मेरी रंडी माँ को चोदा

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मेरी रंडी माँ को चोदा

मेरा नाम उमेश है, यह स्टोरी मेरी रंडी माँ को चोदा माँ और एक डाकू के बीच की है। अब में आपको मेरी माँ के बारे में बता देता हूँ। यह 12 साल पहले की बात है, जब मेरी माँ की उम्र 35 साल थी और उनका फिगर साईज 34-29-36 है, उनके बूब्स बहुत शेप्ड है और कूल्हें बहुत ही गोल और टाईट और बड़े-बड़े है, उनका कलर फेयर है और उनकी हाईट 5 फुट 8 इंच है और वो दिखने में बहुत सुन्दर है। अब में आपको ज्यादा बोर ना करते हुए सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ। मेरे पापा का निधन बहुत समय पहले हो गया था और अब घर में मेरी माँ और में ही था।

फिर एक बार हमें मेरी छुट्टियों में बिलासपुर जो मध्यप्रदेश स्टेट के एक मंदिर में जाना था, तो हम दोपहर को कोलकाता से बाइ ट्रेन निकले। अब बिलासपुर स्टेशन आने ही वाला था, वो ट्रेन बिलासपुर नहीं जाती थी, तो हमें उस ट्रेन से बिलासपुर से पहले ही उतरना पड़ा। अब हमें बिलासपुर तक जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिल रहा था और शाम के 5 बजे थे। अब हम स्टेशन के वेटिंग रूम में बैठकर इंतजार कर रहे थे, मेरे साथ बहुत सारा सामान था। अब धीरे-धीरे अँधेरा होने लगा, तो हमने सोचा कि धीरे-धीरे पैदल ही रोड़ से चलते है तो हमें कोई साधन दिख जाए। फिर हमें उस रोड़ पर दो लोग दिखाई दिए, तो माँ ने उनसे पूछा कि भाई साहब ये रास्ता कहाँ जाता है? तो उन्होंने पूछा कि क्या आप लोग यहाँ पर नये है? तो माँ ने कहा कि हाँ।

फिर उन्होंने पूछा कि आपको कहाँ जाना है? तो माँ ने कहा कि बिलासपुर। फिर उन्होंने कहा कि बिलासपुर तो नजदीक ही है, आप लोग आइए हम छोड़ देते है। फिर में अपना सामान लेकर आया और उनके साथ चलने लगा। अब चलते-चलते हमें उनके नाम पता चला, उनमें से एक का नाम भूधिया और दूसरे का समर सिंह था। फिर माँ ने भी बताया कि उनका नाम सीमा और मेरा नाम उमेश है। फिर कुछ दूर चलने के बाद हम एक ऐसी जगह पहुँचे, जहाँ पर तीन चार तंबू और एक कुटिया बनी हुई थी। फिर माँ ने पूछा कि ये हम कहाँ आ गये है? तो उन लोगों ने कहा कि ये डाकू कतार सिंह का डेरा है और तुम लोगों को यहाँ पर सरदार से मिलकर ही जाना पड़ेगा। फिर वो दोनों हमें कतार सिंह से मिलने के लिए लेकर गये। फिर हम एक कुटिया के अंदर गये तो हमने देखा कि एक करीब 6 फुट का बहुत ही हट्टा कट्टा सांड जैसा आदमी बैठा था। फिर एक आदमी ने अपने उस सरदार को बताया कि हम लोग कहाँ मिले है? और कहाँ जाना चाहते है? तो कतार सिंह ने माँ से बोला कि सीमा तुम्हें यहाँ पर 1-2 दिन रहना पड़ेगा। फिर माँ ने पूछा कि क्यों? तो उसने बोला कि हमारी मर्ज़ी। अब माँ उसको देखकर डर गयी थी और उन सबके पास बंदूक भी थी, तो माँ धीरे से बोली कि ठीक है।

