मुझे सेक्सी कहानी पढ़ने और लिखने का बहुत शौक है. मैंने बहुत ही कहानी लिखी है और लोगो ने उन्हें पसंद भी किया है. आज फिर से मैं आप लोगो के लिए अपने जीवन की एक एक्सपेरिमेंट सेक्स एक्सपेरिमेंट की कहानी लिख रहा हु. मुझे सेक्स में एक्सपेरिमेंट करना और उसको थोड़ा डर्टी बनाना बहुत पसंद है और मुझे मज़ा भी आता है. यकीं मानिये दोस्तों, आप कभी तरी कीजियेगा, आपकी बीवी, गर्लफ्रेंड दोनों को मज़ा आएगा. ये स्टोरी है मेरे और मेरी भाभी के बीच की, कि कैसे हम दोनों ने दही स्नान किया. फिर मैं अपनी माँ को बोला, कि आज मैं जा रहा हु. तो वो कहने लगी, कि बेटा अपना ख्याल रखियो. और मैंने अपने घर से भाभी के घर की तरफ निकल पड़ा.
थोड़ी दूर जाते ही, मैंने भाभी को फ़ोन किया, कि मैं आ रहा हु. तो वो खुश हो कर कहने लगी, जल्दी आओ. तुम्हारे बिना अब रहा नहीं जा रहा. फिर मैंने रास्ते से २ किलो दही ली और चल दिया. और थोड़ी ही देर में, मैं उसके घर पर पहुच गया. मैंने डोरबेल बजायी और भाभी ने नीचे आकर के दरवाजा खोला और मैं तो उसे देखता हो रह गया. वो बिलकुल लाल कलर की साड़ी पहने हुए थी. बिलकुल नहाई धोयी हुई. अपने होठो पर लाल कलर की लिपस्टिक लगायी हुई थी उसने. ये सब देख कर तो मेरा लोडा वेसे ही खड़ा हो गया. और उसने अपना एक हाथ बढाया और कहने लगी.. आओ मेरे साजन.. आप ऊपर बैठो, मैंने जीने की कुण्डी लगा कर आती हु.
फिर मैं ऊपर जाकर उसके बेडरूम में बैठ गया और वो थोड़ी देर में ऊपर आ गयी और आते ही मेरे पैरो के पास बैठ गयी. वो कहने लगी, क्या आदेश है मेरे स्वामी? मैं हंस पड़ा और उस से कहने लगा, ये क्या हो गया है आज तुम्हे? मुझे लगा था, कि भाभी ने आज या तो कोई पुरानी फिल्म देख ली है या कोई पुरानी किताब मिल गयी है उनको. जिसकी वजह से वो इस तरह का व्यवहार कर रही थी. तो वो कहने लगी, आज हमारी सुहागरात है स्वामी. ख़ैर जो भी था. मुझे मज़ा आ रहा था. आज भाभी फुल मूड में थी और मैं उस मूड को बेकार की बातो में ख़राब नहीं करना चाहता था. जो भी वो कर रही थी, कर तो मेरे लिए ही रही थी. फिर मैंने उसे उठाया और उसके लाल – लाल होठो को जोर से चूसने लगा. फिर एक हाथ को उसकी साड़ी में डाल दिया और उसकी चूत में ऊँगली करने लगा.
वो अब फुल गरम हो चुकी थी. बहुत ही तेज – तेज सिस्कारिया ले रही थी वो अहहाह अहहाह अहहाह अहहः अमममम ह्म्म्मम्म ह्म्म्म उह्ह्हह्ह उम्म्म्मम्म… अहहाह करके.. अहहहः अहहहः अहहहह्हा अहहहः अहहहः अहहहः… उसकी कामुक आवाज़े पुरे कमरे में गूंज रही थी. फिर मैंने उसकी साड़ी भी खोल दी. फिर उसका पेटीकोट और फिर ब्लाउज भी खोल दिया. वो मेरे सामने पूरी की पूरी नंगी खड़ी हुई थी. और मैं देख कर हैरान रह गया. उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. जब मैंने उसकी चूत पर हाथ फेरया, तो बड़ा अच्छा लगा. मैंने कहा – सुबह तो बहुत बड़ी – बड़ी झांटे थी तुम्हारी चूत पर? तो वो कहने लगी, आज हमारी सुहागरात है ना.. इसलिए मैंने झांटे साफ़ कर ली. जिस से मेरे साजन को और भी ज्यादा खुश हो जाए.
