मजदूरन की खेत में टाइट चूत फाड़ी

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हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम विजय है और मैं मेहसाणा के एक गाँव में रहता हूँ, घर पर सब लोग मुझे जॉन कहकर बुलाते हैं क्यूँकि मेरी बॉडी और चेहरा जॉन अब्राहम से मिलता है। मेरे पापा एक किसान हैं और हमारी बहुत सारी ज़मीन है। खेती के लिए हम खेत में काम करने के लिए बहुत सारे मजदूर रखते हैं। मेरे लौड़े का आकार 9 इंच है। मैंने अपने कॉलेज की बहुत सारी लड़कियों की खेत में टाइट चूत फाड़ी है और इसी कारण से मुझसे दूसरी बार कोई लड़की नहीं चुदवाती है। मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई करता हूँ इसलिए मैं यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहता हूँ।

मैं एक बार घर गया तो मैंने देखा कि एक मजदूर परिवार रहने के लिए आया था। वो दोनों ही थे और उसकी बीवी मस्त माल लगती थी।
उसे देखने के बाद आप बोलेंगे क्या यह असल में मजदूरन है..!
उसे देखते ही मेरा लंड टाइट हो गया था। बस उस दिन से उसे चोदने का मन बना लिया था, पर बदनसीबी से कोई मौका ही नहीं मिल रहा था।
एक दिन मैं टीवी देख रहा था, तभी मेरी मम्मी ने आवाज़ लगाई कि काली (उसका नाम) को खेत में से चारा लाने के लिए उसकी मदद करो। मैं उसके पीछे-पीछे चलने लगा उसकी मटकती गाण्ड देख कर मेरा लंड टाइट हो गया और चलते-चलते मेरे पैर से ना जाने क्या टकराया.. मैं उसे जा टकराया और मेरे हाथ सीधे उसके मम्मों पर गए।
‘ऐ कुछ किया.. तो मैं तुम्हारी मम्मी को बता दूँगी..’
उसके बाद वो मेरी कैपरी की तरफ देखने लगी जो कि मेरे पैरों के बीच में टेंट बन चुका था। वो मुस्कुरा कर चलने लगी और चली गई। उस बात को दस दिन हो चुके थे।
एक रात को मेरी मम्मी ने कहा- तुम्हारे पापा बाहर गए हैं और रात को नहीं आने वाले हैं, तो तुम खेत में सोने के लिए चले जाओ..!
और मैं टॉर्च लेकर लेकर खेत में चला गया।
मैं आपको बता दूँ कि नॉर्थ-गुजरात में जंगली नील गाय और भुंड का बहुत भय रहता है, वो फसल को खा जाते हैं और नुकसान पहुँचाते हैं।
मैं जाकर खटिया पर लेटा ही था कि मुझे कहीं से रोने की आवाज़ सुनाई दी।
मैं फ़ौरन उठ कर उस आवाज़ की तरफ बढ़ा तो मैंने देखा की वहाँ तो काली हगने बैठी थी। मैंने तुरंत टॉर्च चलाई तो वो हड़बड़ा कर कर खड़ी हो गई। मैंने उसकी उभरी हुई चूत देख ली थी।
वो बोली- तुम यहाँ क्या कर रहे हो..?
तो मैंने कहा- आज मेरे पापा बाहर गए हैं, तो मैं खेत में सोने के लिए आया हूँ।
और फिर मैंने उससे पूछा- तुम रो क्यों रही हो..!
तो वो बोली- मेरी शादी को 8 साल हो गए हैं और मुझे एक भी बच्चा नहीं हैं। उनको उस सब में कुछ मन ही नहीं है।
तो मैंने कहा- मैं तुम्हें औलाद का तोहफा दे सकता हूँ..!
तो वो पहले तो मना करने लगी पर मेरे बहुत कहने के बाद वो मान गई और बोली- ठीक है.. पर ये सब मैं अपने बच्चे के लिए कर रही हूँ।
तो मैंने कहा- ठीक है.. पर तुम्हें ज़रूर संतुष्ट करूँगा, मुझे पता है कि तुम्हारा पति नपुंसक है।
मैं उसे गोद में उठा कर अपनी खटिया पर ले गया। उसे लिटाया और उसे चूमने लगा। धीरे-धीरे वो गर्म होने लगी। मैंने उसके मम्मों को दबाना शुरू कर दिया।