फिर उसके बाद उन लोगों ने हमें एक तंबू में ले जाकर छोड़ दिया और बोले कि ये तुम लोगों का तंबू है, तब करीब शाम के 7 बज रहे थे। फिर रात को खाना खाने के बाद हम सो गये, तो तभी एक आया और माँ को जगाया और बोला कि सरदार बुला रहे है, जब माँ साड़ी पहने हुए थी। फिर माँ अपनी साड़ी ठीक करते हुए बोली कि क्यों? तो उसने बोला कि पता नहीं सरदार गुस्से में है, तो माँ बहुत डर गयी। अब मैंने भी डर के मारे अपनी आखें बंद कर रखी थी। अब माँ उठकर उसके साथ चली गयी और बाहर बहुत अंधेरा था। फिर वो माँ को कतार सिंह की कुटिया की तरफ लेकर गया, तो में भी पीछे-पीछे चुपके से चल दिया, उस कुटिया के अंदर एक लालटेन जल रहा था। फिर जब मैंने खिड़की के छेद से अंदर देखा तो मुझे कुटिया के अंदर पूरा दिख रहा था। फिर माँ अंदर घुसी और दूर ही खड़ी हो गयी। अब कतार सिंह एक लुंगी पहनकर नंगा बदन बैठा था। फिर उसने माँ को उनके नाम से पुकारा और बोला कि आओ सीमा बैठो और बेड की तरफ इशारा किया। फिर माँ ने पूछा कि क्यों? तो उसने कहा कि आओं तुम बहुत थक गयी हो, अब थोड़ा ऐश करो। अब माँ ना-ना करने लगी, तो उसने बोला कि अगर तू यहाँ पर नहीं आई तो तेरी तो जान जाएगी ही साथ में तेरा बेटा भी मरेगा, तो ये सुनकर माँ रोने लगी। फिर वो उठकर माँ के पास आया और माँ को पीछे से हल्के से पकड़ लिया। फिर माँ उसको मना करने लगी कि ये ठीक नहीं है, मेरे एक बड़ा बेटा है, भगवान के लिए मुझे छोड़ दो। फिर उसने कहा कि अरे छोड़ तो देंगे ही, पहले तेरे मज़े तो ले लेने दे रानी और ये बोलकर वो पीछे से माँ की चूचियाँ दबाने लगा, उसका हाथ बहुत ही सख्त था। अब माँ दर्द के मारे सिहरने लगी थी। फिर माँ ने थोड़ा सा विरोध किया तो उसने सामने आकर माँ को एक जोरदार थप्पड़ मारा तो माँ घूम गयी। फिर उसने माँ के कपड़े खोल दिए और माँ के ब्लाउज को फाड़ दिया और उनका पेटीकोट भी फाड़कर फेंक दिया। अब माँ नंगे बदन खड़ी होकर रोने लगी थी। फिर उसने अपनी लुंगी निकाली तो एक 10 इंच का काला सा लंड बिल्कुल खड़ा हुआ दिखा, तो माँ और डर गयी।

फिर उसने माँ के बाल पकड़कर बिस्तर पर बैठाया और माँ के मुँह पर अपने लंड को रगड़ने लगा। अब माँ अपना मुँह नहीं खोल रही, तो उसने माँ को और दो थप्पड़ मारे और फिर उसने माँ का मुँह खोलकर उसमें अपना लंड जितना जा सकता था उतना डालकर माँ के मुँह को चोदने लगा। फिर थोड़ी देर में उसने माँ को लेटा दिया और माँ की चूत में अपनी उंगली घुसाने लगा। अब माँ रो भी रही थी, लेकिन अब धीरे-धीरे उनका रोना बंद हो गया था और वो ओह करके सिसकियाँ भरने लगी थी। अब ये सुनकर उसने कहा कि साली रंडी तेरी चूत को मस्ती चढ़ने लगी है, रुक जा तुझे में आज दुबारा माँ बना दूँगा। फिर वो माँ के ऊपर उनकी जांघों पर बैठ गया और अपने लंड को माँ की चूत में घुसाने लगा। तब माँ चिल्लाने लगी, आआआआआआआआआआअ करके और बोलने लगी कि नहीं में इतना बड़ा नहीं ले पाऊँगी, लेकिन वो सांड था और जबरदस्ती सांड की तरह माँ को पेलने लगा था, जैसे कोई हाथी हो।