उसकी ये सब बातें सुनकर मैं और भी ज्यादा गरम हो गया और मेरा लोडा और भी टाइट हो गया. मैं पागलो की तरह उस से चूमने लगा उसके होठो को. आज कुछ ज्यादा ही मीठे लग रहे थे. मैं उसके होठो को बड़ी जोर – जोर से मज़े लेकर चूस रहा था. जिस से पच पच पच की आवाज़े आने लगी थी और पुरे कमरे में गूंज रही थी. अब मैंने भी धीरे – धीरे अपने सारे कपड़े उतार दिए और मैंने भाभी की गांड के नीचे दो तकिये लगा दिए. जिस से उसकी फूली – फूली चूत ऊपर की ओर मेरे सामने आ आ गयी. अब मैं नंगा ही उठा और उसकी चूत के दोनों मुहाने को अपने हाथो से खोला और पूरी जीभ अन्दर डाल कर उसकी चूत को चाटने लगा.अब वो भी पागल होने लगी थी और इधर – उधर उछल रही थी.. और सिस्कारिया तो अब और भी तेज तेज निकल रही थी अहहाह अहहाह अहहाह उम्म्मम्म उम्म्म्म उम्म्म्म उम्म्म हाहाह अहहाह म्मम्म म्मम्म उम्म्म्म उम्म्म अहहः अहहाह करेक. फिर मैं उठा और किचन में गया. जो मैं दही लेकर आया था, उसे ले आया और उसके पुरे बदन पर गिरा दिया. वो कहने लगी, कि ये क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा – बिलकुल चुप बस देखती रहा… फिर मैंने सारी दही उसके बदन पर लगा दी.
और फिर मैं उसे चाटने लगा. जिस से वो और भी जायदा पागल होने लगी थी. थोड़ी सी दही बच गयी थी. मैंने उस से कहा – ऐसे करके अपनी चूत को खोलो. फिर उसने अपने हाथो से अपनी चूत का मुह खोला और एक चम्मच लेकर मैंने वो दही उनकी चूत में भर दी. दही एकदम ठंडी – ठंडी थी और जैसे ही मैंने वो दही भाभी की चूत में डाली, वो एकदम से अहहः अहहह्हा अहहहः अहहहः करके अजाजजा अजजजाज ऊऊहोहोहोह्होह करके सिस्कारिया लेने लगी और अपनी मुठ्ठी में चादर को भिचने लगी.फिर मैंने उसको चाटना स्टार्ट किया और पहले उसकी आँखों पर से फिर उसके माथे पर से और फिर उसके होठो पर से.. मैंने उसके होठो पर जायदा टाइम लगाया. क्योंकि उसके गुलाबी होठ और ऊपर से खट्टी दही .. सेक्स का मज़ा ट्रिपल हो चूका था. फिर उसके चुचे और फिर उसके पेट पर जब मैंने चाटना शुरू किया, तो उसने मेरा सिर पकड़ा और उसको अपने शरीर में दबाने लगी. वो बोल रही थी – आई लव यू… मत तरसाओ… कुछ करो ना… प्लीज.. मैं पागल हुए जा रही हु… मेरी चूत की आग को तुमने बहुत ज्यादा बड़ा दिया है आज.
