिर नाश्तापानी किया।
मैंने कहा- मनोरमा जी, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा, मुझे आपने बुलाया है या शिवाली ने?
मनोरमा ने कहा- आप चिंता मत कीजिये, आराम कीजिये, शिवाली दोपहर को आएगी।
मैंने कहा- ठीक है।
मैं लेट गया मुझे नींद आ गई।
मनोरमा ने खाना बना लिया और फ्रेश होकर मेरे पास आ कर लेट गई। मैं गहरी नींद में था, मनोरमा मेरे पैंट की चैन खोल कर मेरे लण्ड को दबाने लगी और चूसने लगी।
अब भला कोई लण्ड चूसेगा तो नींद खुल ही जाएगी, मेरी नींद खुल गई, मैंने कहा- यह क्या? आप तो कह रही थी कि शिवाली आएगी।
फिर मनोरमा ने मेरे मुँह पर हाथ रख कर कहा- चुप रहो, जो कर रही हूँ, करने दो, तुम्हें जो चाहिए, मिल जाएगा।
मुझे कोई ऐतराज़ नहीं था, मैंने कहा- चलो, मुझे तो काम से मतलब है, शिवाली हो या मनोरमा ! क्या फर्क पड़ता है।मनोरमा ने धीरे धीरे मेरे सारे कपरे उतार दिए और वो तो पहले से ही बिल्कुल नंगी थी। एक भी कपड़ा नहीं था उसके शरीर पर। उसकी मोटी-मोटी चूचियाँ देख कर तो मैं भी एक बार दंग रह गया। उसकी चूचियां इस उम्र में भी सुडौल और कसी थी। मनोरमा मेरे लण्ड को चूस रही थी, अचानक दरवाजे की घण्टी बजी तो मैं डर गया कि कौन हो सकता है? कहीं यह मुझे फंसा न दे।
खैर मनोरमा ऐसे ही दरवाजे के पास चली गई बिल्कुल नंगी, अन्दर से झांक कर देखा और दरवाजा खोल दिया। मैं अन्दर बेडरूम में था, ऐसे ही तौलिया लपेट कर पड़ा हुआ था, बेडरूम में मनोरमा में साथ आई, वो औरत शिवाली थी, मुझे समझने में देर न लगी। वो लम्बी, पतली, कमर बाल खुले करके आई थी, गजब की सुन्दर लग रही थी।
अपने उम्र से कहीं कम ऐसा लग रही थी 22-24 की !
शिवाली मेरे पास आकर बैठ गई, मुझे हेलो कहा और मनोरमा से कहा- क्या बात है? मेरा इंतजार भी नहीं किया और शुरु हो गई?
मनोरमा ने कहा- यार कब से तेरी इन्तज़ार कर रही थी। मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने सोचा कि तू किसी काम में फंस गई इसलिए ! अभी तो बस शुरु ही किया था कि तू आ गई। शिवाली ने अपना पर्स पास ही मेज पर रख दिया। मनोरमा फिर से मेरे लण्ड को टटोलने लगी उसके छूने से फिर से लण्ड खड़ा हो गया।
शिवाली भी अपने कपड़े धीरे धीरे उतारने लगी। आखिर में उसके शरीर पर एक मखमली सी पैंटी रह गई, वो भी पैंटी क्या थी पैंटी के नाम पर धब्बा था, उससे सिर्फ उसकी चूत ही ढकी थी, गाण्ड पूरी खुली थी और पैंटी की रस्सी उसके गाण्ड में घुस रही थी।
शिवाली मेरे पास आई और मेरे होठों को चूसने लगी जैसे इंग्लिश फिल्मों में करते हैं।
ऐसा उसने 5 मिनट तक किया। मैं उसकी चूचियाँ दबा रहा था, मसल रहा था, नीचे मनोरमा मेरे लण्ड को चूस रही थी और अपने हाथों से अपने स्तन भी दबा रही थी। कभी कभी मैं भी उसके वक्ष दबा देता। मुझे दुगना मजा मिल रहा था।
फिर शिवाली ने अपने चूची मेरे मुँह में रख दी और कहने लगी- जी भर के चूसो इसे !मैंने चूसने लगा, वो बहुत कामुक हो गई, आअ हाआअ आह आः आह करने लगी। और सिसकारियाँ लेना लगी।
मनोरमा लण्ड चूसती रही। फिर मनोरमा ने शिवाली को परे किया और कहने लगी अब मेरे भी दूध पीओ, निकाल दो सारा दूध इनमें से !
मैं मनोरमा की चूचियाँ चूसने लगा और शिवाली अब मेरा लण्ड चूसने लगी। मैं शिवाली के चूचे भी अपने हाथों से दबा देता। लण्ड चूसते चूसते कभी कभी शिवाली मेरे दोनों अंडकोष को भी मुँह में ले लेती जिससे मेरे मुँह से आह निकल जाती।
मनोरमा भी गर्म होकर सिसकारियाँ लेने लगी- आअहाअ हाआअ उफ्फ्फ हईईए करने लगी।
अब अपनी टाँगे चौड़ी करके बैठ गई और मुझे इशारा किया, मैं समझ गया। शिवाली की चूत पर एक भी बाल नहीं था और नर्म चूत गुलाबी रंग की थी।
मैंने उसकी चूत में जैसे ही जीभ डाली, उसके मुँह से फिर से कामुक सिसकारियाँ निकलने लगी।
मैंने जीभ से चूत को चाटना शुरु कर दिया, शिवाली आःह्ह्ह आःह्ह्ह आःह्ह्ह उईए उईए करने लगी और चूत के ऊपर मेरे मुँह को दबा लेती, बगल में ही मनोरमा भी टाँगें चौड़ी कर के लेटी थी। मैं उसकी चूत में उंगली कर रहा था और उसके दाने को मसल देता था जिससे वो भी आअई आईईए उफ्फ्फ कर रही थी।
थोड़ी देर बाद शिवाली कहने लगी- कम हैरी, फक्क मी। फक्क मी !
शिवाली ने टाँगे ऊपर की हुई थी, मैंने अपना लण्ड शिवाली के चूत में पेल दिया। शिवाली ने सांस रोक ली और कहने लगी- आज कितने दिनों बाद मिला है लण्ड ! उसके चेहरे से खुशी झलक रही थी।
मैंने शिवाली को चोदना शुरु कर दिया !
उधर मनोरमा भी पूरी गर्म हो चुकी थी, मनोरमा भी अपनी टाँगे ऊपर कर कहने लगी- मनोरमा भी कहने लगी- हैरी मुझे भी चोदो अब ! अब रहा नहीं जाता !
शिवाली की चूत से अपने भीगा हुआ लण्ड निकाल कर मैंने मनोरमा की चूत में पेल दिया।शिवाली लेटी हुए थी, मैं मनोरमा को चोद रहा था।
15 मिनट की जबरदस्त चुदाई करने के बाद मनोरमा भी झड़ने के कगार पर थी और फिर नीचे से धक्के दे कर आह्ह आह्हअह उई उईए सीई आई करती हुए मुझे अपने बाहों में जकड़ कर झर गई।
काफी देर हो गई थी अब मेरे भी निकलने को हो रहा था। मैं मनोरमा की पानी टपकती चूत में जोर से लण्ड अन्दर-बाहर करने लगा।
मनोरमा कहने लगी- दर्द हो रहा है !