अब माँ उसके सामने बिल्कुल कमजोर पड़ गयी थी, अब माँ चुपचाप सब सह रही थी। अब थोड़ी देर के बाद माँ को भी मज़ा आने लगा था और अब वो भी अपनी कमर थोड़ी ऊपर करके उससे चुदवा रही थी। फिर करीब आधे घंटे तक जबरदस्त सांड की तरह पेलने के बाद वो शांत हो गया। अब में समझ गया कि माँ की चूत में उसका बीज गिर गया है। फिर माँ डर डर के उससे बोलने लगी कि में अगर प्रेग्नेंट हो गयी तो? तो उसने कहा कि उसने शादी नहीं की और अगर तू माँ बन गयी, तो वो बच्चा मुझे चाहिए, तू उसे मेरे पास छोड़कर जाएगी और अगर ऐसा नहीं हुआ, तो तेरे शहर में जाकर तेरे और तेरे पूरे खानदान को मार डालूँगा, तो माँ चुप हो गयी। फिर 5 मिनट के बाद माँ उठने लगी, तो उसने कहा कि अरे कहाँ जा रही है रानी? अभी पूरी रात बाकी है। फिर माँ ने पूछा कि अब क्या करूँ में? आपने तो मुझे फिर से माँ बना दिया होगा, अब और क्या चाहिए? तो ये सुनकर उसने माँ को अपनी बाँहों में भींच लिया और पकड़कर लेट गया और धीरे-धीरे उनको सहलाने लगा।

फिर माँ थोड़ी देर में म्‍म्म्मममममममममममममममम करके मीठी सी आवाज निकालने लगी। अब वो अपने बड़े से सख्त हाथों से माँ के गोरे-गोर चूतड़ों को मसलने लगा था और माँ उूउउम्म्म्मममम करने लगी। फिर वो माँ के बूब्स दबाने लगा और कहने लगा कि तू मेरी बीवी बनेगी और में तुझे जिंदगी भर ऐसे ही चोदूंगा और फिर वो माँ के मुँह को चूसने लगा और अपने हाथों से माँ के पूरे बदन को मसलने लगा। अब थोड़ी देर में माँ की भी हालत खराब हो गयी थी। फिर माँ उससे बोली कि अब मुझसे नहीं सहा जाता कतार, अब मुझे छोड़ दो। फिर ये सुनकर वो और जोश में आ गया, तो उसने माँ को कमर से पकड़कर उल्टा लेटा दिया और खुद भी माँ के ऊपर लेट गया और माँ के कूल्हों के बीच में से अपना लंड माँ की चूत में डालने लगा।

मेरी रंडी माँ को चोदा

अब माँ पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी तो माँ ने भी अपने दोनों पैर फैला दिए और उसे अपना लंड डालने में मदद की। अब वो धीरे- धीरे चालू हो गया और माँ उूउउहह, उउउफफफफफफफफफफफफ्फ आवाज़ के साथ मजे ले रही थी। अब वो पीछे से माँ के दोनों बूब्स कसकर दबा रहा था और सांड की तरह उनकी चूत में अपना लंड पेल रहा था। फिर इस बार वो करीब 1 घंटे तक माँ को पेलता रहा, अब माँ इस बीच में 5 बार झड़ गयी थी। फिर उसने इस बार भी अपना पूरा बीज माँ की चूत में गिराया और 1 घंटे बाद शांत हो गया। तब उसने माँ से पूछा कि कैसा लगा तुझे मेरा लंड रानी? तो माँ बोली कि जैसे में कुँवारी थी और आज मेरी सुहागरात हुई है। अब ये सुनकर वो बहुत खुश हो गया और माँ को अपनी बाँहों में भरकर माँ की चूची पर अपना सर रखकर सो गया और माँ भी बेशर्म की तरह उसके बालों को सहलाने लगी और फिर थोड़ी देर में वो दोनों सो गये और में फिर में अपने तंबू में आकर अकेला ही सो गया।

