हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम अशोक हैं नई दील्ली का रहनेवाला हूँ और इस साईट का बड़ा फेन हूँ. कम समय में यहाँ पर मेरी पसंद की कहानियां पढ़ के अब मैं यहाँ रोज आता हूँ. एक दिन मैं सोचा की क्यूँ ना अपनी कहानी भी आप लोगों को बताऊँ. मैं 23 साल का हूँ और यह कहानी मेरी और मेरी कामवाली की हैं. उसका नाम मंगला हैं, उसकी उम्र 20 के करीब थी और वो तब वर्जिन थी. दोस्तों मंगला का फिगर बड़ा ही सेक्सी था और उसकी पतली कमर और थोड़ी बड़ी गांड देख के मेरा मन डोलने लगता था. मेरा मन तो करता था की साली को पकड के पेल दूँ जब वो झाड़ू लगाने के लिए झुकती थी और उसकी गांड पीछे बहार निकलती थी. एक दिन की बात हैं जब मेरे घर पर मेरे अलावा कोई नहीं था और मैं लेपटोप के ऊपर बैठ के काम कर रहा था. तभी मंगला आई कमरे में झाड़ू लगाने के लिए. आज उसने स्कर्ट और टॉप पहना हुआ था (फेशन वाला नहीं लेकिन जो गरीब घर की लड़कियां पहनती हैं सस्ते वाला). उसने रूम में झाड़ू लगाना चालू किया और मेरे हाथ लंड सहलाने लगे. उसके टॉप के पीछे उसकी काली ब्रा दिख रही थी जिसे देख के मैं लंड को और भी सहलाने लगा. मन तो किया की उसे जकड़ लूँ अपनी बाँहों के अंदर लेकिन ऐसा नहीं किया मैंने. और फिर वो कमरे से चली गई.
मैंने कुछ सोचा और मंगला को आवाज दी. वो रूम में आये उसके पहले मैं छिप गया. वो रूम में मुझे देखने लगी. वो आगे बढ़ी और मैंने पीछे से आके अपने हाथ उसकी आँखों पर रख दिए. मैं उसके कान के पास गया और उसे हलके से कहा, मंगला आई लव यु. उसने गुस्से से मेरे हाथो को हटा दिया और चली गई रूम से. मैं उसके पीछे गया और उसके पास माफ़ी मांगने लगा.
मंगला ने कहा की आप माफ़ी क्यूँ मांग रहे हो.
मैंने कहा की तुम नाराज हो इसलिए.
मैं नाराज नहीं हूँ, बस सोच रही हु जवाब देने का.
मैंने कहा, हां कह दो ना डार्लिंग.
उसने थोडा आगे जाके पीछे मूड के देखा और फिर नजाकत से मुंडी हिला के हाँ कह दिया. मैंने उसे फट से हग कर लिया और उसकी चूत के ऊपर मेरे गरम लंड का अहसास देने लगा. वो निचे भाग गई और मैंने अपने आप से कहा, की कहाँ तक भागोंगी मेरे लंड से पेलूँगा मैं जरुर तुम्हें.
बस उस दिन से हमारा प्यार स्टार्ट हो गया. हम अक्सर मेरे रूम में हग करते और मैं उसे सस्ते से गिफ्ट देने लगा. फिर मैंने उसे एक नोकिया का फोन भी पर्चेस कर के दे दिया और मैं उसे फोन करने लगा. वो फोन को अपने बूब्स कके ऊपर ब्लाउज के अंदर छिपा के घर ले जाती थी. उसने कहा की अगर किसी ने फोन देखा तो पंगे हो सकते थे. मैंने उसे कहा की हमेंशा फोन को साइलेंट ही रखे. हम रोज 10-15 मिनिट बात करते थे और मैं उसके बदन की खासकर उसकी गांड और बूब्स की तारीफ़ करता था.
पहले तो वो शर्माती थी लेकिन अब वो भी थोड़ी गंदी बातें करने लगी थी मुझ से.और मौके वाला दिन आ ही गया. एक दिन मेरे घर में कोई नहीं था और मैं ऊपर अपने कमरे में बेड में सोया था. तभी मंगला आई और उसने मुझे कन्धा पकड के हिलाया. मैंने उसका हाथ पकड़ के उसे अपने बेड में खिंच लिया. उसके बूब्स मेरे मुहं के सामने थे और उसके ब्लाउज के ऊपर से आधे बूब्स बहार लटक गए थे जैसे. उसने कहा, क्या कर रहे हो अशोक?
