भाभी को चोदने की कोशिश -1

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दोस्तों में हरियाणा के एक गावं में रहता हूँ, मेरी उम्र 19 साल है, लेकिन मैंने 18 साल की उम्र से ही मुठ मारना शुरू कर दिया था। में जब 18 साल का हुआ तब तक मेरे अंदर बहुत कमज़ोरी आ गयी थी, मुझे बहुत बार चक्कर आने लगे थे, लेकिन मुझे पता नहीं क्या हुआ भगवान को मुझ पर दया आ गई और एक साल के अंदर मेरा शरीर बहुत अच्छा हो गया था और इस एक साल में मेरा वजन भी 19 किलो बढ़ गया था और अब में पहले से भी बहुत अच्छा दिखने लगा था और बहुत सी लड़कियां भी मेरी तरफ देखने लगी थी। दोस्तों वो सर्दी का समय था और तब एक दिन मेरी भाभी (मेरे चचेरे भाई की पत्नी) घर पर आ गई, जो कज़िन के साथ बाहर रहती थी। दोस्तों उस पर मेरी नज़र तब से ही थी, जब उसकी नई नई शादी हुई थी और में हमेशा से उसको पटाने के चक्कर में था, लेकिन ना जाने क्यों मेरी बिल्कुल भी हिम्मत ही नहीं होती थी।

फिर मुझे पता चला कि वो अब यहीं पर रहने वाली है और अब की बार वो भाई के साथ में नहीं जाएगी तो में यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ और अब में अपने भाई अशोक के जाने इंतजार करने लगा, लेकिन इस बीच में अपनी भाभी से जानबूझ कर बहुत करीब आने लगा और उनको अपनी बातों में फंसाने लगा। फिर वो समय भी आ गया जिसका मुझे बहुत समय से इंतजार था और अशोक अपनी नौकरी पर चला गया। दोस्तों सबसे पहले में आप लोगों को अपनी भाभी के बारे में पूरा विस्तार से बताता हूँ। दोस्तों उनका नाम नीलम है और वो बहुत सुंदर है और उनका वजन करीब 50 किलो और उनकी लम्बाई 5.4 है, उनकी उम्र 23 साल है, लेकिन फिगर के साईज़ का मुझे पता नहीं, क्योंकि मैंने कभी नापा नहीं और नापकर करना भी क्या था? मुझे तो बस उन्हें चोदने से मतलब था।

फिर अशोक के चले जाते ही में नीलम भाभी को चोदने का प्लान बनाने लगा। मैंने अब उसके साथ थोड़ी ज्यादा शरारत करनी शुरू कर दी, कभी में उसके कंधे पर हाथ रख देता तो कभी उसको पीछे से एकदम पकड़कर भीच देता, लेकिन मेरी इस हरकत से वो बुरा नहीं मानती, इसलिए मेरी हिम्मत थोड़ी और बढ़ गई। एक दिन मैंने भाभी की गांड पर हाथ लगा दिया तो उसने थोड़ा मेरी तरफ घूरकर देखा, लेकिन फिर कुछ नहीं बोली। फिर मुझे लगने लगा कि अब की बार तो मेरी बात बन ही जाएगी। फिर अगले दिन शाम को मैंने उसको जबरदस्ती पकड़कर किस करने की कोशिश की, लेकिन उसने नहीं करने दिया और वो मुझसे बहुत गुस्से में बोली कि यह तेरी क्या हरकत है? क्या तुझे बिल्कुल भी शरम नहीं आती? तो में चुपचाप वहां से चला गया और अगले दिन सुबह वो घर पर बिल्कुल अकेली थी तो मैंने मन ही मन सोचा कि चलो आज इस मौके का फायदा भी उठा लेता हूँ और जब में उसके पास गया तो वो मुझसे बोली कि यहाँ पर मेरे पास बैठ और में बैठ गया। अब वो मुझसे बोली कि में कई दिनों से तुझे देख रही हूँ, तू किस चक्कर में पड़ा है। फिर वो बोली कि तुझे का शरम नहीं आती ऐसा करते हुए? वो बोली कि कंधे पर हाथ रखने तक तो ठीक था, लेकिन तूने तो अब बिल्कुल हद ही कर दी, कभी कहीं हाथ लगाता है, कभी कहीं, तुझे क्या शरम नहीं आती? में तेरी भाभी लगती हूँ और वो उस समय बहुत गुस्से से बोल रही थी और वो मुझसे पूछने लगी कि क्यों कर रहा है तू ऐसा? तो मैंने कहा कि मुझे तू बहुत अच्छी लगती है इसलिए। अब वो बोली कि और मुझे तेरा भाई अच्छा लगता है और तू मुझे ऐसी वैसी मत समझना। में अशोक से बहुत ज्यादा प्यार करती हूँ और वो भी मुझे बहुत प्यार करता है। दोस्तों उसकी ऐसी बातें सुनकर तो मेरा पूरा मूड ही खराब हो गया और में वहां से उठकर चला गया।

