हैल्लो दोस्तों, में आशु आप सभी कामुक सेक्सी कहानियाँ पढ़ने वालों के लिए अपनी रंडी सास की चुदाई की कहानी सच्ची घटना लेकर आया हूँ जिसमे मैंने उसको जमकर चोदा। दोस्तों पहले तो वो मुझे थोड़ा बहुत झूठा नखरा दिखने लगी, लेकिन कुछ देर बाद चुदाई के लिए तैयार हो गई। में इससे पहले भी उसको चोदा चुका था। दोस्तों मेरी सास बहुत बड़ी रंडी, लंड की प्यासी, एकदम छिनाल किस्म की औरत है, जिसको हमेशा बस अपनी चुदाई से ही मतलब रहता है। दोस्तों वैसे तो वो रिश्ते में मेरी सास थी, लेकिन फिर भी उसने अपने उस सेक्सी गदराए बदन को बहुत अच्छे से सम्भालकर रखा हुआ था और ससुर जी ने उनको कभी भी ज्यादा देर तक रुककर वो मज़ा नहीं दिया, जिसके लिए उनकी चूत तरस रही थी और पहली चुदाई में मैंने महसूस किया कि इतनी उम्र होने के बाद भी उनकी चूत में कुंवारी चूत जैसा ही खिंचाव था। वो वैसी ही टाईट थी, वो बहुत गोरी चेहरे से बड़ी सुंदर हॉट सेक्सी थी, लेकिन इतनी बड़ी वो रंडी होगी मैंने ऐसा पहले कभी नहीं सोचा था, जो मुझे उसकी पहली चुदाई के बाद पता चला और अब आगे मेरी सास की दूसरी चुदाई की कहानी आप लोग सुने।
दोस्तों मुझे दूसरी बार मुझे अपनी सास की चुदाई करने का मौका तब मिला जब मेरी बीवी कुछ दिनों के लिए मेरी माँ के घर पर चली गयी, वो मेरे कहने पर ही गई थी, लेकिन में खुद अपनी कंपनी में ज्यादा काम का बहाना बनाकर वहीं पर रुक गया, क्योंकि मुझे अपनी सास की चूत का दोबारा स्वाद चखना था, क्योंकि मेरे लंड को उसकी चूत का वो स्वाद बड़ा अच्छा लगा। दोस्तों अभी मेरी पत्नी को गए हुए एक ही दिन बिता था कि अगले दिन दोपहर को करीब एक बजे ज्योति मेरी सास भी मेरे घर पर आ गई, क्योंकि उसको मेरी पत्नी ने मेरे घर के कुछ छोटे काम को करने और मेरे लिए खाना बनाने के लिए कहा था। फिर उस समय मेरा एक दोस्त भी मेरे घर पर ही था और घर में घुसते ही वो सीधा मेरे बेडरूम तक आ गई और फिर वो साफ सफाई करने लगी। मैंने देखा कि वो अपने काम में बहुत व्यस्त थी, लेकिन फिर भी मुझे ऐसा ना जाने क्यों लग रहा था कि वो व्यस्त होने का बस नाटक ही कर रही है, क्योंकि में उसको बहुत अच्छी तरह से उसकी पहली चुदाई के समय ही समझ चुका था कि वो कितनी बड़ी छिनाल है? और उस दिन मेरी बीवी घर पर नहीं थी, शायद इस वजह से उसने आज साड़ी पहन रखी थी और वो काले रंग की साड़ी और काले ही रंग के ब्लाउज में जब मेरे सामने आकर जब वो झुककर झाड़ू लगा रही थी, तो मुझे उसके गोरे एकदम गोल सुडोल बूब्स उस ब्लाउज की क़ैद से बाहर आने को बेताब नजर आए जिसको देखकर मेरा मन अब ललचाने लगा।