मैंने कहा- बस दो मिनट और !
10-12 धक्के जोर जोर से मारे और मेरे भी पानी झर गया।
हम तीनों बिल्कुल नंगे लेटे हुए थे, मनोरमा की चुदाई देख कर शिवाली गर्म हो चुकी थी। जैसे ही मैं उसके साथ में लेटा, शिवाली लण्ड को पकड़ कर दबाने लगी और मुठ मारने लगी। मनोरमा भी पड़ी पड़ी सब देख रही थी।
कुछ देर बाद शिवाली और मैं सोफे पर चले गए शिवाली मेरे गोद में आ गई और मेरे लण्ड पर बैठ गई, ऊपर नीचे होने लगी। उधर से मनोरमा अपनी चूत मेरे मुँह के ऊपर करके बैठ गई। मैं मनोरमा की चूत चाट रहा था, इधर शिवाली अपनी कमर ऊपर-नीचे कर कर के लगी हुई थी।
शिवाली का काम अब करीब था वो जोर जोर से ऊपर-नीचे होने लगी और उसका बदन अकड़ने लगा, वो जोर जोर से धक्के लगाते हुए झर गई, मेरे सीने पर लुढ़क गई।
मनोरमा और शिवाली दोनों संतुष्ट दिख रही थी चुदाई से !
मैं वहाँ तीन दिन रुका और तीनों दिन मनोरमा और शिवाली की चूत मारी।
चौथे दिन मनोरमा मुझे स्टेशन पर छोड़ने आई।
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]]> Berozgari aadmi ko kis had tak le ja sakti hai, yah aap is kahani ke madayam se janenge. Me pichli july me apni engineering puri karke naukri ki talash me dilli aaya tha. yaha naukri milna kitna mushkil hai, yah to aap jante hi ho. mene kai jagah interview diye, par mera kahin bhi nahi hua.Ese hi ek shaam, me apne room me lout raha tha, to bahut der intzaar karne par bhi mujhe auto nahi mil raha tha. tabhi bahut der se piche khadi ek car mere samne aa kar ruki or andar baethi ek 30-32 saal ki khubsurat or gadraye badan wali aurat ne pucha – aaj to kisi neta ji ki relly hai, saare auto udhar hi gye hai, andar aa jao, me isi tarf ja rahi hu, tumhe chod dungi.
Mene bhi aav na dekha taav, turant car ki agli seat par baeth gya.
Usne mujhse pucha – kahan tak jaana hai?
Mene kahan – kisi bhi metro station par utaar dena mujhe.
Usne kaha – lagta hai, dilli me naye aaye ho.
Me kaha – han, job ki talash kar raha hai or abhi tak koi mili nahi.
Usne kahan – aajkal job milna bahut mushkil ho gya hai, par pese kamane ke to bahut se tarike hai.
Esa kahte hue, wo mujhe puri tarh se nihar rahi thi.
Mene pucha – batao wo kya hai?
Usne jawab diya – mere pass ek vacancy hai, agar tum karna chaho to?
Mene kaha – aap kaam batao, me karne ke liye tyar hu, mere pass abhi gujara karne ke liye bhi pese nahi hai, aap jo bhi kaam dogi, me kar lunga.
Usne kaha – pakka karoge! Phir mukar to nahi jaoge?
Mene kaha – bilkul nahi madam, mujhe pese ki sakht jarurat hai.
Usne kaha – thik hai, phir chalo mere saath abhi, samjho mene tumhe kaam par rakh liya, mujhe tumhri thodi si maddat chahiye.
Mene kahan – aap batayi, apke liye to jaan bhi hazir hai, apne meri itni badi maddat ki hai.
Usne kaha – ghar chalo, phir batati hu.
Thodi der me ek apartment aa gya, uski parking me usne car roki or phir me mujhe apne flat me le gyi.
Taala khol kar hum andar aa gye, to mene pucha liya – aap yahan akele rahti hai, kya?
To usne kaha – han, tum abhi fresh ho lo, me bhi change kar ke aati hu.
Me fresh karke louta, to wo bhi change karke aa gyi thi, wo nighty pahne hue thi or usme kya kyamat lag rahi thi. uske mooto bhari hui jaanghe, gor –gol chutad, nishli aankhe or bade-bade daddu dekh kar, mera land maharaaz to kab se salami de raha tha. par naukri ke chakkar me mene kisi tarh apne aap par kabu kiya hua tha. wo aakar mere pass sofe par baeth gyi or mujhse baatain karne lagi.
Mene usse phir pucha, to usne batay, ki uska ek saal pahle talak ho chuka hai, isliye wo apne pati se alag rahti hai. Wo Gurgoan me ek company me HR manager hai. Usne bataya, ki uske pass pese ki koi kami nahi hai, par koi pyar karne wala nahi hai. Usne mere samne khula offer rakha – tum mujhe pyar do, me tumhe pese dungi or tumhri naukri lagwane me bhi maddat karungi.
Mene turant han kar di, to wo janmo se sex ki pyasi aurat ki tarh mere upar tut padi or jhamajham chumbano ki bouchar kar di or me is achanak se hue hamle se sambhal pata, usse pahle hi usne mere shirt ke batan khol kar meri chati par chumna shuru kar diya. Or hum dono ek dusro ko behatasha chum rahe the. Usne apni nighty bhi utaar feki.
Me uske najuk or gore badan ko dekh kar dang rah gya, usne niche kuch bhi pahana tha. me bhi ab uske gulabi or rasile hotho se apni jibh chuda kar uski gardan or pith ko chum raha tha. to wo dusri tarh mere dono haath uske boobs ko masal rahe the.
Pura kamra uski kamuk siskiyo se ghunj raha tha – ahahah..ohoho..uuhhhu..mmmm!
Ab wo achanak se palti or boobs ko meri chati par ragadne lagi. To me bhi uske chutad ko masal-masal kar sahlane laga. Or bacche ki tarh uske urozo se dudh pine ki koshish karne laga. Bich-bich me me use kahin par kaat deta tha, to wo bhi meri chati ya gaal par kaat deti thi.
Ab dhire-dhire, me uske nabhi par apni jibh ghuma-ghuma kar uske andar ki utejna ko or bhi bada raha tha. mera ek haath uski chati par tha, dusra uski clean shave chut tak pahuch chuka tha. wo bhi ek haath ko meri pent ke andar daal kar apni komal ungliyo se mere hatiyaar ko sahla rahi thi.
Ab hum dono ne 69 ki awastha le li thi. hum dono puri tarh se niwastr ho chuke the. Mera muh uski chut par tha or uska muh mere 9 inch lambe or moote tagde land ko chat raha tha. uski chut se ris rahe kaamras ko, me chat-chat kar apni jibh se uska chut chodan kar raha tha, saath-saath uski jangho ko bhi apne haatho se thapthapa raha tha.