फिर एक दिन सवेरे वो घर पर अकेली थी तो में भाभी के पास चला गया, वो पलंग पर बैठी हुई थी तो मैंने बहुत हिम्मत करके भाभी के दोनों हाथ अपने दोनों हाथों से पकड़ लिए और उसके होंठो पर किस करने लगा। करीब 3-4 सेकेंड तक उसके होंठ चूसे और फिर उसके हाथ छोड़कर में जाने लगा। मैंने सोचा कि वो मुझसे बहुत गुस्सा होगी और कुछ कहेगी, लेकिन मैंने पीछे मुड़कर देखा तो वो अपने होंठो को हाथ से साफ कर रही थी और फिर में चला गया। वाह दोस्तों मुझे क्या गजब का मज़ा आया था और फिर जब भी मुझे मौका मिलता तो में उसे पकड़कर उसके होंठो पर किस कर देता, लेकिन वो मेरा साथ नहीं देती थी, बस वो मुझसे छुड़ाने की कोशिश किया करती थी। अब मेरी हिम्मत दिनों दिन बढ़ती गई, क्योंकि वो यह बात किसी को नहीं बताती थी और में कभी कभी उसके बूब्स को भी दबा देता और उसे पीछे से कसकर पकड़ लेता, जिससे मेरा लंड खड़ा हो जाता और पीछे से उसकी गांड पर रगड़ने लगता था। बस मेरा मन करता कि अभी अपना लंड उसकी गांड में घुसा दूँ, लेकिन मुझे इससे ज़्यादा कुछ करने का मौका ही नहीं मिलता था, क्योंकि घर में हमेशा और भी सदस्य थे तो कभी रसोई में या कभी उसके रूम में मुझे थोड़ा ही मौका मिलता था।

फिर में मन ही मन सोचने लगा कि अब यह मुझे जब भी अकेली मिलेगी, में इसे चोद दूँगा। फिर वो दिन भी आ गया, वो उस दिन घर पर बिल्कुल अकेली थी और मैंने उसको जबरदस्ती पकड़कर बेड पर पटक लिया और में उसके ऊपर लेट गया, वो मुझसे छुड़ाने की बहुत कोशिश कर रही थी, लेकिन मैंने उसको नहीं छोड़ा तो वो रोने का नाटक करने लगी और बोली कि प्लीज एक बार उठो आपकी कोहनी मेरे पेट में गड़ रही है तो मैंने उसे छोड़ दिया और खड़ा हुआ और वो खड़ी हुई और खड़े होते ही उसने मेरे गाल पर ज़बरदस्त तीन थप्पड़ मारे। उसने मेरा तो पूरा दिमाग़ ही हिला दिया और उससे मेरे गाल एकदम सुन हो गये थे और उसने एकदम से मुझे धक्का देकर रूम से बाहर कर दिया और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। फिर में वापस चला गया और अब मैंने उसे चोदने की आस ही छोड़ दी और मैंने मन ही मन सोच लिया कि यह मुझसे नहीं चुदेगी और फिर 10 दिन तक मैंने उससे कोई भी बात ही नहीं की, वो मुझसे कुछ भी बोलती, लेकिन में उससे नहीं बोलता। फिर एक दिन मुझे पता चला कि वो दोबारा घर पर अकेली है तो में एक बार फिर से उसके पास चला गया।

अब वो मुझसे बोली कि क्या हुआ गुस्सा खत्म हो गया? क्यों अब नहीं होना मुझसे नाराज़? तो में बिना कुछ बोले उसके पास बैठकर उसके गाल पर किस करने लगा, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली। फिर ऐसे ही दोबारा मैंने भाभी के साथ शरारत करनी शुरू कर दी। एक दिन में क्रिकेट खेलकर आया और तब वो सो रही थी, उसके सर में दर्द था, में उसके पास गया और उसे जगाकर उसके चेहरे को पकड़कर उसके होंठो पर किस करने लगा। दोस्तों मैंने महसूस किया कि उस दिन पहली बार उसने पीछे से मेरा सर पकड़ा और किस करने में मेरा साथ देने लगी, उसने अपनी जीभ को मेरे मुहं में डाल दिया और ज़बरदस्त किस करने लगी, मुझे ऐसा मज़ा पहले कभी नहीं आया था और किस करते वक्त मेरा लंड फटने को हो रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरी नसो में खून बड़ी तेज़ी से बह रहा है। फिर जब भी में उसे किस करता तो वो भी मेरा साथ देने लगी थी और में उसे अपनी बाहों में लेता और हम एक दूसरे से चिपककर बहुत मज़े से किस करते। हमें बहुत मज़ा आता था, लेकिन वो अब भी चुदने को तैयार नहीं थी।