मेरा लंड धीरे धीरे उसका आकार बदलने लगा और अब में अपने दोस्त के मेरे घर से चले जाने का इंतजार करने लगा। दोस्तों वो अब भी बार बार जानबूझ कर मेरे सामने आकर झुककर झाड़ू मार रही थी। में अपने मन को बहुत मुश्किल से काबू में कर रहा था और जैसे ही मेरा दोस्त चला गया तो में तुरंत बिना आवाज किए धीरे से उठकर उसके पीछे चला गया और फिर मैंने उसको एकदम से पकड़ लिया, वो अब मचल उठी और खुद को मेरी बाहों की केद से छुड़ाने की कोशिश करती रही और तभी वो ज़ोर से चिल्लाने लगी छोड़ दे मुझे साले हरामी कल से तेरी बीवी गयी है और तुझे एक बार भी मेरी याद भी नहीं आई और मुझसे बड़ी बड़ी बातें करता है। चल अब मुझसे दूर हट जा, मैंने आज तेरा प्यार देख लिया कि तू मुझे कितना प्यार करता है वो सब दिखावा था। दोस्तों मैंने उसकी बातें सुनकर उसका गुस्सा देखकर मन ही मन बहुत खुश होकर जवाब दिया कि हाँ ठीक है, लेकिन में तुम्हे एक बार चोदकर जरुर छोड़ दूँगा। में ऐसे तो तुम्हे नहीं छोड़ने वाला, चाहे तुम कितना भी ज़ोर लगा लो और तुम्हे चुदाई तो एक बार जरुर करवानी ही पड़ेगी। फिर जब उसने कुछ देर मेहनत और दम लगाकर विरोध करके देखा कि उससे कुछ नहीं होने वाला तो वो बोली कि ठीक है, लेकिन तुम्हे आज मेरी पूरी तसल्ली करवानी पड़ेगी और जब तक में ना तुम्हे रुकने के लिए कहूँ तुम्हे मुझे तब तक लगातार चोदना पड़ेगा।
अब मैंने उससे कहा कि हाँ ठीक है मेरी जान आज तुम जैसा कहोगी ठीक वैसा ही होगा और उसके बाद उसने अपना विरोध एकदम खत्म कर दिया और मैंने सही मौका देखकर उसकी साड़ी को उतारना शुरू कर दिया और उसने भी जल्दी से मेरी कमीज़ को उतार दिया। फिर मैंने देखा कि उसके ब्लाउज के हुक उसकी पीठ पर थे, लेकिन उसके उस बड़े गले के ब्लाउज में से बाहर की तरफ निकलकर झांक रहे उसके आकर्षक बूब्स को मैंने चूमा और तभी उसने मेरा सर पकड़कर नीचे झुका दिया। मैंने उसके गोरे बदन सेक्सी मुलायम पेट को चूमा और उसके पेटिकोट का नाड़ा खोल दिया। फिर मैंने उसकी मटके जैसी कमर को पकड़कर उसको घुमा दिया और उसकी पीठ पर से उसके ब्लाउज के हुक को मैंने खोल दिया और उसके बाद धीरे धीरे से उसके ब्लाउज को नीचे उतारते हुए मैंने तुरंत लपककर अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स को पकड़ लिया।
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अब में उनको दबाने लगा और जब मैंने पीछे से उनको मसला तो मेरे पूरे शरीर में एक करंट सा दौड़ जाता और मेरा लंड तनकर खड़ा था, जो अब उसकी गांड पर चुभ रहा था। अब मैंने उसको अपनी तरफ घुमा लिया और फिर मैंने उसके बहुत ही सुंदर एकदम, गोल मटोल, कसे हुए, बड़े बड़े निप्पल वाले बूब्स को पकड़ लिया। उनका रस निचोड़ने लगा। फिर उसने अपना एक हाथ नीचे की तरफ बढ़ाकर मेरा लंड मेरी पेंट के ऊपर से ही पकड़ लिया। वो लंड को सहलाने लगी और कुछ ही सेकिंड बाद उसने मेरी पेंट को खोल दिया। दोस्तों अब हम दोनों वहाँ पर एक दूसरे से चिपके हुए करीब करीब नंगे खड़े थे वो उस समय पेंटी पहने हुई थी और में अंडरवियर में था। अब उसने मेरा अंडरवियर उतार दिया और मेरे तने हुए लंड को पकड़कर उसके टोपे को उसने तुरंत चूम लिया और वो अपना दूसरा हाथ मेरी गांड पर रखकर लंड को चूसने लगी जैसे वो कोई लोलीपोप चूस रही हो