Is bich, to kai baar jhad chuki thi. mera bhi ek baar ho chuka tha. par usne mera saara ghada viry chat liya tha or ling ko chat-chat kar punh: utejit kar diya tha.
Usne mujhse kaha – ab mat tadapo mere raja ! aaj meri pyas bujha do! Mene bhi kuch der tak uski chut par land ragada, jisse wo jor-jor se siskariya nikalne lagi. Mene ek jordaar dhakka lagaya, par pahli baar me land fisal gya.
Uski chut shaadi ke baad bhi itni tight thi. wo cream ki wajah se thi, jo usne mujhe baad me bataya. Is baar usne apni chut ki fanko ko haath se alag kiya or land ko rasta banane me maddat ki, to ek hi jhatke me mene pura land uski chut me utaar diya. Uski jor daar chikh nikal padi.
Me kuch der ke liye ruk gya or thodi der baad, mene phir se dhire-dhire dhakke lagane shuru kiya, wo apne chutado ko uth-utha kar mera saath de rahi thi, har dhakke ke saath uski aahh ki siskari mujhe madhosh kar rahi thi.
15 mint tak dhakke lagane ke baad, mene apne dhakko ki speed bada di or ek jordaar chikh ke saath, hum dono charam seema ko prapt kar gye the. Uske chahre par santushti ka bhav tha, jo uski khushi se jhalak raha tha. kuch der tak hum ese hi lete rahe, phir humne saath me shower liya.
Waha bhi mene uski chut ko chata or usne mere land ko chusa. Phir humne nange hi khana banaya or khaya.
Us raat, mene use 4 baar choda, phir hum nidhal hokar so gye.
Subah 11 baje meri niid khuli, to wo coffee liye mere samne khadi thi or muskura rahi thi. coffee pine ke baad, mene jaane ki izzazat mangi.
To usne mujhe apne purse se 2000 rupee nikal kar diya or kaha – jarurat ho, to mang lena. Me tumse bahut khush hu. Me jab bhi tumhe bulau, tum aate rahna.
Phir, mene usse vida li. Us din ke baad me kai baar uske bulane par uski chut sewa karne ke liye gya.
Abhi kuch din pahle hi uska transfer Mumbai ho gya, to usne mujhe aakhiri baar bulaya or do din tak, me use chodta raha.
Usne kaha – jab bhi dilli aaungi, tumhe chodne ke liye aana hoga.
Uske jaane ke baad, me bhi kai dino se khali baetha hu, ki phir koi aurat.ladki mil jaaye, jisko khush karke me apna gujara kar saku.
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]]> नमस्कार दोस्तो, मैं हर्ष गुप्ता आप सबके सामने अपनी मामी के साथ हुई पहली चुदाई की घटना लेकर हाज़िर हूँ।मैं अपनी पहली चुदाई से लेकर अब तक शादीशुदा औरतों, मम्मियों, भाभियों और उम्रदराज औरतों का बहुत बड़ा पुजारी हूँ।
मैं 23 साल का हूँ, भोपाल का रहने वाला हूँ और अभी अभी मैंने अपनी इंजिनियरिंग कॉलेज की पढ़ाई ख़त्म की है।
मेरे घर पर मैं, मेरे पिताजी, माँ, मेरे दादा दादी और मेरे बड़े भैया रहते हैं।
मेरी मामी के बारे में आप सबको एक ज़रूरी बात बता दूँ कि उनकी उमर 36-37 वर्ष के आस पास होगी और वो दो बच्चों की माँ है। उनका फिगर 32-34-36 है, देखने में वो चिकनी मोटी सी हैं, उनके चूतड़ किसी बुड्ढे के लंड को भी खड़ा कर दें, ऐसी मस्त है, एक और बात बता दूँ, मेरी मामी की उमर का उनके चहेरे पर कोई असर नहीँ हुआ है, अभी भी उनके चेहरे से वो ज़्यादा से ज़्यादा 27-28 की लगती हैं।
एक बात और बता दूँ, उनके पति मतलब मेरे मामाजी का आठ साल पहले किडनी स्टोन का ऑपरेशन हुआ था और उसकी वजह से मामा चाहते हुए भी मामी को चोदने में असमर्थ थे।
सीधे मुद्दे पर आता हूँ, मैंने अपनी दूसरे वर्ष की परीक्षा ख़त्म की और कोलेज की छुट्टियाँ चल रही थी। उस समय घर पर बड़े भैया की सगाई का उत्सव था जिसमें मेरे घर पर बहुत से मेहमान आए हुए थे, जिनमें एक यह मामी भी थी।
उस दिन सगाई के कार्यक्रम के बाद रात में सब मेहमान वापस चले गये कुछ घरे में रुके हुए थे, सो वो थे।
रात को खाना खाने के बाद जब मैं सोने जा रहा था पर मेरे कमरे में कुछ मेहमान थे तो मेरी माँ ने मुझे घर के अंदर वाले कमरे में जाकर सोने के लिए कहा।
जब मैं अंदर वाले कमरे में पहुँचा तो देखा वहाँ मामी सो रही हैं।
उन्हे देख कर मैंने कहा- मामी, आप यहाँ सो रही ना?
तो उन्होंने कहा- तू भी यहीं सो जा ! तेरे कमरे में बड़ी मम्मी और कुछ लोग सोए हुए हैं।
मैंने मामी की बात मान ली और उनके बगल में सो गया। रात को सब ही जल्दी सो गये।
रात के दो बजे होंगे, मैं बाथरूम जाने को उठा। जब मैं उठा तब मेरा ध्यान मामी की चूचियों पर गया जो साड़ी हटने के कारण ब्लाउज़ में से बाहर आने को बेताब थी। उनके वो गदराए कबूतर तो कयामत ही ढा रहे थे और उनकी साड़ी टाँगों के ऊपर चढ़ आई थी तो उनकी गदराई टांगें भी मुझे उत्तेजित करने के लिए काफ़ी थी।
मैं उनके बारे सोचता हुआ पेशाब करने बाथरूम गया और मैंने मुठ मार ली।
मैं लौटकर वापस आया वापस आया तो देखा कि उनकी चूचियाँ और बाहर आ गई हैं।
सच बताता हूँ दोस्तो, उनकी चूचियाँ मेरे लंड को फिर से खड़ा करने के लिए काफ़ी थी, मैं जाकर मामी के पास लेट गया। अब मैंने देखा उनके ब्लाऊज़ का हुक पीछे से खुल गया था, जिसके कारण उनकी गोरी चिकनी पीठ मुझे दिख रही थी।
मुझसे भी रहा ना रहा गया और मैंने धीरे से उनकी पीठ को चूम लिया। इस समय तक तो मेरे लॅंड राज महाराज मेरी चड्डी में घमासान मचा चुके थे !
