दोस्तो, आपने भी सुना होगा कि बड़े शहरों में कई लोग अपनी बीवी को अदल-बदल कर सेक्स का मजा लेते हैं। इसे अंग्रेजी में स्वेपिंग कहते हैं। मुझे भी इस स्वेपिंग का मजा लेने का मन हुआ। मैंने अपनी बीवी को इस स्वेपिंग के बारे में बताया तो उसे भी इसमें मन होने लगा। फिर हमने इन्टरनेट के माध्यम से कई लोगों से बाते की, हम लोग उनके घर जाते थे और कई लोग हमारे घर आते थे।
एक बार रात को एक जोड़ा हमारे घर आया, उनका नाम अविनाश और मनीषा था, यहाँ पर मैंने नाम बदले हुए हैं। हमारे बच्चे दूसरे कमरे में सो रहे थे तो हमने अपनी बीवियों को अदल-बदल कर बातें करने का और कुछ सॉफ्ट-स्वेपिंग करने का सोचा।
एक कमरे में मैं और मनीषा और दूसरे कमरे में मेरी बीवी और अविनाश चले गए। मैंने मनीषा के गालों और होंठों पर एक चुम्बन किया और उसके मम्मे दबाये तो वो बहुत उत्तेजित हो गई और मेरा 7 इंच का लंड भी खड़ा हो गया। उसकी बीवी मेरा लंड दबाने लगी। फिर मैंने उसके होंठों पर एक लम्बा चुम्मा लिया और उसके मम्मे बाहर निकाल कर चूसने लगा।
फिर मैं उसकी चूत के पास जाकर कपड़े के ऊपर से ही उसकी चूत को चाटने लगा। अब वो बहुत उत्तेजित हो गई थी। हम दोनों अब पूरी तरह सेक्स के लिए तैयार थे पर हमें सॉफ्ट-स्वेपिंग ही करनी थी इसलिए हम वहाँ पर ही रूक गए।
थोड़ी देर में हम चारो साथ में आ गए। फिर हमने किसी और दिन पूरा स्वेपिंग करने के लिए मिलने का सोचा। मेरी बीवी ने भी अविनाश के साथ सॉफ्ट स्वेपिंग की।
जब वो दोनों हमारे घर से चले गए तो मैंने अपनी बीवी को पूछा- तुम्हें कैसा लगा?
तो उसने बताया- सॉफ्ट-स्वेपिंग ठीक है, पर मैं फुल स्वेपिंग करना नहीं चाहती। अगर तुम्हें पसंद हो तो तुम उसके घर पर जाकर फुल स्वेपिंग कर लो।
फिर मैंने सोचा अगर मेरी बीवी फुल स्वेपिंग के लिए तैयार नहीं है तो हमारी बात अब आगे नहीं बढ़ेगी।
दूसरे दिन अविनाश और मनीषा का फ़ोन आया और मिलने के लिए पूछा तो मैंने कहा- मेरी बीवी फुल स्वेपिंग के लिए तैयार नहीं है।
तो उस लोगों ने कहा- तो कोई बात नहीं ! पर हम चारों लोग ऐसे ही सम्बन्ध तो रख सकते हैं ना?
मैंने उसके लिए अविनाश को हाँ बोल दिया। फिर हम चारों कभी कभी एक दूसरे के घर आते-जाते रहते थे पर केवल बातें ही करते थे।
एक दिन मेरी बीवी अपने मायके किसी काम से दो दिन के लिए गई थी। मैंने रात को नौ बजे ऐसे ही अविनाश से फ़ोन पर बात की तो उसने मेरी बीवी के बारे में पूछा।
मैंने बता दिया- वो मायके गई हुई है।
रात को मैं सो गया था कि अचानक रात को दो बजे अविनाश का फ़ोन आया और मुझे अपने घर बुलाया।
मैं उसे ना नहीं बोल सका और मैं फ्रेश होकर रिक्शा में बैठकर उसके घर तीन बजे पहुँच गया।
अविनाश ने मुझे अन्दर बुला कर अपने कमरे की लाइट बंद कर दी क्योंकि दूसरे कमरे में उसके बच्चे सो रहे थे। अविनाश ने मुझे पलंग पर आने को बोला।
मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा दिन भी आयेगा, अविनाश की बीवी मनीषा पूरी नंगी सो रही थी।
मैंने उसके पूरे बदन पर हाथ फेरना चालू कर दिया तो वो उत्तेजित हो गई और उसने मेरा लंड पकड़ लिया। मैंने भी अपने पूरे कपड़े निकाल कर अपना लंड मनीषा के हाथ में दे दिया।
फिर मैं मनीषा के मम्मे चूसने लगा और पूरे बदन पर चुम्बन करते हुए उसकी चूत के पास पहुँच गया और उसकी चूत में मैंने अपनी जीभ डाल दीम जोरों से चाटने लगा।उसकी चूत पूरी तरह गीली हो गई थी तो मैंने उसका सारा पानी चाट लिया। अब मनीषा भी मेरा लंड चूसने लगी तो मैं भी बहुत उत्तेजित हो गया। अविनाश भी पूरी तरह नंगा था, वो भी मनीषा के मम्मे चूस रहा था।
अचानक मनीषा ने मेरा मुँह उसके पति अविनाश के लंड तरफ कर दिया और उसका लंड चूसने का इशारा किया।मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि ऐसा भी मेरे साथ होगा पर अविनाश को खुश करने के लिए मैंने उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा।
कहानी में ये वाकया में नहीं बताऊँ तो भी चलता लेकिन ये वाकया मैं नहीं बताऊँ तो मेरी कहानी सच्ची कहानी कैसे कहलाती। अब अविनाश को भी बड़ा मजा आने लगा।
बाद में अविनाश मेरे पास आकर मेरा लंड चूसने लगा और मनीषा को भी साथ में चूसने के लिए बुला लिया। अब वो दोनों मेरा लंड बारी बारी से चूस रहे थे, इतना मजा पहले मैंने कभी नहीं लिया था।
फिर अविनाश ने मुझे नीचे लेटने को कहा और मनीषा को मेरे ऊपर आकर सेक्स करने का बोला तो वो ऊपर आ गई और मेरा लंड अपनी चूत में लेकर जोर से हिलने लगी। उसी वक्त अविनाश ने पीछे से ऊपर आकर मनीषा की चूत में उसका लंड डाल दिया।अब मनीषा की चूत में मेरा और अविनाश दोनों के लंड थे। हम तीनों बहुत मजा ले रहे थे, पूरे कमरे में मनीषा की आह आह की गूंज सुनाई दे रही थी। वास्तव में ही मनीषा बहुत सेक्सी लड़की थी और बहुत कामुक भी क्योंकि उसकी सेक्स की तृष्णा ख़त्म ही नहीं हो रही थी।फिर बाद में मैं मनीषा की चूत चाटने लगा तो उसने मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत में डालने की कोशिश की। वो जोर से मेरा सर अपनी चूत में डाल रही थी और मैं उसकी चूत चूस रहा था।
अब वो झड़ने के लिए तैयार हो गई थी तो मैं उसके ऊपर आकर अपना लंड उसकी चूत में डाल कर सेक्स करने लगा। थोड़ी देर के बाद वो झड़ गई और मैं भी झड़ गया। अविनाश तो पहले ही जड़ चुका था।
उस रात को हम 3 बजे से 5 बजे तक सेक्स करते रहे और सेक्स का पूरा मजा लेते रहे। फिर में 5 बजे ही अपने घर जाने के लिए निकल गया क्योंकि उनके बच्चों की नींद खुल जाए तो परेशानी हो सकती थी।