फिर एक दिन दोबारा मुझे मौका मिला, जब घर पर कोई नहीं था तो मैंने सोचा कि चलो चोदने की कोशिश करता हूँ। फिर में उसके पास गया और उसे बेड पर पटक लिया तो वो छुड़ाने लगी। फिर मैंने उससे कहा कि प्लीज सिर्फ़ एक बार मुझे करने दो, तो वो मुझसे बोली कि नहीं बिल्कुल नहीं, जब तेरा भाई है यह सब करने के लिए, तो में और किसी से क्यों करवाऊँ? में उसे मनाता रहा, लेकिन वो नहीं मानी। फिर मैंने उसे छोड़ दिया और वो बाहर आ गई और मुझसे कहने लगी कि तुम जाओ, में नहाने जा रही हूँ। फिर मैंने उसे फिर से पकड़ लिया और उसके बूब्स को मसलने लगा और में उसे बार बार कह रहा था कि बस एक बार करने दो, लेकिन वो लगातार मना करती रही। फिर में उसे बाथरूम में ले गया और मैंने अंदर से दरवाजा बंद किया तो वो कहने लगी कि प्लीज तुम बाहर जाओ, तुम मुझे भी मरवाओगे प्लीज कोई आ जाएगा। फिर मैंने कहा कि कोई नहीं आएगा और अगर कोई आ भी गया तो उसे क्या पता कि में भी बाथरूम में तुम्हारे साथ हूँ? फिर मैंने उसको दीवार के साथ लगा लिया और उसके ब्लाउज के हुक को खोलने लगा। में आज पहली बार उसके हुक खोल रहा था तो मुझसे हुक खुल ही नहीं रहा था, बहुत मुश्किल से एक खुला तो वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज ऐसा मत करो, लेकिन में अब उसकी कहाँ सुनने वाला था, क्योंकि मुझे बहुत मुश्किल से तो यह मौका मिला था। फिर धीरे धीरे मैंने उसके सारे हुक खोल दिए।

भाभी

भाभी ने अपनी आँखे बंद कर ली थी और उसके बिल्कुल सफेद बूब्स अब मेरे सामने थे। फिर मुझसे रुका नहीं गया और में उन्हें चूसने लगा, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर 5 मिनट बूब्स को चूसने के बाद मैंने उसकी साड़ी को उतारकर नीचे पटक दिया। फिर उसने अपने पैर से अपनी साड़ी को एक तरफ सरका दिया और यह देखकर में बहुत हैरान था और में समझ गया कि अब तो यह भी मुझसे चुदने के लिए तैयार है। फिर में उसका पेटिकोट उतारने लगा तो उसने मना कर दिया कि प्लीज अब इसको मत उतारो बस इतना ही रहने दो, में इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकती, मेरा मन यह सब करने के लिए तैयार नहीं है। फिर में उसके पेटिकोट को नीचे से पकड़कर ऊपर उठाने लगा तो उसने अपनी आँखे बंद कर ली। मैंने देखा कि उसने पेंटी नहीं पहनी थी और उसकी चूत पर बहुत बाल थे।

मैंने चूत पर हाथ लगाकर देखा तो उसकी चूत अब तक बहुत गीली हो चुकी थी। फिर मैंने सोचा कि अब और देर नहीं करनी चाहिए और मैंने अपनी बेल्ट को निकाल दिया और वहीं पर टांक दी। फिर मैंने तुरंत अपनी पेंट को घुटनों तक उतार लिया और उसका पेटिकोट ऊपर उठाया और उसकी आँखे अभी भी बंद थी। अब में अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा और तभी मेरा लंड फिसलकर नीचे से पीछे की तरफ निकल गया। उसने आँखे बंद किए ही भाभी ने हाथ से मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत के सही जगह पर लगा लिया और फिर मैंने ज़ोर से धक्का देकर पूरा लंड अंदर डाल दिया। चूत गीली होने की वजह से लंड आसानी से फिसलता हुआ अंदर चला गया। अब मैंने धक्के लगने शुरू कर दिए और वो तेज तेज सांस ले रही थी और मुझे तो इतना मज़ा आ रहा था कि में शब्दों में बता नहीं सकता, क्योंकि में आज पहली बार चूत मार रहा था, लेकिन तब में समझ गया कि सभी लोग इस चीज़ के लिए क्यों मरते है?