तब तक मेरा हथियार भी खड़ा हो चुका था और उसकी गाण्ड को छूने लगा था।
उसकी गाण्ड पर लौड़े का अहसास होते ही मैंने शॉट मारना शुरू कर दिया और तुरंत मुझे दूर धकेल दिया और बोली- जॉन ये तुम क्या कर रहे हो?
अगली बार मैं उसके मम्मों दबाने लगा और साड़ी के ऊपर से ही उसकी चूत को मसल रहा था। उसकी चूत की गर्माहट मुझे साफ़ महसूस होने लगी। फिर धीरे-धीरे मैंने उसका ब्लाउज उतारा और उसकी चूचियाँ दबाने लगा।
वो अजीब-अजीब सी आवाजें निकालने लगी, कहने लगी- ..ह्ह्ह.. जॉन दबाओ.. उसका सारा रस पी जाओ..
फिर मैंने उसका घाघरा भी उतार दिया और उसकी चूत को देखने लगा।
फिर उससे कहा- तुम्हारा पति साला मादरचोद है… उसने तुम्हें कभी चोदा ही नहीं है। ऐसा लगता है कि तुम्हारी चूत अभी तक कुँवारी ही है।
वो बोली- तुम सही कह रहे हो… हम लोग सिर्फ़ नाम के पति-पत्नी हैं, पर पति पत्नी के बीच जो होता है, वैसा बिल्कुल नहीं होता है। सुहागरात के दिन भी उन्होंने कुछ भी नहीं किया था और मैं करवट बदल कर रोने लगी थी। तुम मुझे चोदने वाले पहले आदमी बनोगे..!
और फिर मैं उसकी चूत को चाटने लगा और वो आवाज़ निकालने लगी- आह चूऊऊदो मुझे, इसका सारा रस निकाल दो..!
फिर मैंने अपना 9 इंच का लंड निकाला तो वो देखकर ही डर गई और बोली- इतना बड़ा लंड तो मैं नहीं ले पाऊँगी। मेरे पति का लंड तो 3 इंच भी मुश्किल से होगा..!
मैं बोला- डरो मत हनी.. इस छोटे से छेद में से तो एक दिन बच्चा भी निकलेगा, तो इस लंड की तो क्या औकात है..! लो इसे चूसो और इसका सारा माल निकाल दो..!”
वो मना करने लगी और बोली- मैं तुमसे इस लिए चुदवा रही हूँ, क्यूँकि तुमसे मुझे एक बच्चा मिलेगा और तुम तो अपने मज़े के लिए ये करवा रहे हो..!
मैंने उसके बाल पकड़े और कहा- चाट इसे… साली रंडी… बहुत नाटक कर रही है..!
और मैंने अपना लंड उसके मुँह में ठूँस दिया और एक ही झटके में पूरा लंड उसके गले तक डाल दिया। वो सांस भी नहीं ले पा रही थी, फिर मैंने बाहर निकाला।
फिर वो बोली- तुम जबरदस्ती मत करो.. मैं चूसती हूँ..!

और वो चाटने लगी और मैं तो स्वर्ग में पहुँच गया और फिर मैं झड़ने वाला था, तो उसका सिर पकड़ कर ज़ोर से आगे-पीछे करने लगा और एक शॉट में मेरा लंड उसके गले में उतर गया और मैंने अपना सारा माल उसके मुँह में ही छोड़ दिया।
वो भी उसे पी गई और बोली- इसका स्वाद बहुत ही अच्छा है..!
मेरे लौड़े से पानी निकल जाने के कारण लौड़ा कुछ शिथिल जरूर हो गया था पर उसने मेरे लौड़े को फिर से चूसा तो वो फिर से खड़ा हो कर लहराने लगा।
मैंने उसे रोका तो बोली- क्या हुआ और चूसूँ..?
मैंने कहा- नहीं बस ठीक है.. चल अब तेरी चूत को भी इसका स्वाद चखाता हूँ।
फिर मैं अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा। मुझे उसकी चूत की जगह कोई लावा जैसा महसूस हो रहा था। फिर मैंने अपना लंड धीरे से उसकी चूत में पेला, मुश्किल से मेरे लंड का सुपारा ही अन्दर गया और वो चिल्लाने लगी। मैंने अपने होंठ उसके होंठ पर रख कर चूसने लगा और फिर एक जोरदार शॉट मारा। अबकी बार 3 इंच अन्दर गया और उसकी चूत में से खून बहने लगा।
फिर वो दर्द से कराहते हुए बोली- अब मुझसे नहीं सहा जाता..!
पर मैंने फिर एक शॉट मारा और पूरा लंड अन्दर चला गया और वो जोर से चीख पड़ी और बेहोश हो गई..!
और मैंने उसके होश में आने तक कुछ नहीं किया। साली ने मुझे बहुत तड़पाया था, अब उसकी बारी थी। फिर दस मिनट बाद उसको होश आया और मैं आगे-पीछे होने लगा।
आह.. क्या मज़ा था.. सुनसान रात और खटिया की चूँ..चूँ की आवाज़ मुझे मदहोश कर रही थी..!

फिर थोड़ी देर कराहने के बाद वो भी मुझे गाण्ड उँची करवा कर चुदवाने लगी। करीब आधे घंटे की धकापेल के बाद वो झड़ गई और उसका लावा मुझे महसूस हो रहा था। उसके माल की गर्मी से मुझे बड़ा उत्तेजक लग रहा था। करीब दस मिनट के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा ली और फिर मैं और वो साथ में झड़ गए और फिर उस रात मैंने उसे करीब 6 बार चोदा।
उसके बाद तो वो मेरे लौड़े पर फ़िदा हो गई और हम एक साल तक वैसे ही मौका मिलते ही एक-दूसरे में खो जाते थे। फिर 9 महीने और 4 दिन बाद उसे एक बच्चा भी हुआ। उसके पति को भी पता चल गया कि वो मेरा बच्चा था।
फिर वो उसे मेरे पास खुद ही चुदवाने लाता था और बोलता था- मैंने इसे कभी नहीं चोदा और मैं इसके पास नहीं जाता हूँ, क्यूँकि यह जब गर्म हो जाती हैं तो मैं इसे संभाल नहीं पाता हूँ।