मैं हंस के कहा, अपना हक ले रहा हूँ मेरी जान.
अरे इसकी क्या जरुरत हैं, कोई देख लेगा तो गजब हो जायेंगा.
ऐ घर में कोई होगा तब देखेंगा ना, और मैंने अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिए. मंगला भी रिस्पोंस देने लगी और मुझे चूसने लगी. मैंने पहले उसके ऊपर के होंठ को चखा और फिर निचे के होंठ के ऊपर कस के किस दे दी. मंगला की साँसे मेरी साँसों से टकराने लगी थी. मेरे हाथ उसकी गर्दन के पीछे और दूसरा हाथ कमर के ऊपर था. अब मैंने एक हाथ से उसको कमर से पकड़ा और दुसरे हाथ को धीरे से उसके बूब्स पर ले गया. ब्लाउज में बूब्स ऐसे भरे थे जैसे उन्हें ठूंस ठूंस के भरा गया था. मंगला आह आह करने लगी और मैं उसके बूब्स को मसलने लगा. मंगला के मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी और मैंने उसे और भी जोर से बाहों में दबोच लिया ताकि वो अपनेआप को छुड़ा ना सकें. वो भी मुझे जोर जोर से चूम रही थी होंठो पर और उसके हाथ मेरे गले में थे. मैंने अब हाथ को ब्लाउज के ऊपर से ही अंदर किया और अंदर रखे मोबाइल को निकाल के निचे बेड पर फेंका. अब मैं हाथ से उसकी बूब्स की त्वचा को मसलने लगा. मंगला की सिसकियाँ बढ़ने लगी थी अब…!
मैंने उसके ब्लाउज के बटन खोल दिए और उसकी लाल ब्रा में उसके बूब्स दिखने लगे. मैं बूब्स देख के और भी गरम हो गया और ब्रा को मैं पीछे से खोल दिया. मंगला ने अपने हाथ से बूब्स को ढंकने का प्रयास किया लेकिन वो मेरे हाथ को रोक नहीं पाई बूब्स का पर्दा हटाने से. मैंने उसके हाथ पकड लिए औ उसके जवान चुन्चो को मैं अपने अपनी जबान से जोर जोर से चाटने लगा. मंगला की सिसकियाँ और भी बढ़ गई. अब मैंने उसके बाकी के कपडे भी उतार दिए और उसे बेड में फेंक दिया. मंगला अपनी चूत को हाथ से छिपा रही थी. मैंने जैसे ही अपने कपडे खोले वो मेरे लंड की और देखने लगी.
अब मैं भी नंगा हो के बेड में आ गया. मैंने अपना लंड उसके मुहं के पास रखा और 69 पोजीशन बना ली. मैं उसकी चूत में अपना मुहं डाल के चूसने लगा और मंगला मेरे सुपाड़ें को चूसने लगी. बहुत मजा आ रहा था उसके लंड को चूसने से. और फिर उसने हिम्मत कर के अपने मुहं में लंड को पूरा ले लिया. मेरे बदन में जैसे की करंट का झटका दौड़ गया. मंगला अब मेरे लंड को चूसने लगी और मैं उसकी चूत की को चटवाने लगी. मैंने अब अपनी एक ऊँगली चूत के छेद पार रख दी और उसे सहलाते हुए अपनी जबान से चाटने लगा. मंगला सिसकियाँ उठी और लंड को गले तक लेके चूसने लगी. मैंने ऊँगली उसकी चूत में डाली और उसकी चूत के रस को बहार निकाल कर चखने लगा. उसकी चूतबहुत ही खारी थी और उसे चाटने का मजा ही कुछ और था. मंगला अब हद से ज्यादा कामुक हो गई थी और उसने अब अपनी चूत को मेरे मुहं पर घिसना चालू किया. उसकी चूत के कटे हुए बाल घिस रहे थे और मैं जबान को चूत के अंदर ही दबा के हिला रहा था. और मंगला की चूत ने अपना पानी छोड़ दिया. मैंने उसका पानी पी लिया और उठ गया. अब मैंने अपने हाथ से उसका मुहं पकड़ा और मैं उसके मुहं में लंड से झटके देने लगा. वो भी होंठो से लंड को कस के दबाए हुए थी जिस से दो मिनिट में ही मेरी भी छुट हो गई. मंगला ने सभी वीर्य को अपने गले के निचे उतार लिया.