फिर 5 मिनट बाद मैंने सोचा कि अब में पीछे से इसकी चूत मारता हूँ तो में उसे पकड़कर घुमाने लगा तो वो मुझसे बोली कि नहीं तुम आगे से ही करो। उसने सोचा कि में अब उसकी गांड मारने वाला हूँ। फिर 5 मिनट और में उसे खड़े खड़े ही चोदता रहा। फिर मैंने भाभी से कहा कि चल अब नीचे लेट जा तो वो बाथरूम में नीचे लेट गई और मैंने उससे कहा कि चल अपने हाथ से लंड पकड़कर अपनी चूत पर सेट कर तो उसने मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत पर सेट कर दिया। फिर बोली कि चल अब कर तो में धक्के मारने लगा, तभी वो मुझसे पूछने लगी कि क्या तुमने पहले भी कभी किसी के साथ सेक्स किया है? तो मैंने कहा कि नहीं में आज तेरे साथ पहली बार कर रहा हूँ और में ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा और वो मुझसे बोली कि प्लीज थोड़ा धीरे धीरे करो और मैंने अपनी स्पीड को थोड़ी कम कर लिया, वो मुझे पागलों की तरह किस करने लगी और भाभी ने मुझे बहुत टाईट अपनी बाहों में भर लिया और फिर पीछे से मेरे कूल्हों को पकड़कर अपनी गांड ऊपर उठा उठाकर चुदाई का मज़ा ले रही थी। फिर करीब 10 मिनट के बाद वो बिल्कुल शांत हो गयी और मुझसे कहने लगी कि चलो अब हटो।

फिर मैंने उससे कहा कि तेरा हो गया, लेकिन मेरा अभी नहीं हुआ। फिर वो बोली और कितनी देर लग़ेगी? मैंने कहा कि मुझे पता नहीं और में अब लगातार भाभी की चूत मार रहा था। में पसीने में बिल्कुल नहा गया था और बाथरूम में जगह थोड़ी कम थी तो हम अपने पैर भी सीधे नहीं कर पा रहे थे, इसलिए जब में झटके लगा रहा था तो भाभी का सर दीवार से लग रहा था। फिर मैंने एक हाथ उसके सर पर रख लिया कि उसको चोट ना लगे। फिर मैंने उसके दोनों पैर अपने कंधो पर रख लिए और फिर चोदने लगा। तब मुझे ज्यादा मज़ा आ रहा था। फिर वो कहने लगी कि ऐसे मत करो, ऐसे बहुत दर्द होता है। फिर मैंने कहा कि थोड़ी देर रुक बस अभी होने वाला है और करीब 15 मिनट और निकल गए तो वो कहने लगी और कितनी देर लगाओगे? अब तो करीब उसे चोदते हुए 50 मिनट हो गए थे।

में बहुत हैरान हो गया कि इतनी देर कैसे लग रही है, जबकि में आज पूरा मज़ा ले रहा हूँ और मुठ तो में करीब 2 मिनट में भी मार लेता हूँ और मैंने कई लड़को से पूछा था वो यही कहते थे कि पहली बार में तो 2 या 3 मिनट ही लगते है। अब मैंने उससे कहा कि में पीछे करना चाहता हूँ तो वो बोली कि नहीं पीछे बहुत दर्द होता है। मैंने कहा कि में बहुत धीरे धीरे से करूंगा, जब दर्द होगा तो नहीं करूंगा। फिर वो कुछ नहीं बोली। मैंने लंड उसकी गांड पर रख दिया और एक झटका लगाया तो वो एकदम से उछलकर पड़ी और नीचे बैठकर अपने चेहरे पर हाथ रखकर रोने लगी। अब में थोड़ी देर खड़ा रहा और फिर मैंने उससे कहा कि चलो ठीक है आगे ही करता हूँ। फिर तभी वो बहुत ज़ोर से चिल्लाकर मुझसे बोली कि नहीं करवाना मुझे। फिर में उसका गुस्सा देखकर बहुत डर गया कि कहीं बाहर किसी ने ना सुन लिया हो और फिर मैंने हेंगर पर से अपनी बेल्ट उतारी और बेल्ट लगाकर जल्दी से वहां से बाहर निकल गया।

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