मुझसे रहा ना गया और मैंने फिर मूठ मारने का निश्चय किया, अबकी बार मैंने बिस्तर पर ही अपनी चड्डी में से लंड बाहर निकाला जैसे कि पेशाब करते वक्त निकलते है और अब मैं ऐसी अवस्था में आ गया कि मामी की टाँगों के पास मेरा लंड और उनके पेट के पास मेरा मुँह हो, और मैंने उनकी टाँगों को देखते हुए मूठ मारनी चालू की। मूठ मारते वक्त मुझे उनके पेट और उनके बदन से आती मादक खुश्बू पागल किए जा रही थी, मुझसे रहा ना गया और मैंने उनके पेट पर एक चुंबन ले लिया।
मूठ के जोश में मैं बहुत ज़ोर से मूठ मार रहा था कि मेरा हाथ ज़ोर से मामी की टाँगों पर जा लगा जिससे की मामी की नींद खुल गई।
अब मैं बहुत घबरा गया।
मामी उठ कर बैठ चुकी थी और उन्होंने अपनी साड़ी ठीक करते हुए मुझे कहा- ये क्या कर रहे हो हर्ष?
मेरे दिल की धड़कनें तेज हो गई, मैंने तुरंत अपना लॅंड अपनी चड्डी में डाला और उनसे माफी माँगने लगा- मामी, मुझे माफ़ कर दो ! ग़लती हो गई !
मामी ने मुझे कहा- ये क्या कर रहे थे तुम? बताऊँ तुम्हारी मम्मी को?
मैंने सोचा कि आज तो मैं गया ! आज मेरी जमकर पिटाई होगी, मैंने मामी को हाथ जोड़कर कहा- मामी, मुझे माफ़ कर दो, आप जो बोलोगी, मैं वो करूँगा।
मामी ने मुझे कहा- मैं जो भी कहूँ, करोगे?
फिर उन्होंने कहा- अरे अपना इतना अनमोल वीर्य बर्बाद क्यों करते हो, इसे मुझे ही दे दो।
अब मैं समझ गया कि मामी की क्या इच्छा है।
अब मैं सीधे ही उन पर टूट पड़ा, मैंने उन्हें अपनी बाहों भरकर उनके अधरों का चूमना चालू कर दिया, फिर उनके चूचे दबाने लगा।
उन्होंने मुझे दूर करते हुए कहा- इतने उतावले क्यों हो रहे हो? ज़रा प्यार से करो, सारी रात हमारी है।
आख़िर अब उन्होंने खुद ही अपना ब्लाऊज़ उतार दिया और मुझे अपनी बनियान उतरने को कहा।
अब हम दोनों एक दूसरे की बाहों में बाहें डाल एक दूसरे को चूस रहे थे, मेरा एक हाथ उनकी गांड दबा रहा था और दूसरे हाथ से मैं उनकी पीठ सहला रहा था, उनका एक हाथ मेरे लंड पर था।
चिपकते चिपकते उन्होंने मुझसे कहा- मेरी प्यास बुझा दे हर्ष ! मैं कई सालों से प्यासी हूँ। तेरे मामा के ऑपरेशन के बाद से वो मुझे चोद नहीं पाए क्योंकि उनके पेशाब से खून आता है और वो नहीं चोद पाते।
मैंने उनसे कहा- मेरी प्यारी मामी, मैं आपको संतुष्ट कर दूँगा !फिर मैंने उन्हें साड़ी उतारने के लिए कहा और खुद भी अपनी पैंट और चड्डी उतार फेंकी। अब हम दोनों पूरी तरह नंगे बदन थे, सच कहता हूँ दोस्तो मेरी मामी का मस्त गदराया हुआ शरीर देख मेरा लण्ड 90 डिग्री पर आ गया था।
अब मैंने उन्हें अपनी बाहों में लिया और बिस्तर पर लेट गया इस तरह कि वो मेरे नीचे और मैं उनके ऊपर !
अब मैंने उनके गदराए हुए चुच्चों पर अपनी जीभ फेरना चालू की, उनके मुँह से कामुक सिसकारियाँ निकलने लगी। मैंने उनके एक चुचे को दबाना चालू रखा और मेरा दूसरा हाथ उनकी चूत सहला रहा था।
अब मैंने मामी के पेट पर अपनी जीभ फेरनी चालू की, कुछ देर मामी के पेट पर जीभ का जादू चलाने के बाद अब बारी थी उनकी चूत की !
अब मैंने अपनी जीभ को उनकी चूत के मुख पर फेरना चालू की, उन्होंने मेरा सिर दोनों हाथों से अपनी चूत में दबा दिया और अपने दोनों पैरों से मेरे सिर को भींच लिया।
उन्होंने कहा- हर्ष और मत तड़पाओ, अब मुझे लॅंड चाहिए !
मैंने उनकी बात का सम्मान करते हुए अपना लॅंड उनकी योनि पर लगाया और उनकी चूत के दाने और मुंह पर लॅंड फेरने लगा।
इससे उनकी उत्तेजना और भड़क उठी।
अब उनके मुंह से गाली निकल पड़ी- मादरचोद ! अंदर डाल !उनके मुंह से यह सुनकर मैं हैरान रह गया और देर ना करते हुए मैंने अपना लंड उनकी चिकनी हो चुकी चूत में पेल दिया। लंड आधा अंदर चला गया, मामी के मुंह से चीख निकल पड़ी।
चीख इतनी ज़ोर की थी कि मुझे लगा शायद उनकी चीख से कोई जाग तो नहीं गया !मैंने देर ना करते हुए मामी के मुंह पर हाथ रखकर एक ज़ोर का धक्का और लगाया और मामी की एक दबी दबी सी चीख निकल पड़ी।
अब मैंने अपनी चोदन-गति बढ़ाई और फिर मामी को पागलों की तरह चूमने लगा।
मैंने अपनी जीभ मामी की जीभ से लगा दी।
सच कहता हूँ दोस्तो, मामी का गदराया बदन मुझे ऐसा मज़ा दे रहा था कि मैं क्या बताऊँ !
मैंने अब मामी की चूचियों पर अपनी जीभ फिरानी चालू कर दी। मामी अपने चरम तक पहुँच चुकी थी।
मैंने अपने धक्कों की गति बढ़ाई और अपने अंतिम धक्कों पर मामी से पूछा- कहाँ स्खलित करुँ?
तो उन्होने कहा- मैं तुम्हारे गरम लावा को अपने अंदर महसूस करना चाहती हूँ !