फिर सुबह करीब 9 बजे मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि माँ मेरे पास बैठी थी, तो मैंने पूछा कि क्या हुआ माँ? तो उन्होंने कहा कि कुछ नहीं। फिर दोपहर को वो माँ को घूमने लेकर गया, तो में भी उनके साथ चल पड़ा, तो उसने बेटा-बेटा करके मुझे बहुत प्यार किया। फिर थोड़ी देर में हम लोग एक झरने के पास आकर पहुँचे। फिर उसने मुझसे कहा कि जाओ बेटा चारो तरफ घूमकर देखो, यहाँ कोई डर नहीं है। फिर मुझे समझ में आया कि इन दोनों को अकेले में रहना है, तो में घूमने चला गया और थोड़ी दूर में एक पेड़ के पीछे से देखने लगा। फिर उसने पहले अपने कपड़े खोले और माँ से कहा कि चलो नहाते है। फिर माँ ने कहा कि नहीं उमेश आ जाएगा। फिर उसने कहा कि नहीं आएगा, वो बच्चा है। फिर माँ ने मना करने की बहुत कोशिश की, तो उसने माँ को अपनी बाँहों में खींच लिया और उनके हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया और बोला कि चाहिए नहीं क्या? तो माँ उनकी तरफ देखते हुए उसका लंड सहलाने लगी और उसने माँ की साड़ी उतार दी। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर उसने माँ का ब्लाउज और पेटीकोट भी उतार दिया तो मैंने देखा कि माँ अंदर कुछ नहीं पहने हुए है। फिर वो माँ को पानी में लेकर गया और माँ को पत्थर के ऊपर सुलाकर माँ की चूत को चाटने लगा और बोला कि तेरी चूत सीमा कितनी मीठी है? अब माँ ने अपनी आँखे बंद कर ली थी। फिर वो माँ के ऊपर लेटकर बड़े प्यार से माँ को पेलने लगा। अब माँ को उसका बड़ा सांड जैसा लंड बहुत प्यारा लगने लगा था। अब माँ ने उसको पकड़ लिया था और उसको चूमने लगी थी। अब वो भी माँ के निप्पल को काटने और चूसने लगा था। फिर माँ उससे कहने लगी कि और ज़ोर से चोदो मुझे, म्‍म्म्मममममम, मुझे मार डालो तुम, तुमने इतना बड़ा लंड कहाँ रखा था? तो उसने कहा कि तेरे लिए संभालकर रखा था रानी और फिर उसके बाद उसने माँ से कहा कि मुझे तेरी गांड का छेद दिखा। फिर माँ ने कहा कि नहीं कतार बहुत छोटा छेद है, तू उसे छोड़ दे।

फिर उसने कहा कि डर मत रानी एक ना एक दिन तो मुझे तेरी कुँवारी गांड को भी फाड़ना है, चल अब दिखा और ये कहकर उसने माँ को उल्टा करके माँ के चूतड़ों को अपने हाथ से फाड़कर माँ की गांड का छेद देखने लगा और बोला कि हाए क्या प्यारा छेद है? ये तो मुझे फाड़ना ही पड़ेगा। फिर माँ डर गयी और बोली कि तुम्हारा 10 इंच लंड उसमें नहीं जाएगा। फिर वो हँसने लगा और माँ की गांड के छेद पर अपनी जीभ रखकर चाटने लगा, अब माँ सिहरने लगी थी। फिर थोड़ी देर के बाद उसने चाटना बंद किया और बोला कि चल इसको में बाद में फाड़ दूंगा, पहले तेरे बेटे को ढूंढते है। फिर उसके बाद उन दोनों ने अपने-अपने कपड़े पहने और मुझे आवाज दी, तो में थोड़ी देर में आ गया। फिर उस दिन शाम को हम लोग मंदिर दर्शन करने गये, तो मंदिर में माँ मुझसे बोली कि तुझे कतार अंकल से डर तो नहीं लगता ना? तो मैंने बोला कि हाँ लगता है। तो उन्होंने कहा कि क्यों? वो तेरे पापा जैसे है, उनसे मत डर, तो में समझ गया कि उनका इरादा क्या है?

अब उस दिन रात को 9 बजे हमारी वापस आने की ट्रेन थी। अब दोपहर के 3 बजे करीब वो माँ को फिर से अपनी कुटिया में बुलाकर 2 घंटे तक बारी-बारी में चोदता रहा और हर बार माँ की चूत को अपनी बीज से भर दिया। अब माँ की गर्दन पर उसके पंजे की निशान आ गये थे। अब माँ की गोरी गांड को उसने थप्पड़ मार-मारकर और मसल-मसलकर लाल कर दिया था। अब माँ बहुत थक गयी थी और वापस अपने तंबू में आकर सो गयी। फिर रात को 7 बज़े उसने खुद हम लोगों को स्टेशन पर छोड़ दिया और हमारा पता ले लिया और फिर हम घर चले आए। अब माँ बहुत खुश नजर आ रही थी, अब पापा जाने के बाद पहली बार माँ बहुत खुश थी। फिर उसके 1 महीने के बाद माँ ने एक दिन पूछा कि तुझे एक भाई या बहन होती तो कैसा लगेगा? तो मैंने कहा कि बहुत अच्छा लगेगा, तो माँ कुछ नहीं बोली।