हम दोनों ही बेड में नंगे लेट गए. वो मेरे सामने देख के हंस रही थी और मैं उसके पेट के ऊपर सो गया. फिर मैंने उसके बूब्स को मसलना चालू किया. मंगला भी मेरे सोये हुए लंड को सहलाने लगी और उसे खड़ा कर दिया. लंड खड़ा हो गया और मंगला उसे मुठ्ठी में दबाती रही.
फिर वो बोली, अब इस राजा को उसके महल में डाल दो ना अशोक.
मैं फट से उठा और उसकी टाँगे फैला के उसके बिच में बैठ गया. उसकी टाईट चूत के ऊपर अपना लंड रख के मैंने एक झटका दिया और उसकी चूत से खून निकल के लंड को मैला करने लगा. मंगला रोने लगी, बाप रे मर गई, बहुत दर्द हो रहाआआआआ है मुझेईईईईईईईईईस्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सईईई….!
मैंने उसकी आवाज को अनसुना कर दिया और उसी वक्त और एक झटके में लंड को आधे से ज्यादा चूत में परो दिया. चूत से खून निकल के चद्दर को ख़राब करने लगा. मंगला अभी भी कराह रही थी. मैंने उसके दर्द को कम करने के लिए उसके निपल्स को चुसना चालू कर दिया. मंगला के हाथ अब मेरे बालों में थे और वो उसे सहला रही थी.
उसकी चूत में अब दर्द कम हो गया और मैं धीरे धीरे उसकी चूत में अपने लंड को अंदर बहार करने लगा. मंगला अब जरा भी सिसकियाँ नहीं ले रही थी और उसका दर्द गायब हो चूका था. वो अपनी गांड को धीरे धीरे हिला रही थी और मुझे सेक्स का मजा दे रही थी. मैंने उसकी दोनों निपल्स को चूसा बारी बारी और अपने लंड को चूत के अंदर बहार करने लगा. मंगला भी अपनी गांड को हिलाने लगी और फिर से मेरे लंड पर उसने चूत को रगड़ना चालू किया. मैंने उसे कमर के पास से पकड़ा और अपनी चुदाई एक्सप्रेस चालू कर दी. मैं जोर जोर से अपना लंड अंदर बहार करने लगा और मंगला भी उतनी ही गति से चूत को घिसने लगी मेरे लंड पर. हम दोनों ही सेक्स के असीम सागर में गोते लगा रहे थे.
मंगला की टाँगे अब मैंने उठा के अपने कंधो आर रख दी और उसे फिर से दर्द का अहसास हुआ लेकिन वो भी अब जानती थी की दर्द कुछ देर के लिए ही होता हैं सेक्स के अंदर. मैं उसकी चूत में अंडकोष तक लंड डालने लगा और वो एक मिनिट में एडजस्ट हो गई उसके साथ. वो भी लंड को मजे देने के लिए अपनी चूत रगड़ने लगी उतनी ही गति से.
मेरे लंड से तभी वीर्य निकल के उसकी चूत पर गिरने लगा. वीर्य की धार निचे गांड की और भी गई थी क्यूंकि दूसरी बार की चुदाई में वीर्य उतना गाढ़ा नहीं रहता हैं. मंगला भी तृप्त हो गई थी. हमने खड़े हो के कपडे पहने और वो खून वाली चद्दर को धोने के लिए चली गई. जब वो बाथरूम से वापस आई तो मैंने उसे पोर्न मूवी दिखाई अपने लेपटोप के ऊपर. और हमने वही दिवार के साथ लग के खड़े खड़े चुदाई की. मंगला बहुत खुश हैं मेरे से आज भी. यह घटना को तो अब दो साल हो गए हैं लेकिन आज भी वो मेरे लंड से उतना ही प्यार करती हैं…! पिछले साल उसकी शादी हो गई और वो ब्याह के अपने ससुराल चली गई. उसकी जगह उसकी छोटी बहन ज्योति काम पर आती हैं, मैं सोचता हूँ की मंगला की मदद से उसकी चूत का ढक्कन भी खोल दूँ…!