और मैंने आखरी धक्कों में मामी की चूत अच्छे से मारी, मेरे लंड से लावा निकलने के बाद भी मामी अपनी चूत से संकुचन कर रही थी मानो उनकी चूत मेरे लॅंड की एक एक करके आखरी बूँद तक निचोड़ लेना चाहती हो।
उस रात मामी और मैंने तीन बार चुदाई की और जब भी मौका मिलता है, कर लेते हैं।
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]]> मैं हॉस्टल में पढ़ता था।साथ ही हमारे मौसेरे भाई भी आ जाते थे तो एक टोली बन जाती थी और हम सब खूब मौज करते थे.. क्योंकि हमारे नाना का परिवार उस क्षेत्र में अच्छी धाक रखता था। मेरे एक मामा जी की शादी भी उसी समय हुई थी और मामा जी की पढ़ते-पढ़ते उम्र भी काफ़ी हो गई थी।
जब उनकी शादी हुई उस वक्त मामी की उम्र उस समय कोई 18-19 साल की ही थी और वो अपने भाईयों के बीच अकेली बहन थीं।
उनको अपने परिवार की बहुत याद आती थी.. वो हमेशा रो-रो कर काम करती थीं और ऊपर से हमारी नानी भी थोड़ी सख्त मिज़ाज की थीं तो उनका मन और भी दुखी रहता था।
एक दिन शाम को मामी को मैं उन्हें समझाने लगा और मुझे नहीं पता कि कब वो मेरी दीवानी हो गईं।
उसके कुछ साल बाद मैंने हॉस्टल छोड़ दिया और मैं मामा जी के यहाँ रहने लगा।
एक बार पापा जी मुझसे मिलने आए तो मामी जी ने बोल दिया- राज को यहीं रह कर पढ़ने दो.. इनका पढ़ाई में मन लगा रहेगा.. क्योंकि यहाँ पर इनके साथ के लड़के भी हैं।
पापा ने उनकी बात मान ली और मुझे पता ही नहीं चला कि मामी के दिल में क्या चल रहा था।
मामा जी का एक कमरा और बरामदा था और ऊपर छत खुली हुई है।
मामी शाम को या सुबह जब खाना बनातीं तो मुझे अपने पास ही बैठा लेती थीं और हमेशा मेरे स्कूल की रोमान्टिक बातें पूछती थीं।
उनको जब ये पक्का विश्वास हो गया कि मैंने आज तक किसी लड़की या औरत की चूत नहीं मारी तो उनको बड़ी ख़ुशी हुई।
फिर उन्होंने मेरी पड़ोस की लड़की से सैटिंग करवा दी.. लेकिन सैटिंग करवाने से अब उनको उस लड़की से जलन होने लगी।
एक बार गर्मी के दिन थे मैं भी उनके कमरे में ही उनके बिस्तर पर लेटा था और वो भी अपने लड़के को दूध पिलाने के लिए बिस्तर पर लेट गईं।
कब उनको नींद आ गई.. पता ही नहीं चला और उनका हाथ मेरे ऊपर आ गया और मेरे गालों से उनका मुँह लग गया।
मैं जब जागा तो ये स्थिति देख कर पहले सोचने लगा.. पर इतने में उनकी आँख भी खुल गई और उन्होंने मुझे चूम लिया और बोली- बस इसके आगे कोई भी कदम कभी मत बढ़ाना।
मैं भी ‘हाँ’ कह कर उसके साथ लेट गया.. चूँकि मैं हॉस्टल का ऐसा अनुभवी शेर था.. जो शिकार को कभी छोड़ता नहीं था.. ये मेरा रिकॉर्ड था।
हम लोगों का धीरे-धीरे चुम्बन करना और मुँह में जीभ डाल कर मौज करना चलने लगा।
उसी वर्ष 16 सितंबर को मेरे साथ के लड़कों ने कहा- पिलुआ महाराज चलेंगे.. तैयार रहना.. पिलुआ महाराज एक बजरंगबली का ही रूप है उनका मंदिर यमुना की तलहटी में स्थित है।
मेरा मन जाने का नहीं था, वे सब लड़के चले गए।
उस दिन मामा जी भी कहीं गए हुए थे.. तो मैंने अपनी चारपाई मामी के करीब ही डाल ली और लेट गया।
अब मैं सभी लोगों के सोने का इंतजार करने लगा।
लगभग 11 बजे मामी ने मेरे हाथ में चिकोटी काटी..
मैं जाग गया और उनकी चारपाई पर पहुँच गया।
मैंने उनको चुम्बन करना शुरू कर दिया।
धीरे-धीरे मैंने उनको होंठों से चुम्बन करना शुरू कर दिया।
उसके बाद मैंने अपने गुरु जी से सुना था कि औरत में आदमी से आठ गुणा अधिक गरमी होती है.. बस ज़रूरत यह जानने की होती है कि किस औरत का काम कहाँ से जागता है।
सो मैंने उसको खोजना शुरू किया था।
मैंने उनकी गर्दन और कान के नीचे के हिस्से पर होंठों से और जीभ से चाटना और काटना शुरू किया और मामी ने अंगड़ाई लेने शुरू कर दी।
तभी उन्होंने उठ कर मुझसे कान में बोला- इधर कोई जाग जाएगा.. चलो कमरे में चलते हैं।
मैं भी उनके पीछे-पीछे चल दिया।
दोस्तो उस दिन को याद करके आज भी मेरा लण्ड खड़ा हो जाता है..
मैं जैसे ही नीचे उनके कमरे में गया.. वो तैयार बैठी थीं.. बोली- आज आपको मेरे साथ सब कुछ करना है.. मैंने जान लिया है कि तुम ही मेरी चूत की गरमी शान्त कर सकते हो।
मैंने पूछा- क्यों मामा जी नहीं करते हैं?
तो वो रोने लगी और मेरी गोद में अपना सिर रख कर बोली- उनका इतना मोटा है और वो बिना उत्तेजित किए ही मेरी चूत पर अपना लण्ड रख देते हैं और एक ही झटके में अन्दर घुसा देते हैं.. शुरू-शुरू में मैं कई बार बेहोश भी हो गई थी.. तुम्हारे मामा जी जब डालते हैं तो ऐसा लगता है कि किसी ने खूँटा घुसेड़ दिया हो..
मैं भी मन ही मन खुश हो रहा था और मैंने उनके आँसुओं को पोंछा और मैं उनके कपड़े उतारने लगा।
उसके बाद मैंने उनसे बोला- मैं जो भी करूँ आप मेरा साथ देती रहना.. बाकी मज़ा तो खुद आने लगेगा।
मैंने उनकी चूत को अपनी जीभ से चाटना शुरू किया तो बोली- क्या इसको चाटा भी जाता है?
मैंने कहा- मामी जी आप बस देखती जाओ कि क्या-क्या किया जाता है।
इस पर वो बोली- आप मुझे मेरे नाम नीरजा के नाम से बुलाओ। अब तो मैंने आपको अपना पति मान लिया है।
मैंने भी ‘हाँ’ कह कर उसकी चूत को चाटना बराबर चालू रखा।
उसके बाद वो भी उत्तेजित हो कर मेरे लण्ड को मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह से चाटने लगी और मैंने अपने लण्ड को धक्के देने शुरू कर दिए।
दोस्तो, मेरा लण्ड ज्यादा मोटा तो नहीं है लेकिन लंबा 8 इंच का है और मोटा केवल ढाई इंच ही है।
अब मैं सोचने लगा कि ये वही औरत है.. जो कहती थी कि यदि आपने कुछ ग़लत काम किया तो मैं मर जाऊँगी और अब ये तो खुद ही मेरे लण्ड को अपनी चूत में लेने को आतुर है।
लौड़ा चूसते-चूसते एक समय ऐसा आया कि उसका बदन अकड़ने लगा और उसके बाद वो शान्त हो गई।
मैं समझ गया कि इसका माल निकल गया है और मैं भी उसको कोई तकलीफ़ नहीं देना चाहता था क्योंकि तकलीफ़ की वजह से तो वो मुझसे चुदना चाहती थी।
अब मुझ पर भी चुदाई की खुमारी चढ़ने लगी और मैंने उसको चित्त लिटा कर अपने गुरुदेव का नाम लेकर लण्ड घुसाना चालू किया।
अभी टोपा ही गया था कि वो उचकने लगी।
मैंने बोला- कोई दिक्कत हो रही है?