फिर धीरे – धीरे मैंने उसका पूरा बदन चाटा और अंत में जब मैं उसकी चूत पर आया, तो जैसे ही मैंने उसकी चूत में जीभ डाली.. मैं आपको बता नहीं सकता शब्दों में… उसकी सिसकारी कितनी तेज निकली.. एक तो खट्टी दही और उसकी चूत से निकला पानी… दही को और भी ज्यादा खट्टा बना रहा था. फिर मैंने उसे पलंग के सहारे से खड़ा किया और मैं नीचे आ गया. जिस से उसकी चूत अब बिलकुल मेरे मुह के सामने थी. वो पलग पर खड़ी थी और मैंने उसकी दोनों टांगो को चौड़ा किया और उसकी चूत को खोल कर ऊँगली डाल कर उसकी चूत को खोल – खोल कर चाट रहा था. फिर मैंने सारी दही चाट – चाट कर साफ़ कर दी.
अब वो इतनी वासना में भर चुकी थी, खुद ही अपनी ऊँगली अपनी चूत में अन्दर बाहर करने लगी थी और चिल्ला रही थी अहाह अहः अहहाह अहहाह हाहाहा ऊऊऊ करके… अब मैंने सोचा, देर करना ठीक है और अपना लोडा अपने हाथ में पकड़ कर हिलाया. फिर मैंने अपने लंड को उसकी दोनों टांगो को अपने कधो पर रख कर अपने लंड को उसकी चूत के मुहाने रख कर सेट किया और फिर अपनी गांड को हिला कर धक्का मारा. तो मेरा लोडा चूत के गीला होने की वजह से एक ही बार में अन्दर चले गया.अब वो नीचे से खुद ही अपनी गांड को उछाल कर मुझ इशारा करने लगी, कि लगाओ धक्के… फिर मैंने धक्के देने स्टार्ट कर दिए. फट फट फट फट फट की आवाज़ के साथ मैं उसे चोदने लगा. फिर मैंने उसे ऊपर किया और मैं नीचे आ गया और उसे अपने ऊपर चड़ा लिया. फिर मैंने उसे धक्का लगाने को कहा. अब वो मेरा लोडा अपनी चूत में लेकर खुद ही जोर – जोर से उछल कर अपनी चूत में लेने लगी. उसके मोटे चुचे बड़ी ही तेजी से उछल रहे थे और उन्हें पकड़ कर मैं जोर – जोर से भीच रहा था. वो अपनी आँखे बंद करके लोडा अपनी चूत में लिए उछल रही थी.अब मैंने उसे घोड़ी की झुकाया और पीछे की तरफ से लोडा डाल कर उसकी चूत को चोदने लगा. पुरे कमरे में फट फट फट की आवाज़े गूंज रही थी. दोनों ही जबरदस्त चुदाई के कारण पसीने में नहा चुके थे. फिर थोड़ी देर बाद, मेरा निकलने वाला था. मैंने आज भाभी को बताया नहीं और उसकी चूत में ही सारा वीर्य छोड़ दिया और वो बोलने लगी – अन्दर क्यों निकाला? मैंने कहा – क्यों डर रही हो? आ पेशाब कर दो… सारा माल निकल बाहर निकल जाएगा.
मैंने उसको नंगी ही अपनी गोदी में उठाया और उसे बैठा दिया और उसे कहा – पेशाब कर दो. वो जोर लगाने लगी और पेशाब करने लगी. जब वो पेशाब कर रही थी, तो मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाल कर सारा माल बाहर निकाल दिया. जब उसने पेशाब कर दिया, तो वो खड़ी हुई और देख कर कहने लगी, देखो कितना माल था तुम्हारा. फिर पूरी रात मैंने उसे दबा कर चोदा और उसकी गांड भी मारी. हम पूरी रात सोये नहीं और उस पूरी रात सेक्स सेक्स और सेक्स ही चलता रहा. तो दोस्तों, मेरी कहानी कैसी लगी आपको. प्लीज मुझे बताना… मैं वेट कर रहा हु आप लोगो के कमेंट का.