फिर तभी कुछ देर लंड के मज़े ले लेने के बाद वो अचानक से मुझसे बोली कि आज तू सबसे पहले मेरा मुहं ही चोदना, तेरा लंड ज्यादा मोटा है, इसलिए यह मेरे मुहं में पूरा अंदर तक नहीं आ रहा है और में आज पहली बार इसका रस पीना चाहती हूँ। फिर मैंने मस्ती में आकर चिल्लाना शुरू कर दिया और में उसको गालियाँ देकर कहने लगा कि साली कुतिया, हरामजादी रांड, चूस ले मेरा लंड पूरा अंदर मुहं में ले ले इसको। अब वो बड़ी तेज़ी से अपना सर ऊपर नीचे करते हुए मेरा लंड चूस रही थी और में भी पूरे जोश में आकर उसके मुहं को हल्के हल्के धक्के देकर चोद रहा था, जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड अब तक उसके मुहं में पूरा अंदर जा चुका था और वो भी बहुत हिम्मत करके अपने गले तक मेरे लंड को ले रही थी और में धक्के देने के साथ साथ उसके बूब्स को भी दबा रहा था, जिसकी वजह से वो मेरे लंड को कस लेती और में दर्द से तड़प उठता। फिर कुछ देर बाद मैंने उससे कहा कि ज्योति में अब तेरे मुहं में झड़ने वाला हूँ उफ्फ्फफ्फ्फ़ अह्ह्ह्ह देख झड़ गया।
में इतना कहते कहते मेरे लंड ने अपने रस की धार को उसके मुहं में छोड़ दिया, जिसकी वजह से उसका पूरा मुहं गरम गरम वीर्य से भर गया और वैसे कुछ वीर्य मुहं से बाहर आकर उसके होंठो से उसके बूब्स पर भी टपक गया। दोस्तों उसने ना केवल अपने मुहं के आसपास लगा हुआ वीर्य चाटकर साफ किया, बल्कि उसके बाद उसने अपने बूब्स पर गिरा हुआ वीर्य भी अपनी उंगलियों से चाट लिया और फिर मेरे लंड को भी उसने अपनी जीभ से चाटकर साफ किया। एकदम पहले जैसा चमका दिया और उसके बाद वो मेरी गोद में बैठ गयी। फिर उसने अपने एक बूब्स का निप्पल मेरे मुहं में डालकर वो मुझसे बोली कि तू अब इन्हे चूस। फिर मैंने उसके एक बूब्स को चूसना शुरू कर दिया और दूसरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा। उसने अपने हाथों को मेरे हाथों पर रख दिए और वो मुझसे अपने बूब्स को दबवाने लगी और साथ में ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भी लेने लगी थी।
वो बुरी तरह से जोश में आकर तड़पते हुए अपने निप्पल को पकड़ पकड़कर मेरे मुहं में डाल रही थी और वो मुझसे कहने लगी कि मादरचोद क्या तुझे पता है कि जब से तूने मुझे पहली बार चोदा है पता है उसके बाद से मेरे बूब्स कितना तड़पते है? उफफ्फ्फ्फ़ हाँ ज़ोर से चूस आह्ह्ह हाँ ऐसे ही इन्हे चूस वाह मज़ा आ गया, यह बहुत दिनों से ऐसे मज़े लेने के लिए तड़प रहे है कि तू इन्हे जमकर चूसे, दबाए, इनका रस निचोड़ दे और ठीक ऐसे ही प्यार से इनको मसले आह्ह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्हह्ह हाँ चूस्स्स्स्स ज़ोर से और ज़ोर से आईईईईई ज़ोर ऊऊईईईईई। दोस्तों जब उसकी हालत बर्दाश्त से ज्यादा बाहर हो गई तो मैंने उसको अपनी गोद में उठाकर बिस्तर पर लेटा दिया और उसके बाद उसके दोनों पैरों को फैलाकर में उसकी चूत को अपने एक हाथ से सहलाते हुए बोला कि अब में तेरी चूत को चाटूँगा और तुझे जीभ से चोदूंगा। फिर इतना कहकर मैंने उसकी चूत पर अपना मुहं रख दिया और फिर मैंने चूसना शुरू कर दिया। में उसकी गीली चूत को चाट रहा था और वो सिसकियाँ भर रही थी ऊफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ चूस इसे चाट मेरी चूत को चाट ना।