उसने कहा- मेरे पति से ज्यादा दिक्कत तो होगी नहीं.. आप अपना काम करते रहो..
मैंने भी काम चालू रखा और मेरी एक ख़ासियत है या कमी.. मैं नहीं जानता कि मेरा पहली बार में दस-बारह मिनट में ही झड़ जाता है और उसके बाद दूसरी बार में यदि 40-45 मिनट में भी झड़ जाऊँ तो वो लड़की की किस्मत… वर्ना एक घंटे से पहले झड़ने का सवाल ही नहीं है।
मैंने उसको कई आसनों से चोद कर उसकी चूत की तृप्ति की और ये काम तो फिर चल निकला। मेरी और भी मामी थीं..
वो कहने लगीं कि राज तो अब शादी करेगा नहीं.. उसने तो मामी के घर में हिस्सा डाल लिया है।
दोस्तो, 2007 में मेरी मामी मुझसे अलग रहने लगीं और मैं अपने घर वापस आ गया।
उसके बाद मुझे पता चला कि वो अब अपने देवर से लग गई हैं और उससे ही चुदवाती हैं।
मैंने ये बात उससे ही पूछना चाहा तो उसने कसम देकर मुझे चलता कर दिया।
उसके बाद मैं एक परीक्षा देने लखनऊ देने जा रहा था तो लोग बताते हैं कि आपको जो भी प्यार करता हो उसका चुम्मा ले कर जाओ.. तो इम्तिहान अच्छा होता है।
उस दिन शाम का धुंधलका सा था। मैंने जैसे ही गैलरी में कदम रखा, तो दूर से मुझे ऐसा लगा कि मामी सोफे पर अपने किसी की गोद में बैठ कर चुम्मा-चाटी कर रही थीं।
मैंने देखा तो मेरी पैरों के तले से ज़मीन खिसक गई और मैंने सोचा कि हो सकता है.. ये उसका पति ही हो।
मैंने उसके पति को फोन किया तो उन्होंने बताया कि मैं तो गाँव गया हूँ।
फिर मेरा शक पक्का हो गया कि ये एक नम्बर की चुदैल थी..
ये तो मेरे साथ नाटक कर रही थी और उसने मेरे ऊपर एक और इल्ज़ाम लगा दिया कि तू भी तो अपनी भाभी की चूत मारता है तो इसमें मैं क्या बुरा करती हूँ।
दोस्तो, बताओ मैंने उसके साथ कोई धोखा तो किया नहीं..
फिर उसने मेरे साथ ऐसा क्यों किया..
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]]> https://hothindisexstory.com/sexy-mami-ki-chudail-choot-ko-choda-desi-kahaniya/feed/ 0 5866The post Seema Mami ko sardi ki raat mein choda appeared first on .
]]> मेरा नाम समर है ओर मेरी पत्नी का नाम सीमा. हमारी शादी को 16 साल हो चुके है मगर चुदाई मे अभी भी उतनी ही गर्मी है जो शादी के टाइम पर थी. इस का कारण है हमारा एक दूसरे के लिये प्यार ओर इज़्ज़त. शादी के वक़्त मेरी उमर 24 ओर सीमा की 22 साल थी. सीमा बिल्कुल भोली ओर कुवारी थी पर मैं शादी के पहले 5 लड़कियों को चोद चुका था पर. 5 लड़कियों को चोदने का एक फायदा यह हुआ था की मुझे समझ आ गयी थी की तुम अगर लड़की को प्यार ओर इज़्ज़त दोगे तो वो तुम्हारे लिए कुछ भी करने को तैयार होगी.जैसे कि सब को पता है Indian शादी मे रात को कितनी देर हो जाती है. अगर उसके के बाद तुम यह सोच कर “कि आज तो मेरी सुहाग रात है ओर बीवी की चुदाई मेरा हक़ है” जा कर बीवी पे चढ़ जाओ तो उसमे कोई बहादुरी या समझदारी नही है. सुहागरात को मैने सीमा को प्यार से अपनी बाहों मे ले कर कहा “आज बहुत थक गयी हो ना” तो उसने शरमाते हुए सिर हिला के हामी भरी. मैने कहा “तो आज आराम करते है ओर जो आज रात को करना था वो कल करलेंगे”. सीमा को यह सुन कर बहुत हैरानी हुई ओर वो बोली “सच! तुम मेरे लिए कल तक का इंतज़ार करोगे”. मैंने कहा इस मैं हैरान होने की क्या बात है. सुहाग रात जितनी मेरे लिए मायने रखती है उतनी ही तुम्हारे लिए भी तो रखती है. मैं चाहता हूँ की तुम्हारी सुहाग रात की याद तुम्हारे लिए भी उतनी ही खूबसूरत हो जितनी मेरे लिए. यह सुन कर उसने मुझे ज़ोर से अपनी बाहों मे भर लिया ओर कहा “ओह समर तुम्हे बिल्कुल भी अंदाज़ा नही है कि तुम्हारे लिए मेरे दिल मे कितनी इज़्ज़त ओर प्यार बढ़ गया है. I Love you sooooo soooooo much”. ओर यह कह कर वो मेरी बाहों मे सिमॅट गयी. हम एक दूसरे की बाहों मे बातें करते करते ना जाने कब सो गये पता ही नही चला. अगले दिन सुबह सब लोग हमे देख कर मुस्करा रहे थे पर हमने किसी पर कोई ध्यान नही दिया. दोपहर कि फ्लाइट से हम दोनो अपने honeymoon के लिए रवाना हो गये. होटेल मे पहुँच कर हम लोगों ने चेंज किया ओर घूमने निकल गये. रात को सीमा ने मुझ से कहा “मुझ को सुहाग रात के बारे मैं पता तो है पर मैं आज तक किसी लड़के के साथ नही गयी हूँ.” मैंने कहा कि “तुम बिकुल भी चिंता ना करो. बस अगर कोई चीज़ ठीक ना लगे तो मुसझे बोल देना” ओर उसने सिर हिला कर हामी भर दी.