फिर उसके 3 दिन के बाद एक दिन में स्कूल जाने के लिए तैयार हो रहा था, तो तब अचानक से डोर बेल बजी तो मैंने डोर खोला तो मैंने देखा कि कतार सिंह खड़ा है, तो में उसे घर में लेकर आया। फिर माँ उसको देखकर चौंक गयी और बोली कि आप यहाँ? तो उसने बोला कि बहुत दिन हो गये थे, इसलिए तुम लोगों को देखने आया हूँ। फिर में थोड़ी देर में स्कूल के लिए निकल गया, लेकिन मैंने उस दिन सोचा कि आज में स्कूल नहीं जाऊंगा, तो में 30 मिनट के बाद वापस आ गया और खिड़की से अंदर घुस गया तो मैंने देखा कि वो लोग बैठकर नाश्ता कर रहे थे। अब माँ उसको बोल रही थी कि में आपके बच्चे की माँ बनने वाली हूँ। फिर वो खुशी के मारे माँ को झटके से पकड़कर कसकर चुम्मा लेने लगा। फिर थोड़ी देर के बाद माँ बोली कि अरे पूरा दिन पूरी रात पड़ी है कतार, अभी जाओ जाकर नहा धो लो, तो ये सुनकर वो उठकर नहाने चला गया।

अब में चुप-चुपके सब देखने लगा था, तब माँ सुबह वाली ही नाईटी पहनी हुई थी। फिर वो नहाकर एकदम नंगा बाहर आया, तो तब माँ टेबल साफ कर रही थी, तो उसने माँ को पीछे से पकड़ लिया और माँ की गर्दन में चूमने लगा। अब माँ ने अपनी आँखे बंद कर ली और उन्न्ञननननननणणन करके आवाजे करने लगी। अब वो माँ की नाईटी पीछे से उठाने लगा था और कमर तक उठा दी थी। अब मुझे माँ की गोरी गांड साफ-साफ दिख रही थी। फिर उसने माँ को सामने झुका दिया और माँ की गांड को चूमने लगा। फिर थोड़ी देर के बाद उसने अपनी एक उंगली माँ के मुँह में घुसा दी, तो माँ भी लप-लप करके चूसने लगी। फिर जब उसकी उंगली पूरी भीग गयी तो उसने माँ की कमर को अपने एक हाथ से कसकर पकड़ा और उस उंगली को माँ की गांड के छेद में घुसाने लगा। फिर माँ बहुत ज़ोर से चीख पड़ी म्‍म्माआआआआ बोलकर। फिर उसने माँ से कहा कि अरे रानी ये तो तेरी गांड चुदाई की शुरुवात है, अभी लंड थोड़े ही गया है। फिर थोड़ी देर तक वो माँ की गांड में जबरदस्ती उंगली करता रहा और उसके बाद उसने अपनी उंगली बाहर निकाली और अपने लंड पर थूक लगाया और माँ की गांड के छेद पर अपने लंड का टोपा रखा और धीरे-धीरे धक्के मारने लगा।

फिर जब उसने एक धक्के में अपना आधा लंड घुसा दिया, तो माँ अपना पूरा ज़ोर लगाकर चीख रही थी कि नहीं छोडो मुझे, में मर जाउंगी, आआआआआआआआआ नहीं, लेकिन उसने माँ की एक भी नहीं सुनी और 2-3 झटके मारकर अपना पूरा लंड घुसा दिया और अपना पूरा ज़ोर लगाकर माँ की गांड को पेल रहा था। फिर जब उसने अपना काम ख़त्म किया, तो तब तक माँ की गांड से खून निकलकर टपक रहा था और माँ चलने लायक नहीं थी। अब वो माँ को उठाकर बेडरूम में लेकर गया और सुला दिया। अब माँ इतनी थक गयी थी कि बिल्कुल सो गयी। फिर उसने माँ की गांड से खून साफ किया और माँ को सहलाने लगा और माँ को पकड़कर सो गया और धीरे-धीरे बातें करने लगा। अब माँ उसकी तरफ अपनी पीठ करके सो रही थी, तो वो पीछे से माँ के बूब्स सहला रहा था और प्यार से बोल रहा था कि अब तो तू मेरी बीवी बन गयी है, अब तुझे क्या डर? चिंता मतकर तेरे दोनों छेद को चोद-चोदकर इतना बड़ा बना दूँगा कि तुझे बहुत मज़ा आएगा। अब माँ ने उससे कहा कि आप जब मुझे जबरदस्ती चोदते हो, तब मुझे बहुत अच्छा लगता है। अब ये सुनकर वो और खुश हो गया और माँ को मसलना, सहलाना शुरू कर दिया और फिर थोड़ी ही देर में उसने माँ को फिर से पेलना स्टार्ट कर दिया।