दोस्तों चूत को चटवाते चटवाते वो दो बार झड़ गई और दूसरी बार झड़ने के बाद उसने मेरे बाल पकड़ लिए और मेरे होंठो को चूसने लगी। में अब सोफे पर बैठा हुआ था और उसने मेरे लंड के टोपे को एक बार फिर से चाटना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद लंड में दोबारा तनाव आ गया था और में उसके बूब्स से खेल रहा था। फिर उसने लंड को मुहं से बाहर निकालकर बूब्स के बीच में फंसा लिया और बूब्स की चुदाई करवाने लगी। दोस्तों अब मेरे लिए और बर्दाश्त करना बड़ा मुश्किल हो रहा था और उसके गोल गोल बूब्स के हल्के गुलाबी रंग के निप्पल मानो मुझे अपने पास बुला रहे थे मैंने तुंरत उसको उठाकर सोफे पर ही घोड़ी बना दिया और उसकी चूत के मुहं पर अपना लंड टिका दिया। उसके बाद मेरे एक जोरदार झटके में मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी कामुक चूत को चीरता हुए पूरा अंदर चला गया और दर्द की वजह से उसने ज़ोर से चीखना चिल्लाना शुरू कर दिया। वो बोली आह्ह्हह्ह मार डाला कुत्ते कमीने आईईईइ तूने तो आज मेरी चूत को फाड़ दिया।
क्या तू थोड़ा धीरे नहीं कर सकता? तुझे चोदने के लिए कहा था ऊउईईईई माँ ऐसे जानवरों की तरह चोदने के लिए किसने कहा था? अब मैंने उसको पूरी रफ्तार से धक्के देकर चोदना शुरू कर दिया और थोड़ी देर बाद उसको भी मज़ा आने लगा और वो भी अपनी गांड को पटक पटककर मेरा साथ देने लगी थी। दोस्तों वो घोड़ी बनी मेरा लंड ले रही थी और मस्ती में बोल रही थी आआअहह उूउउहहउुउऊहह हाँ ओह्ह्ह्ह चोद मुझे, ज़ोर ज़ोर से चोद और ज़ोर से चोदकर फाड़ दे मेरी चूत। मैंने करीब दस मिनट तक उसको अलग अलग स्टाइल से चोदा और उसको कभी खड़ी करके कभी लंड पर बैठाकर कभी घोड़ी बनाकर कभी लेटाकर इस बीच वो तीन बार झड़ गई और उसके बाद मैंने उसको ज़मीन पर बैठा दिया और अपने लंड को उसके मुहं में डालकर दो झटके लगाए थे कि मेरे लंड ने वीर्य की बारिश उसके मुहं में कर दी जिसकी वजह से उसका पूरा मुहं मेरे लंड के रस से भर गया, जिसको उसने चाट चाटकर साफ किया। वो अपनी जीभ को अपने गुलाबी होंठो पर घुमाकर उनके ऊपर लगे वीर्य को किसी भूखी बिल्ली की तरह चाटकर साफ कर रही थी और तब मैंने उसका चेहरा देखा वो पूरी तरह से संतुष्ट और बड़ी खुश नजर आ रही थी, जिसका मतलब साफ था कि वो अब मुझसे नाराज बिल्कुल भी नहीं थी और मुझे उसके बाद भी अगर मौका मिला तो वो मुझसे अपनी चुदाई जरुर करवाएगी। अब पहले जैसा नखरा नहीं दिखाएगी। दोस्तों यह थी मेरी रंडी सास की चुदाई की कहानी, जिसमें मैंने उसको चोदा और चुदाई के मज़े लिए ।।