हम दोनो होटेल के शानदार डबल बेड पे लेट कर बाते कर रहे थे जब सीमा ने बताया कि चाहे वह बिलकुल कुवांरी है, पर शादी के २ महीने पहले से उसने डॉक्टर से सलह कर के बर्थ कंट्रोल कि पिल्स लेना शुरू कर दिया था. मैंने पूछा “सीमा तुम्हे पता है कि लड़के ओर लड़की के अंगो क्यो क्या कहते हैं. सीमा ने कहा “क्यों नही. लड़की की vagina होती है ओर लड़को का penis”. मैं हस पड़ा ओर बोला हिन्दी मे क्या कहते हैं. वो शर्मा गयी ओर बोली “धत!” मेरे ज़ोर देने पर बोली “लड़की की चूत ओर लड़के का लंड”. फिर मैंने पूछा की breasts को क्या कहते है तो बोली “छातियां”. मैंने कहा हां पर इन सब के कई नाम हैं. लंड को लौड़ा, चूत को फुददी, छातियों को चूचियाँ ओर म्मे भी कहते है. फिर मैंने कहा “तुम ने कभी किसी लड़के का लंड देखा है” तो उसने शर्मा के कहा नही. मैं यह सुन के हल्के से हस दिया ओर उसे अपने ओर भी करीब खींच लिया. उस की ठोड़ी से सिर थोड़ा ऊँचा कर के हल्के से उस के गुलाबी होट्टों को अपने होट्टों मैं ले लिया ओर उसने अपनी आंखे बंद कर ली. मैंने कहा “आँखे खोलो ओर बताओ कि क्या अच्छा लगा” ओर उसने आहिस्ते से कहा “हाँ”. उसके गुलाबी गालों का रंग उसके गुलाबी होटों से मिल रहा था ओर उसका गोरा बदन गुलाबी nighty मे कहर ढा रहा था. मैंने उस की आँखो मे देखते हुए उस की nighty की डोरी खोल दी ओर उसके हसीन म्मे कमरे की रोशनी मे जगमगा उठे. उसने nighty के नीचे bra नही पहनी थी सिर्फ़ गुलाबी रंग की panty पहन रखी थी. मैंने अपना एक हाथ उसके एक म्मे पर रख दिया ओर एकदम से उस के जिस्म मे हुई झुरझुरी को महसूस किया. फिर मैंने कहा अब तुम्हारी बारी है मुझे kiss करने की. उसने धीरे से मेरा नीचे का होंट अपने होटों मे ले कर हल्के से चूसना शूरू कर दिया.
मैंने आहिस्ते से उस के दोनो म्मे nighty मे से बाहर निकाल दिए ओर धीरे से उसके nipples को सहलाने लगा जिस से उसके nipples सख़्त हो कर खड़े हो गये. सीमा के म्मे एक दम सख़्त ओर सीधे खड़े थे कोई झोल या ढीलापन नही था. मेरा लंड तन कर खड़ा था पर मैंने अपना सारा ध्यान सीमा को आहिस्ता आहिस्ता गर्म करने मे लगाया था ताकि उसे ऐसा मज़ा आए की वी पहली चुदाई को हमेशा याद रखे. मैं सीमा के होठों को चूमते हुए उस के गालों से होता हुआ उसके कानो तक अपना मुँह ले गया ओर उसके कान की लो को धीरे से अपने होठों मे ले कर जीभ से हल्के से मसलने लगा. आप को शायद मालूम हो की चूत के दाने (clitoris) ओर म्मो के nipples की तरह कानो की लो भी बहुत sensitive होती है. चुंबन उसके कानो की लो का ले रहा था पर पानी उसके चूत छोड़ रही थी क्यो की अबतक मेरा दूसरा हाथ सीमा की दोनो टाँगो के बीच मे पहुँच चुका था. उस की गुलाबी panty जो की एक thong था (thong सिर्फ़ चूत को थोड़ा सा ढक्ता है पीछे से एक पतली सी डोरी चूतरो की दरार मे से जाती है तो ऐसा लगता है की चूतर बिल्कुल नंगे हैं) ओर उसकी नाज़ुक चूत को ढकने मे बिल्कुल ही नाकामयाब था. मेरे होंट अपना काम कर रहे थे ओर मेरे हाथ बता रहे थे की सीमा की चूत कितनी गीली हो रही थी. मैने धीरे धीरे अपने होट उसके कान से नीचे लाने शूरू किए ओर उसकी गर्दन से होते हुए नीचे उसकी चुचियों तक पहुँचे ओर फिर उसके nipples को चूसते हुए नीचे पेट तक पहुँच गये. सीमा का पूरा बदन हल्के से कांप रहा था ओर मुँह से हल्की हल्की सिसकारियों के बीच “ओह जानू, आह जानू” की आवाज़े निकल रही थी.
उसके गीली panty से मुझे इतना पता चल चुका था की उसने चूत के बाल कटे तो थे मगर बिल्कुल साफ नही थे. पेट से नीचे आते आते मेरा मुँह अब उसके चूत तक आ पहुँचा था. मैंने धीरे से उसके चूतर उठा कर उसकी panty भी उतार दी. सीमा खूबसूरत थी यह तो ज़ाहिर था मगर उसका बदन ऐसा होगा मुझे भी तभी पता चला. बदन क्या था जेसे सोने का बना था. उसका एक एक अंग जेसे खुदा ने खुद तराशा था. गोरा रंग, सख्त चुचीयाँ, गुलाबी चूत करीने से तराशी हुई काली झांटो के बीच मे से झाँक रही थी. मैं तो बस पागल हुआ जा रहा था. सीमा के सामने वो 5 लड़किया जिन्हे मैं अब तक चोद चुका था मिल कर भी मुकाबला नही कर सकती थी. सीमा की साँस अब काफ़ी तेज हो चुकी थी. मैंने अपना मुँह ओर नीचे लेजा कर उसकी चूत पर रख दिया ओर अपनी जीभ से उसकी चूत के दोनो होंट खोल दिए. जीभ को थोड़ा सा उसकी चूत मैं डाला तो सीमा तड़प उठी. मैं अपनी जीभ से कभी उसकी चूत के दाने को सहला रहा था ओर कभी उसकी चूत के अंदर बाहर कर रहा था. सीमा की सिसकारियाँ तेज हो रही थी ओर वो बार बार “ओह जानू ओ जानू यह क्या कर दिया मेरे तो सारे जिस्म मे आग लगी हुई है.” कह रही थी ओर अपने चूतर उठा उठा कर मेरे मुँह पे लगा रही थी.