फिर वो हमारे घर में 5 दिन रहा और फिर वो माँ को 5 दिन तक हर तरीके से चोदता रहा, हर जगह पर चोदता रहा, उसने माँ को बाथरूम, ड्रॉईग रूम, बेडरूम, किचन सभी जगह पर बारी-बारी से चोदा था। लेकिन फिर एक दिन सुबह उसने सबसे ज़्यादा कमाल कर दिया, उस दिन सुबह मेरी कोचिंग थी तो में कोचिंग के लिए निकल पड़ा और थोड़ी ही देर में वापस खिड़की से अंदर आ गया। अब माँ उससे पहली रात को बुरी तरह से चुद चुकी थी, तो सुबह मैंने देखा कि माँ नहाकर पूजा के लिए तैयार हो रही है। माँ जब पूजा करती है तो वो खाली एक साड़ी से अपना पूरा बदन ढक लेती है, तो मैंने देखा कि वो भी नहाकर तैयार था।

फिर माँ जैसे ही पूजा वाले रूम में गयी, तो वो भी पीछे-पीछे चला गया। अब माँ सब तैयारी करके पूजा में बैठने वाली थी, तो वो माँ के आसन पर बैठ गया, तो माँ चौंक गयी और बोली कि ये आप क्या कर रहे है? तो उसने बोला कि आज हम भगवान के सामने शादी करेंगे, तो माँ बोली कि कैसे? तो उसने माँ को अपनी गोद में बैठने को कहा और अपना खड़ा हुआ लंड निकालकर उसके ऊपर बैठने को कहा। फिर माँ बैठने लगी, तो उसने माँ की साड़ी पीछे से उठा दी और फिर माँ जब बैठी, तो उसका लंड माँ की चूत में चला गया। फिर उसने माँ को पूजा करने को कहा और पीछे से ठोकता रहा। अब माँ बहुत मुश्किल से पूजा कर रही थी। फिर जब माँ झुककर प्रणाम करने के लिए उठी, तो वो माँ को पीछे से जबरदस्त चोदने लगा, माँ प्रणाम क्या करेगी? म्‍म्म्ममममममआआआआआआहह करके आवाजे निकालने लगी थी। फिर करीब 20 मिनट तक पेलने के बाद उसने माँ को सीधा करके जमीन पर लेटा दिया और माँ की चूत को निहारता रहा, अब माँ की चूत बिल्कुल लाल हो चुकी थी।

अब वो पहले तो अपनी उंगली से ही माँ की चूत को सहला रहा था। फिर थोड़ी देर के बाद वो माँ की चूत की फांको को अपनी दो उँगलियों से अलग करके अपनी जीभ लगाकर चूसने लगा और ये सब वो पूजा वाले रूम के अंदर ही कर रहा था। अब वो बहुत देर से माँ की चूत को खूब मन लगाकर चूस रहा था और मेरी माँ की हालत पूरी तरह बिगड़ गयी थी। अब मेरी माँ पूजा ड्रेस में बिल्कुल रंडी दिख रही थी। फिर उसने अपने दोनों हाथों से माँ के चूतड़ को उठा लिया और अंदर तक चूसने लगा। अब माँ भी अपनी कमर हिला-हिलाकर उससे चुसवा रही थी और फिर थोड़ी देर में माँ ने उसके मुँह पर ही अपना सारा रस छोड़ दिया, जिसको उसने पूरा पी लिया। फिर उसने कहा कि अब तो तुझे भगवान के सामने भी चोद चुका हूँ, तो तू मेरी बीवी बन चुकी है। फिर ऐसे वो 5 दिन तक रहा और मेरी माँ को रंडी की तरह चोदता रहा और माँ भी उसका पूरा सहयोग करती रही। अब उसे जहाँ और जैसे माँ की चूत, गांड, या मुँह चाहिए होती, तो माँ उसे देती रही। फिर वो बहुत खुश होकर चला गया और ऊपर से वो 2 महीने की प्रेग्नेंट भी थी। फिर उसके ठीक 1 महीने के बाद उसकी एक चिट्टी आई और माँ मुझे लेकर फिर से बिलासपुर की तरफ रवाना हो गयी ।।