मैंने अपना मुँह उसकी चूत से हटा कर अपनी बीच की उंगली थोड़ी सी उसकी चूत मैं डाल दी ओर अपना मुँह उसके कान के पास ला कर कहा, “रानी, क्योंकि आज तुम्हारे लिए पहली बार है तो जब मेरा लंड तुम्हारी चूत मैं जाएगा तो थोड़ा दर्द होगा. तुम्हारे दर्द को कम करने के लिए मैंने तुम्हे इतना गरम किया है की तुम्हारी चूत पानी पानी हो रही है. पर फिर भी अगर तुम्हे दर्द ज़्यादा हो तो एक दम से बोल देना मैं अपना लॅंड बाहर निकल लूँगा. तो क्या लॅंड लेने को तयार हो?” सीमा की हालत खराब हो रही थी. वो बोली “हाँ जानू मेरे पूरे बदन मे ओर खास कर के मेरी चूत मे जेसे आग लगी हुई है. अगर लॅंड डालने से ये आग बुझ जाएगी तो मैं दर्द बर्दाश्त कर लूँगी. बस तुम अपना लॅंड डाल दो अब मेरी चूत मैं.” मैंने अपनी उंगली उसकी चूत से निकाली, सीमा की चूतड़ो के नीचे तकिया रखा ओर उस की टाँगो के बीच मे बैठ कर अपने लॅंड को सीमा की चूत के मुँह पे रख दिया ओर हल्का सा दबाव डाला. लॅंड का सुपाड़ा चूत मे घुस गया. मैंने सीमा का चेहरा अपने हाथो मैं ले कर पूछा “कुछ महसूस हुआ” तो उसने सिर हिला कर कहा की हाँ अंदर गया है.
मैंने पूछा की दर्द हो रहा हा तो उसने कहा नही अभी नही. मैंने लॅंड को थोड़ा ओर धक्का दिया तो लॅंड ओर अंदर तो गया पर उसे थोड़ी रुकावट महसूस हुई. मैं समझ गया की लॅंड सीमा की चूत की झिल्ली तक आ पहुँचा था. मैने सीमा को कहा की अगला धक्का तुम्हारी झिल्ली को तोड़ेगा ओर दर्द होगा. सीमा ने अपने आप को दर्द के लिए तयार कर लिया ओर मैने अपने लॅंड को थोड़ा ओर धक्का लगाया ओर वो झिल्ली को तोड़ कर चूत मे ओर आगे घुस गया. सीमा के मुँह से हल्की सी दर्द की सिसकारी निकली जिसे उसने अपने होटों को दांतो मैं दबा कर सहन कर लिया. लेकिन साथ ही साथ अपनी चूत को भी सिकोड लिया जिस से मेरे लॅंड पर चूत का दबाव ओर बड़ गया ओर मुझे लगा की मैं जन्नत मैं पहुँच गया हूँ.कुछ सेकेंड्स तक हम दोनो ऐसे ही लेट कर पडे रहे. फिर सीमा का दर्द कम होना शूरू हो गया तो उसने अपनी टाँगे ओर चूत का दबाव कम किया. मैने एक बार फिर सीमा से पूछा “तुम ठीक हो या लॅंड बाहर निकाल दूं.” सीमा ने कहा “नही अब ठीक है. लॅंड अंदर ही रहने दो” मैने धीरे धीरे लॅंड के धक्के लगाने शूरू कर दिए. हर धक्के के साथ लॅंड ओर भी आसानी के साथ चूत के अंदर बाहर होने लगा. सीमा को भी अब मज़ा आने लगा था. मैने उसे कहा की जब मैं नीचे धक्का लगाता हूँ तो उस वक़्त तुम अपने चूतड़ो को उठा कर उपर की तरफ़ धक्का दो. इससे लॅंड पूरा चूत की गहराई तक जाएगा तो उसने हामी भर दी. उसके बाद तो जेसे हमारा ताल मेल जम गया. मैं उपर से लॅंड को धक्का मारता था ओर सीमा नीचे से चूत को. हर धक्के के साथ सीमा की मदहोशी बढ़ती ही जा रही थी.
उसके मुंह से तरह तरह की आवाजे निकल रही थी. उसकी बाँहों ने मुझे जकड रखा था और उसकी उँगलियों के नाखून मेरी पीठ मैं घुसे जा रहे थे. मेरे धक्को की रफ़्तार बढ़ती जा रही थी और सीमा बार बार कह रही थी “जानू जानू यह मुझे क्या हो रहा है” और अपनी टाँगे और ऊपर उठा रही थी. मैंने उसकी टाँगे अपने कंधो पर रख ली और और उसे थोड़ा और करीब खींच लिया. मेरा लंड जैसे पिस्टन बन गया था. सीमा कि गीली चूत में से लंड बिलकुल एक पिस्टन की तरह ही अंदर बाहर हो रहा था. सीमा का जिस्म एकदम से ऐसे कांपा और उसने मुझे इतनी जोर से जकड़ा की मैं समझ गया की उसका पानी झड़ गया है.कुछ ही सेकण्ड्स के बाद मेरे लॅंड ने भी अपना फवारा छोड़ दिया और हम दोनों पसीने से तर एक दूसरे की बाहों में लिपटे यूँही पड़े रहे. थोड़ी देर यूँही लेटे रहने के बाद हमें बिस्तर कुछ गीला सा लगा. देखा तो सीमा की चूत के पानी से जिसमे थोड़ा सा लाल खून भी नजर आ रहा था बिस्तर गीला हो गया था. मैंने कहा कि हाउसकीपिंग को फ़ोन कर के चादर बदलवा लेते हैं तो सीमा बोली ” बुद्धू हो क्या! हाउसकीपिंग वाले क्या समझेगें.” मैंने कहा कि “यही के हम ने अभी अभी जम के चुदाई की है” सीमा ने शर्मा के कहा “धत बदमाश कंही के” और बाथरूम से २ तोलिये ला कर गीली जगह पर बिछा दिए और मेरी बाँहों में सिमट कर लेट गयी.मैंने पूछा कि उसे कैसा लगा. दर्द हुआ था क्या. तो सीमा ने कहा नहीं बहुत मामूली सा दर्द हुआ था और मुझे होटों पर किस कर के बोली थैंक यू. मैंने कहा वह किस लिए तो बोली मुझे इतने प्यार से और आराम से चोदने के लिए. मेरी एक सहेली ने बताया था कि उस के पति ने सुहागरात को इतनी जोर से चोदा था कि वो दर्द से चिल्ला रही थी पर उसके पति को कोई परवाह ही नहीं थी. वह तो सिर्फ अपनी भूख मिटा रहा था.
सच्ची कहूँ तो मेरे दिल मैं भी थोड़ा सा डर था कि अगर तुम भी वैसे निकले तो. पर तुमने पहली रात से ही मेरा दिल जीत लीया. अगर कोई कसर रह गई थी तो आज तुमने जिस पेशेंस के साथ मुझे तय्यार किया तो वह भी सब दूर हो गयी. “हम तो जनाब आप के गुलाम हो गए हैं.” सीमा ने हँसते हुए कहा. मैंने प्यार से सीमा को एक हल्का सा चुम्बन दिया और कहा “हम भी आप के गुलाम हो गए हैं. पर क्या आप हमारे लिए एक काम करोगी” सीमा ने कहा “बिलकुल जो बोलोगे” मैंने कहा कि तुम अपनी चूत के बाल छोटे तो करती हो पर क्या तुम इन्हे बिलकुल ही साफ़ कर सकती हो. मुझे बिकुल साफ चूत बहुत अच्छी लगती हा. “बस इतनी सी बात. समझ लो हो गया” और मेरी बाहों मैं और भी सिमट गयी और हम दोनों यूं ही एक दुसरे कि बाहों मैं लिपटे हुए सो गए.
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